गर्भाशय में जुड़वा बच्चे होने की स्थिति में सामान्य डिलिवरी कराना मुश्किल होता है। कई बार एक बच्चा सामान्य तो दूसरा ब्रीच पुजिशन में होता है। सामान्य डिलिवरी की कोशिश में गर्भनाल फटने का खतरा रहता है। ऐसे में सिजेरियन डिलिवरी मां और बच्चे दोनों के जीवन की सुरक्षा करती है।
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सिजेरियन डिलिवरी के कारण: प्लेसेंटा प्रीविया की स्थिति में
प्लेसेंटा प्रीविया की स्थिति में भी सिजेरियन डिलिवरी बेहतर विकल्प होता है। इस स्थिति में मां और बच्चे दोनों की जान खतरे में हो सकती है। इस स्थिति में सामान्य डिलिवरी कराते वक्त बच्चे से पहले प्लेसेंटा बाहर आ जाता है। प्लेसेंटा और गर्भाशय के कई रक्त वाहिकाएं होती हैं। सामान्य डिलिवरी की कोशिश में यह रक्त वाहिकाएं फटने का डर रहता है। इसकी वजह महिला को भारी ब्लीडिंग हो सकती है। कई मामलों में यह ब्लीडिंग मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा साबित होती है। इसलिए प्लेसेंटा प्रीविया की स्थिति में सिजेरियन डिलिवरी का सहारा लिया जाता है।
सिजेरियन डिलिवरी के जिस तरह कई फायदे हैं। ठीक उसी तरह इसके कई दुष्परिणाम भी हैं। इसलिए सर्जरी का ऑप्शन आसान नहीं होता है। जो महिलाएं दोबारा मां बनना चाहती हैं उन्हें आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। यहीं नहीं सिजेरियन डिलिवरी में मिसकैरेज और प्लेसेंटा प्रीविया जैसे जोखिम का खतरा होता है। इसके अलावा एक अध्ययन में नॉर्मल डिलिवरी की तुलना में सिजेरियन डिलिवरी से बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं पर लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभाव की जांच की गई। इस शोध में पाया गया कि सिजेरियन डिलिवरी से पैदा हुए बच्चों में सात साल की उम्र तक अस्खमा और पांच वर्ष की उम्र तक मोटापे का खतरा अधिक होता है। यहीं कारण है कि डॉक्टरों का सिजेरियन डिलिवरी को लेकर कहना है कि इसे जरूरत पड़ने पर ही करवाएं।
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सिजेरियन डिलिवरी के कारण: इसलिए भी करवाई जाती है सिजेरियन डिलिवरी
देश की समृद्ध आबादी में सिजेरियन डिलिवरी के मामले सबसे ज्यादा हैं। इस पर दिल्ली निवासी रजनीश मावी ने कहा, ‘चार वर्ष पहले मेरी पत्नी ने सिजेरियन सर्जरी के जरिए शिशु को जन्म दिया था। उस वक्त अस्पताल में कुछ और भी परिवार थे, जो यह चाहते थे कि शिशु का जन्म एक नियत तारीख को ही होना चाहिए।’
शिक्षित होने के बावजूद कुछ ऐसे परिवार हैं, जो अंधविश्वास के चलते बच्चे का जन्म एक निश्चित तारीख पर ही चाहते हैं। ये लोग ग्रहों की दशा और राशियों को लेकर अंधविश्वास का शिकार रहते हैं। इन वजहों से भी तय समय सीमा से पहले सिजेरियन सर्जरी के जरिए बच्चों को जबरदस्ती गर्भाशय से निकाला जाता है। उन्हें लगता है कि इससे बच्चा भाग्यशाली होगा या होगी।
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अब तो आप सिजेरियन डिलिवरी के कारण समझ गए होंगे। अगर डॉक्टर की बात मानी जाए तो सिजेरियन डिलिवरी की तुलना में नॉर्मल डिलिवरी के लाभ अधिक है। अगर आपको भी वजायनल डिलिवरी को लेकर कुछ शंका है या इस दौरान होने वाले दर्द से डर है तो एक बार डॉक्टर से इस बारे में चर्चा जरूर करें। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में सिजेरियन डिलिवरी के कारण से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।