उन्होंने कहा कि प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के वक्त महिला की रीढ़ की हड्डी पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है। कई मामलों में डिलिवरी में पुशिंग करते वक्त महिलाओं को स्पाइन में दिक्कत हो जाती है। जो लोअर बैक पेन के रूप में सामने आती है। प्रेग्नेंसी के तुरंत बाद महिला की बॉडी को अतिरिक्त मात्रा में न्यूट्रिशन की आवश्यकता होती है। ऐसे में गोंद के लड्डू उनकी सेहत के लिए फायदेमंद रहते हैं।
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गोंद के लड्डू में होता है भरपूर न्यूट्रिशन
डॉक्टर सुनीता ने कहा, ‘गोंद के लड्डू में मूंग की दाल, नट्स, घी, गोंद और अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। नट्स और घी में अतिरिक्त फैट होता है। जो प्रेग्नेंसी के बाद महिला की बॉडी के लिए बेहद ही जरूरी होता है।’ डॉक्टर कुंद्रा ने बताया कि गोंद के लड्डू में मौजूद घी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ा देता है। मेटाबॉलिक रेट कम होने से हमारी बॉडी कैलोरी कम खर्च करती है, जिसकी वजह से मोटापा बढ़ता है। मूंग की दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। नट्स में अनेको माइक्रो न्यूट्रिएंट होते हैं, जो बॉडी में एंटी ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करते हैं।
गोंद का अचूक फायदा
डॉक्टर सुनीता ने बताया, ‘गोंद कमर की हड्डी की चोट को ठीक करने का काम करती है। गोंद को घी में पकाकर लड्डुओं में मिलाया जाता है। गोंद के लड्डू में माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट दोनों ही भरपूर मात्रा में होते हैं। पिछले जमाने में माइक्रो न्यूट्रिएंट के रूप में गोलियां या सीरप उपलब्ध नहीं हुआ करते थे। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए महिलाओं को गोंद के लड्डू खिलाए जाते थे।’
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गोंद के लड्डू खाने का सही समय
डॉक्टर सुनीता ने कहा कि गोंद के लड्डू को हमेशा सुबह खाली पेट दूध के साथ खाया जाना चाहिए। हालांकि, इन्हें रात में सोने से पहले भी खाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य दिनचर्या में अधिक पोषक तत्वों वाली चीजों को हमेशा सुबह ही खाया जाना चाहिए।