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बच्चे की जरूरत को समझें
दांत निकलने से बच्चों के मसूड़ों में दर्द होता है। इससे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और काटने लगते हैं। इसलिए जब भी बच्चे के दांत के निकलने लगे तो उन्हें दांत निकलते समय इस्तेमाल किए जाने वाले खिलौने दें, या अपने साफ अंगुली से बच्चे के मसूड़ों की मसाज करें।
शिशु की इस हरकत पर चिल्लाएं नहीं
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय अगर शिशु आपके स्तनों को काट लेता है, तो ऐसी स्थिति में चिल्लाएं नहीं। आपके चिल्लाने से आपका बच्चा डर सकता है और स्तनपान करना बंद भी कर सकता है। टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय अगर शिशु काट लेता है, तो धीरे से (एकदम नहीं) उसे स्तन से हटा लें। शिशु को अपनी बातों और इशारों से समझाएं कि उसके ऐसा करने से मां को तकलीफ होती है और वो ऐसा न करें। अगर वो ऐसा फिर भी करता है तो उसे दूध मिलने में मुश्किल हो सकती है। हालांकि, आपकी इन बातों को आपका बच्चा एक या दो बार में नहीं समझेगा लेकिन धीरे-धीरे आपके इस तरह से उसे समझाने से वो दो से तीन में ही आपकी बातों को समझ लेगा।
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ज्यादा दर्द होने पर टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग न कराएं
शिशु को दांत निकलते समय मसूड़ों और आसपास की त्वचा में तेज दर्द होता है। जिसके कारण बच्चे अचानक से जोर-जोर से रोना शुरू कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे शिशु भूख लगने पर ही रोते हैं। इसलिए दांत निकलने के दर्द की वजह से शिशु के रोने की आदत को उसकी भूख म समझें। अगर ऐसी गलती करेंगे, तो बच्ची दर्द की वजह से खीज कर आपके स्तनों को जोर से काटने लग सकता है। कोशिश करें कि बच्चे को ज्यादा भूख लगने से पहले ही स्तनपान करवा दें। इससे बच्चे को भूख नहीं लगेगी और वो जब भी दांत के दर्द की वजह से रोना शुरू करेगा तो उसे संभालने में भी आपको ज्यादा आसानी हो सकता है।
मसूड़ों को आराम दिलाने वाले खिलोने दें
मार्केट में ऐसे कई खिलौने भी आते हैं, जिनका इस्तेमाल टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के लिए किया जा सकता है। दांत निकलने के दर्द के कारण जब भी बच्चा रोना शुरू करे, तो उसे आप वो खिलौना दे सकते हैं। ताकि बच्चा अपनी खींज उस खिलौने पर निकाल सके।
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टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के क्या कोई फायदे भी हैं।
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के लिए मामले पर कई अध्ययन किए गए हैं। जिसमें से एक अध्ययन के आंकड़े के बारे में हम आपको बता रहे हैं। यह अध्ययन 2015 में अमेरिकन बाल रोग विशेषज्ञों ने करवाया था। जिसे साल 2017 में अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के जनर्ल में प्रकाशित भी किया गया है। अध्ययन के दौरान पाए गए आंकड़ो के मुताबिक ऐसे शिशु जिन्होंने जन्म के 6 माह तक लगातार मां का दूध पिया हुआ है, बड़े होने पर उनमें दातों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं के होने का जोखिम कम देखा गया। जैसे, दांतो के बीच में जगह बनना, कमजोर दांत, बहुत जल्दी सड़ने वाले दांत या मसूड़ों से जुड़ी तमाम समस्याओं के जोखिम बहुत ही कम हो जाते हैं।
स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच के बीच का लगाव कई गुना तक बढ़ जाता है। दोनों की बीच स्ट्रांग बॉन्डिंग भी होती है। इस दौरान आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी होती है। इस तरह की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर आप इस पल को और भी ज्यादा आनंदमय और खूबसूरत बना सकती हैं।
अगर आपको टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराने से किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।