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फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली एलर्जी से कैसे बचाएं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार शिशु को छह महीने तक मां के दूध पर ही रखना चाहिए। इससे मां के दूध के द्वारा बच्चे में सभी पोषक तत्व जाते हैं। इसके लिए मां को अपनी डायट पर ध्यान देना होता है। मां के द्वारा खाई जा रही चीजों से बच्चे में फूड एलर्जी के लक्षण नजर आए तो मां को दोबार उन फूड्स को नहीं खाना चाहिए। फिलहाल ऊपर बताई गई चीजों के सेवन से मां को बचना चाहिए।
फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान मां को क्या खाना चाहिए?
फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान मां को निम्न चीजें अपनी डायट में शामिल करना चाहिए :
स्टार्च युक्त भोजन
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां को संतुलित आहार (Balanced Diet) में स्टार्च को जरूर शामिल करना चाहिए। स्टार्च कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है। स्टार्च में पाया जाने वाला फाइबर बच्चे की हड्डियों और त्वचा के लिए बहुत जरूरी होता है। स्टार्च के लिए आप मिक्स अनाजों के आटे से बनी रोटी, चावल, सूजी, जौ (Oats), आलू, ब्रेड आदि खा सकता हैं।
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फलों और सब्जियों को करें शामिल
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां को अपने डायट में फल और सब्जियों को जरूर से शामिल करना चाहिए। सब्जियों औरण् फलों से कई तरह के मिनरल्स और विटामिन्स मिलते हैं। आप फलों और सब्जियों में स्ट्रॉबेरी, पालक, अंगूर, शिमला मिर्च, सेब, सेलरी, प्याज, आलू, मक्का, एवोकाडो, अनानास, मटर, आम, बैंगन, कीवी आदि को शामिल कर सकते हैं।
आयरन युक्त चीजें खाएं
प्रेग्नेंसी में तो आयरन की गोलियां दी जाती हैं, जिससे गर्भवती महिला को एनीमिया ना हो सके। इसके बाद ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान मां को आयरन युक्त भोजन लेना चाहिए। इससे बच्चे के शरीर में आयरन की मात्रा मां के दूध से पहुंचती है। मां को अपनी डायट में अंकुरित फलियां, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, मांस, मछली और अंडे (नॉनवेज तभी शामिल करें, जब बच्चे को इनसे फूड एलर्जी ना हो) आदि को शामिल करना चाहिए।
कैल्शियम लेना ना भूलें
बच्चे को हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम का सेवन बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अपने डायट में कैल्शियम की मात्रा को शामिल करें। मां को अपने दूध में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने के लिए दूध, सहजन, बादाम, काजू, चावल, कैल्शियम फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन करना चाहिए।
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प्रोटीन है जरूरी
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां को 80 ग्राम प्रोटीन की रोजाना जरूरत होती है। इसके लिए मां अपनी डायट में फलियां, दाल, मेवे, अंडा, मछली, मांस आदि को शामिल कर सकती है। स्तनपान कराने वाली महिला को ध्यान देना चाहिए कि वह प्रोटीन की पूरी मात्रा एक साथ न लें, बल्कि दो से तीन बार में लें। प्रोटीन के सेवन से बच्चे की कोशिकाओं, मांसपेशियों और त्वचा का अच्छा विकास होता है। इसके अलावा हॉर्मोंस, एंटीबॉडीज और एंजाइम्स बनाने में भी मददगार होता है।
विटामिन्स के लिए खाएं ये चीजें
विटामिन-ए, विटामिन सी और विटामिन डी बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। विटामिन ए के लिए गाजर, अंडे, टमाटर, शिमला मिर्च, मटर, आम, मछली का तेल आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-सी के लिए आंवला, संतरा, अमरूद, मौसमी, पपीता, खट्टे फल आदि खाना चाहिए। खट्टे फलों में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है। विटामिन-डी के लिए मां को सुबह हल्की गुलाबी धूप में बैठना चाहिए। इससे शरीर को विटामिन डी मिलता है। इसके अलावा फोर्टिफाइड अनाज, तैलीय मछलियां आदि विटामिन डी के अच्छे स्रोत है।
आपको बता दें कि अंडे, मछलियां, चिकन, मटन और अन्य किसी भी तरह के मांसाहार को अपनी डायट में तभी शामिल करें, जब फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के बाद कोई एलर्जी देखने को ना मिलें। अगर एलर्जी के लक्षण सामने आते हैं तो मांसाहार का सेवन ना करें। इस तरह से आपने जाना कि फूड सेंसिटिव बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कैसे करा सकते हैं। उम्मीद है कि ये आर्टिकल आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।