टीथिंग : बच्चों के दांत निकलना जब शुरू होते हैं तो उन्हें ब्रेस्टफीडिंग कराना कठिन हो सकता है। इस समय शिशु अक्सर स्तनपान से इंकार करने लगते हैं। अगर शिशु की टीथिंग के दौरान स्तनपान करते समय आपके ब्रेस्ट्स को काट लेता है, तो ऐसी स्थिति में उस पर चिल्लाएं नहीं। हो सकता है चिल्लाने से आपका बच्चा डर जाए और फिर वह स्तनपान से इंकार करने लगे।
मुंह की बनावट : यदि नवजात शिशु के मुंह या होंठों की बनावट में थोड़ी-सी भी असामान्यताएं हैं तो यह स्तनपान से इंकार की वजह बन सकता है क्योंकि ऐसे में उसे ब्रेस्टफीडिंग में समस्या होगी।
शिशु का समय से पहले जन्म : समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु शारीरिक रूप से काफी कमजोर होते हैं। हो सकता है इस वजह से वे निप्पल को पकड़ने और सक करने में सक्षम न हों। इस वजह से उनमें स्तनपान करने में कठिनाई पैदा हो सकती है।
अन्य कारण : बच्चे को एक ही तरफ से स्तनपान करवाया जाना और उसकी खराब सकिंग एबिलिटी के चलते भी स्तनपान से इंकार शिशुओं में देखने को मिलता है।
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मां से जुड़े स्तनपान से इंकार के कारण
असामान्य खुशबू या स्वाद : किसी भी तरह के नए साबुन, परफ्यूम या लोशन के इस्तेमाल से आपकी बॉडी ऑडर में बदलाव के कारण भी बच्चा ब्रेस्टफीडिंग स्ट्राइक पर जा सकता है।
फीडिंग में देरी : प्रसव के बाद मां का किसी वजह से शिशु को स्तनपान न करा पाने की वजह से भी बच्चे स्तनपान से इंकार करते हैं। नतीजन, ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान शिशु आपको बाइट भी कर सकता है।
व्यस्त वातावरण : अगर मां के आसपास का माहौल शांत नहीं है तो बच्चा स्तनपान से विचलित हो सकता है।
ब्रेस्ट मिल्क के स्वाद में परिवर्तन : मां के द्वारा खाए गए भोजन, दवा या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीरियड्स के कारण स्तनों में दूध का स्वाद बदल सकता है। इससे भी शिशु स्तनपान से इंकार करना शुरू कर देता है।