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सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी में खतरे और चुनौतियां

सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी में खतरे और चुनौतियां

ऐसी चर्चाएं होती रहती हैं कि सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी से बच्चे को जन्म दे सकती है क्या? कुछ परिस्थितियों में यह स्वीकार किया गया है कि सिजेरियन डिलिवरी से गुजरने वाली महिलाएं बाद में वजायनल डिलिवरी का प्रयास कर सकती हैं। कई महिलाएं हैं, जो ऐसा करके मां बनने में कामयाब रही हैं।

बता दें कि यदि वजायनल डिलिवरी का यह ट्रायल असफल होता है, तो महिला को सिजेरियन सर्जरी से गुजरना पड़ेगा। अध्ययनों में पाया गया है कि सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी का प्रयास करने वाली महिलाएं कामयाब हुई हैं और सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी के मामले बढ़े हैं। जानिए सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी के बारे में अधिक जानकारी।

और पढ़ें: नॉर्मल डिलिवरी और सिजेरियन डिलिवरी में क्या अंतर है?

सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी:  सिजेरियन डिलिवरी के जुड़ें अध्ययन

साल 2010 से लेकर दिसंबर 2011 के बीच महाराष्ट्र के प्रवारा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एक अध्ययन किया गया। आस-पास के ग्रामीण एवं शहरी इलाकों से यहां पर सबसे ज्यादा सिजेरियन के केस आते हैं।

इस अध्ययन में 100 महिलाओं को शामिल किया गया था।  यहां करीब 6,000 डिलिवरी होती हैं। इनमें  22- 24 फीसदी मामले सिजेरियन डिलिवरी के होते हैं।  77 प्रतिशत मामलों में महिलाओं की पिछली सिजेरियन डिलिवरी और मौजूदा प्रग्नेंसी में दो वर्ष से ज्यादा का अंतर था। अध्ययन में पाया गया कि 85 प्रतिशत महिलाओं ने वजायनल डिलिवरी से शिशु को जन्म दिया जो पहले सिजेरियन डिलिवरी से गुजर चुकी हैं। वहीं 15 प्रतिशत मामलों में दोबारा सिजेरियन डिलिवरी करानी पड़ी।

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नॉर्मल डिलिवरी के लिए उपलब्ध हो आपात सेवा

डॉक्टर रीना के मुताबिक, ‘सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी की जा सकती है। बशर्ते महिला के लिए तुरंत और सभी आवश्यक चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो। वजायनल डिलिवरी के लिए महिला का मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार होना भी बहुत जरूरी है। वहीं, सिजेरियन डिलिवरी के बाद वजायनल डिलिवरी में खतरों के साथ कुछ चुनौतियां भी होती हैं। इन चुनौतियों के लिए आपके पास चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए।

दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी स्थिति खंडेलवाल क्लीनिक की गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर रीना खंडेलवाल ने कहा, ‘सिजेरियन डिलिवरी के बाद वजायनल डिलिवरी कराई जा सकती है या नहीं। इस पर काफी चर्चा की जाती है। कई बार मरीज को लगता है कि डॉक्टर फिजूल में उनके शरीर में चीर-फाड़ करते हैं जो कि गलत है।’

और पढ़ें: सिजेरियन के बाद क्या हो सकती है नॉर्मल डिलिवरी?

सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी से संबंधित फैक्ट

सिजेरियन डिलिवरी के बाद वजायनल डिलिवरी में कई खतरे एवं चुनौतियां होती हैं। हालांकि, यह खतरे दोबारा सिजेरियन डिलिवरी के मुकाबले कुछ कम होते हैं। वहीं वजायनल डिलिवरी का ट्रायल असफल होने पर सिजेरियन डिलिवरी की जाती है, जो और भी ज्यादा मुश्किल होती है। ऐसी स्थिति में आने वाली मुश्किलों को कम करने के लिए आपातकालीन सिजेरियन डिलिवरी करने की जरूरत होती है।

अगर महिला का सी- सेक्शन वर्टिकल है तो आप सी सेक्शन के बाद वजायनल वर्थ का ऑप्शन नहीं चुन सकते। ऐसे में पुराने घाव (टांके) खुलने या फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं। जो कि बच्चे और महिला दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आपको फिर से सी- सेक्शन कराना होगा।

इस स्थिति में हैवी ब्लीडिंग भी एक बड़ा खतरा है, जो मां और शिशु के लिए जानलेवा हो सकता है। कुछ मामलों में ब्लीडिंग को रोकने के लिए गर्भाशय निकाल दिया जाता है। यदि एक बार गर्भाशय निकाल दिया गया तो वह महिला दोबारा कभी गर्भवती नहीं हो सकती हैं।

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सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी: गर्भनाल का खतरा

इस पर दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर स्थित सपरा क्लीनिक की गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर एस के सपरा ने कहा, ‘कई बार गर्भनाल बच्चे की गर्दन में एक से ज्यादा बार लिपट जाती है। ऐसी स्थिति में वजायनल डिलिवरी करते वक्त जब बच्चे को बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है तो शिशु के गले में यह गर्भनाल एक फंदे की तरह लिपट सकती है।’ इसे भी वजायनल डिलिवरी की एक चुनौती की तरह देखा जा सकता है।

