जौ यानी बार्ली (Barley) एक पौधा है। इन अनाज के दाने का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसे जौ (Barley) माल्ट, स्प्राउटेड जौ, स्प्राउटेड जौ माल्ट भी कहा जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन और खनिजों से समृद्ध संपूर्ण अनाज है। प्राचीन काल से ही इस अनाज का इस्तेमाल धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। संस्कृत में इसे “यव’ कहा जाता है। भारत के साथ-साथ रूस, यूक्रेन, अमेरिका, जर्मनी और कनाडा में भी मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। साथ ही, जौ का इस्तेमाल (Use of barley) लोग दवा बनाने के लिए भी करते हैं।
इस आनाज का सेवन लो ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ वजन घटाने, दस्त की समस्या, पेट दर्द, और आंत संबंधित परेशानियों के उपचार के लिए भी किया जाता है। यह पेट की सूजन कम करने के साथ ही पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियों रे उपचार में भी लाभकारी होता है। कुछ लोग फोड़े के इलाज के लिए इस अनाज के पेस्ट को सीधे त्वचा पर लगाते हैं। इसके अलावा इस अनाज का इस्तेमाल प्राकृतिक रूप में बीयर पीने और अन्य तरह के शराब बनाने के लिए भी किया जाता है।
और पढ़ेंः Liver Extract: लिवर एक्सट्रैक्ट क्या है?
इस अनाज का इस्तेमाल बीयर बनाने में भी किया जाता है। इस अनाज का उपयोग ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के साथ वजन घटाने के लिए भी किया जाता है। यह डायरिया की समस्या, पेट दर्द, और डाइजेशन की समस्या में भी लाभदायक होता है।
गले में समस्या होने परः इस अनाज के आटे में धनिये की हरी पत्तियों का रस मिलाकर प्रभावित गले के स्थान पर लगाने से गले की समस्या दूर हो जाती है।
मधुमेह (डायबटीज): इस अनाज को छिलके सहित भून कर उसके पाउडर बनाएं। फिर उसका पानी और शहद के साथ मिलाकर सत्तू की तरह उनका पेस्ट बना कर उसका इस्तेमाल करें। कुछ दिनों तक इसके नियमित सेवन से डायबिटीज की समस्या से राहत पाई जा सकती है।
जलन की समस्या मेंः जौ का इस्तेमाल (Use of barley) गर्मी शांत करने के लिए भी किया जाता है। गर्मी के कारण शरीर में जलन हो रही हो, तो जौ (Barley) का सत्तू खाना चाहिए।
कुछ लोग ताकत और धीरज बढ़ाने के लिए जौ का इस्तेमाल (Use of barley) करते हैं। यह, कैंसर और ब्रोंकाइटिस के इलाज में भी उपयोगी होता है। फोड़े के इलाज के लिए इस अनाज को त्वचा पर लगाया जाता है।
यह हर्बल सप्लीमेंट कैसे काम करता है, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। हालांकि, कुछ स्ट्डीज के अनुसार हैं:
इस अनाज में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम कर सकता है। जौ (Barley) रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा, जौ (Barley) में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखने में प्रभावकारी है और भूख को नियंत्रित करता है।
और पढ़ें :Flax Seeds : अलसी के बीज क्या है?
बार्ली यानी जौ का इस्तेमाल (Use of barley) से ब्लड शुगर का लेवल कम हो सकता है। जिसकी वजह से सर्जरी के दौरान और बाद में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए निर्धारित सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले जौ का उपयोग करना बंद कर दें।
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान इस अनाज का दवाई के रूप में हाई डोज नहीं दिया जाना चाहिए।
सीलिएक डिजीज या बार्ली को लेकर सेंसटिविटीज होने वाले मरीजों को जौ के उपयोग से बचना चाहिए। इस अनाज के इस्तेमाल से ब्लड शुगर का लेवल कम हो सकता है। ऐसे कंडीशन में आपकी डायबटिज की दवाइयों को एडजस्ट करने की जरूरत पड़ सकती है।
जौ (Barley) में डर्मेटाइटिस, अस्थमा और जानलेवा रिकरेंट एनाफिलेक्सिस सहित कुछ साइड इफेक्ट्स हैं।
हर कोई इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव नहीं करता है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो ऊपर की लिस्ट में शामिल नहीं हों।यदि आप साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह जरूर लें।
यहां दी गई जानकारी डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। हमेशा इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ें :Protein powder : प्रोटीन पाउडर क्या है?
जौ (Barley) का कोलेस्ट्रॉल पर कैसे प्रभाव पड़ता है? इस का इवाल्युएशन करने वाले अधिकांश ट्रायल्स में 3 से 10 ग्राम तक की खुराक का उपयोग रोजाना किया गया है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जौ का कम से कम 3 ग्राम हर दिन सेवन करने के लिए सुझाव दिया जाता है।
हर मरीज के लिए जौ (Barley) की खुराक अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। जड़ी बूटी हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
जौ नीचे बताए गए रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
यह सप्लिमेंट भोजन में शामिल हो सकता है, हालांकि इसका कोई खास रूप उपलब्ध नहीं हैं। हैलो हेल्थ ग्रुप डॉक्टरी सलाह, डायगनोसिस या इलाज नहीं करता है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है। जौ का इस्तेमाल (Use of barley) करने से पहले आप चाहे, तो एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।