और पढ़ें: शिशु की गर्भनाल में कहीं इंफेक्शन तो नहीं, जानिए संक्रमित अम्बिलिकल कॉर्ड के लक्षण और इलाज
क्या डिलिवरी के बाद स्टूल पास करने में दिक्कत होना नॉर्मल है?
जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तब तो मां को परेशानी होती ही है। लेकिन यह भी सच है कि बच्चा पैदा होने के बाद परेशानियों का अंत नहीं होता है। डिलिवरी के बाद बहुत सारी मांओं को कब्ज की शिकायत रहती है। डिलिवरी के बाद पहले पूप के लिए मां को दो से तीन का इंतजार करना होता है। हालांकि कुछ महिलाओं में यह जल्दी हो जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, डिलिवरी के बाद स्टूल पास करने में दिक्कत होना नॉर्मल है। बहुत सारी चीजें पोस्टपार्टम बोवेल मूमेंट को प्रभावित करती हैं। जैसे हॉर्मोन, आप क्या खाते हैं और आप कितना पीते हैं।
डिलिवरी के बाद स्टूल पास करने में होने वाले असहनीय दर्द का कारण
1. पेल्विक मसल्स का चोटिल होना
गर्भावस्था और प्रसव के वक्त पेल्विक मसल्स में खिंचाव आने के साथ वह चोटिल हो जाती हैं। पेल्विस मसल्स एनल को नियंत्रित करती हैं। खिंचाव या चोटिल होने की स्थिति में महिला का गैस पास करने पर नियंत्रण कम हो जाता है।
2. गर्भाशय संकुचन
बच्चे को जन्म देने के बाद आपका गर्भाशय वापस अपने सामान्य आकार में सिकुड़ने लगता है, जिससे यह अनुबंध और ऐंठन करता है।
3. डिलिवरी के बाद स्टूल पास करते वक्त टांकों में दर्द
सिजेरियन डिलिवरी से शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को टांके लगने के चलते स्टूल पास करते वक्त सबसे ज्यादा दर्द होता है। अक्सर छींकते या हंसते वक्त टांकों पर जोर पड़ता है। जिसके चलते उन्हें उस हिस्से में दर्द का अहसास होता है। वहीं स्टूल पास करते वक्त उन्हें भारी जोर लगाना पड़ता है। जिसका सीधा असर उनके टांकों पर पड़ता है। इसकी वजह से उन्हें भारी दर्द से गुजरना पड़ता है।
दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर में स्थित सपरा क्लीनिक की सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर एस के सपरा के मुताबिक, ‘ इस दौरान कमजोरी की वजह से महिलाओं के शरीर में थकावट आ जाती है, जिसकी वजह से कई बार वे दो से तीन दिन तक वॉशरूम नहीं जाती। इसकी वजह से स्टूल सख्त हो जाता है और कब्ज की समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से स्टूल पास करते वक्त भारी जोर लगाना पड़ता है और भारी दर्द से जूझना पड़ता है।