महिलाएं जो सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी के ट्रायल से गुजरती हैं उनमें घाव खुलने के मामले बेहद कम हैं। यदि आप भी सिजेरियन डिलिवरी के बाद वजायनल डिलिवरी का विचार कर रही हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि जहां पर आप बच्चे को जन्म दें वहां हर स्थित स्थिति से निपटने के लिए जरूरी सुविधाएं मौजूद हों। साथ ही इस विषय में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

सिजेरियन डिलिवरी क्यों की जाती है

सिजेरियन डिलीवरी आमतौर पर तब की जाती है जब गर्भावस्था से होने वाली जटिलताएं पारंपरिक वजायनल डिलिवरी को मुश्किल बनाती हैं। इसके अलावा अगर वजायनल डिलिवरी में यदि मां या बच्चे की जान को खतरा होता है, तो भी सी-सेक्शन या सिजेरियन डिलिवरी का रास्ता चुना जाता है। कभी-कभी गर्भावस्था में सिजेरियन डिलिवरी की योजना पहले ही बना ली जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में प्रसव या लेबर के दौरान जटिलताएं आने पर इसका किए जाने का निर्णय लिया जाता है।

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सिजेरियन डिलिवरी के कारणों में शामिल हैं:

  • बच्चे के विकास में समस्या होने पर
  • बच्चे का सिर बर्थ कनाल के लिए बहुत बड़ा होने पर
  • बच्चा का पैर पहले बाहर आने की स्थिति में
  • गर्भावस्था की शुरुआती जटिलताओं के कारण भी सी सेक्शन का रास्ता चुना जा सकता है
  • मां की स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे उच्च रक्तचाप या अस्थिर हृदय रोग
  • मां के अगर सक्रिय जननांग दाद है, जो बच्चे को प्रेषित हो सकता है
  • पहले भी सिजेरियन डिलीवरी की गई हो
  • प्लेसेंटा के साथ समस्याएं, जैसे प्लेसेंटा एब्डॉमिनल या प्लेसेंटा प्रीविया
  • गर्भनाल के साथ समस्याएं
  • बच्चे को कम ऑक्सीजन की आपूर्ति
  • प्रसव के रूक जाने पर
  • बच्चे का कंधा पहले बाहर आने पर

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सिजेरियन डिलिवरी के जोखिम

सिजेरियन डिलिवरी दुनिया भर में काफी तेजी से प्रचलित हो रही है। लेकिन, यह भी जाने लें कि यह सर्जरी मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। जटिलताओं से बचने के लिए आज भी प्राकृतिक प्रसव सबसे कम जोखिम वाला तरीका है। सिजेरियन डिलीवरी के जोखिमों में शामिल हैं:

  • अत्यधिक खून बहना
  • खून के थक्के जमना
  • बच्चे के लिए सांस लेने में तकलीफ, खासकर अगर गर्भावस्था के 39 सप्ताह से पहले हो
  • भविष्य के गर्भधारण के लिए जोखिम में वृद्धि
  • संक्रमण
  • सर्जरी के दौरान बच्चे को चोट लगने की आशंका
  • अन्य अंगों को सर्जिकल चोट
  • हर्निया और पेट की सर्जरी की अन्य जटिलताएं

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सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी सुरक्षित नहीं है, यदि:

  • अतीत में आपने सी-सेक्शन कराया हो और आपका चीरा कम
  • पिछली गर्भावस्था में गर्भाशय का बाहर आना
  • यह तब होता है जब लेबर के दौरान गर्भाशय का टूटना, हालांकि ऐसा बहुत कम बार होता है
  • गर्भाशय पर एक्टेंसिव सर्जरी हुई है
  • गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ स्वास्थ्य स्थितियां या जटिलताएं हैं जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, जेनिटल हर्पीस या प्लेसेंटा प्रिविया

सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी पर विचार करने वाली महिलाओं के लिए सलाह:

  • यदि आप सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी के बारे में सोच रही हैं, तो अपने स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं को लेकर अपने चिकित्सक से बात करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि आपके पास आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री हो, जिसमें आपके पिछले सी-सेक्शन और किसी अन्य गर्भाशय प्रक्रिया के रिकॉर्ड शामिल हैं।
  • आपके हेल्थ केयर प्रोवाइडर आपकी सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी को लेकर संभावना की गणना कर सकता है।

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उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में सिजेरियन के बाद वजायनल डिलिवरी में खतरों से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इस लेख से जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतर होगा आप किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Vaginal birth after cesarean (VBAC):  https://www.marchofdimes.org/pregnancy/vaginal-birth-after-cesarean.aspx Accessed September 1, 2020

 

 

Current Version

27/10/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi

Updated by: Bhawana Awasthi


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और द्वारा फैक्ट चेक्ड

Bhawana Awasthi


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/10/2021

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