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ओवरड्यू डिलिवरी डेट के ये हो सकते हैं सामान्य कारण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/07/2021

    ओवरड्यू डिलिवरी डेट के ये हो सकते हैं सामान्य कारण

    जब डिलिवरी डेट बढ़ जाए तो गर्भवती महिला का चिंतित होना सामान्य है। साथ ही यह ओवरड्यू डिलिवरी डेट गर्भवती महिला लिए निराशाजनक होती है क्योंकि वह पिछले नौ महीने से इस खास दिन का इंतजार कर रही थी। संभव है कि घर में पार्टी की योजना भी बनी रही हो और शिशु का जन्म न हो। यानी डिलिवरी डेट ओवरड्यू हो जाए। यह सुनिश्चित करना मुश्किल है कि गर्भावस्था में डिलिवरी डेट किस तरह सही बताई जा सकती है। डिलिवरी डेट आगे बढ़ना या ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) होना धैर्य के साथ संघर्ष जारी रखने जैसा है। जानें यहां कि किन कारणों से ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) के क्या कारण हो सकते हैं। इसी के साथ जानें एक्यूरेट डयू डेट कैलक्यूलेटर के बारे में भी।

    ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) के क्या कारण हैं?

    ओवरड्यू डिलिवरी डेट का पहला कारण- शिशु अभी पूरी तरह विकसित नहीं है

    गर्भवती महिला (Pregnant Women) या ‘टू-बी-पेरेंट’ भले ही अब शिशु के स्वागत के लिए तैयार हो, लेकिन हो सकता है कि शिशु अभी दुनिया के लिए तैयार न हो। गर्भावस्था के अंतिम कुछ हफ्तों में हॉर्मोनल परिवर्तन से हार्ट, लंग्स (Lungs), त्वचा और अन्य अंगों का विकास होता है। ये सभी अंग शिशु को बाहरी दुनिया में जीवित रहने के लिए जरूरी होते हैं। यही कारण है कि प्री-टर्म डिलिवरी(Pre-term delivery) से जन्मे शिशु को अविकसित फेफड़ों के कारण सांस लेने में मदद की आवश्यकता होती है।

    प्रसूति या दाई 41वें सप्ताह में लेबर प्रेरित कर सकती है। उनके पास इंतजार और गर्भावस्था को देखने का नजरिया व अनुभव हो सकता है। यदि डिलिवरी डेट से पहले गर्भवती महिला को प्रसव शुरू हो जाए तो डॉक्टर प्रसव को कम ही प्रेरित करेंगे, लेकिन जब शिशु कुछ दिनों का ओवरड्यू हो यानि ओवरड्यू डिलिवरी डेट हो चुकी हो तो डॉक्टर्स के लिए भी चिंता का विषय हो जाता है।

    प्रसूति विशेषज्ञ गर्भवती महिला को देखकर मान सकते हैं कि वह शिशु को पैदा करने के लिए तैयार है। हालांकि अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या शिशु तैयार है? यदि नियत तारीख के अगले दिन लेबर के संकेत नहीं मिल रहे हैं तो धैर्य रखें।

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    डिलिवरी डेट आगे बढ़ना 

    ऑव्युलेशन की तारीख को डिलिवरी डेट का अनुमान लगाने के लिए केंद्र में रखा जाता है। अगर ‘मदर-टू-बी’ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (vitro fertilization) से गुजरना पड़ता है तो उसके पास डिलिवरी की नियत तारीख होगी, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं होती है। ऑव्युलेशन हमेशा 14 दिनों के बाद होता है। यदि महिला को 35 दिनों का मेंस्ट्रुएशन साइकिल (Menstruation Cycle) है तो वह 21 दिन पर सबसे अधिक ऑव्युलेट होती है। जब वह ऑव्युलेशन को खुद समझने लगती है तब खुद भी डिलिवरी डेट निर्धारित कर सकती है। यदि ऑव्युलेशन की तारीख पता नहीं हो तो महिला गर्भाधान की तारीख से बता सकती है कि वह कितने समय से गर्भवती है।

    गर्भधारण की तारीख का उपयोग करके डिलिवरी डेट जानने का एक और तरीका है। जिसमे गर्भधारण की तारीख में 266 दिन जोड़े जाते हैं। इसके अलावा गर्भाधारण ऑव्युलेशन के 72 घंटे बाद होता है। कुछ गर्भावस्था के चक्र महिलाओं को अंतिम पीरियड्स (Periods) की तारीख के बजाए गर्भाधान की तारीख निर्धारित करने में मदद करते हैं। अनुमानित डिलिवरी की तारीख पर केवल 5 प्रतिशत बच्चे पैदा होते हैं। इसका मतलब है कि शिशु ओवरड्यू जन्म लेते हैं और ओवरड्यू डिलिवरी डेट का होना समस्या का विषय नहीं है। 

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    लास्ट मेंस्ट्रुअल पीरियड (Last menstrual period) अनिश्चित हो

    ऐसे कई तरीके हैं जो एक शिशु के जन्म की तारीख की गणना करने में मदद कर सकते हैं। यदि मेंस्ट्रुअल साइकिल के अंतिम दिन को नोट किया गया हो तो लास्ट मेंस्ट्रुअल पीरियड को जानना आसान है। इसमें 9 महीने और 7 दिन या 280 दिन जोड़े जाते हैं।

    यह पूर्वानुमान बताता है कि गर्भाधान आपके 28 दिन के साईकल के 14वें दिन था, लेकिन सभी महिलाओं को 28 दिन का मासिक धर्म (Menstrual cycle) नहीं होता है। यदि अंतिम मासिक धर्म का पहला दिन अनुमानित था तो डिलिवरी की तारीख थोड़ी दूर होगी। यदि लास्ट मेंस्ट्रुअल (Last Menstrual) पीरियड की तारीख अज्ञात है, तो चिंता का कोई कारण नहीं है। यह बहुत आम है, लेकिन इससे ओवरड्यू डिलिवरी डेट (overdue delivery date) की संभावना रहती है।

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    शिशु की हार्टबीट (Baby heartbeat) से डिलिवरी डेट का सही अनुमान नहीं हो पाता

    डॉक्टर के लिए गर्भावस्था के पीरियड का पता लगाने का दूसरा तरीका बच्चे के दिल की धड़कन को सुनना। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के माध्यम से भ्रूण को मॉनिटर कर शिशु के दिल की धड़कन को  प्रेग्नेंसी के 10-12 सप्ताह तक सुना जाता है। इसका इवैल्यूएशन भ्रूण के आकार को निर्धारित करता है, जिससे शिशु की गर्भकालीन उम्र का निर्धारण किया जा सकता है।

    हालांकि कुछ अनुमान सही नहीं होते हैं। भ्रूण के दिल की धड़कन चाइल्ड बर्थ (Child Birth) की भविष्यवाणी करने में सहायक हो सकती है, लेकिन प्रसव की नियत तारीख का अंदाजा नहीं लग पाता है। इसलिए भी ओवरड्यू डिलिवरी डेट का खतरा रहता है। 

    कई मामलों में इस विधि द्वारा भ्रूण की परिपक्वता बेहतर निर्धारित की जा सकती है। अल्ट्रासाउंड, गर्भवती महिला के मेंस्ट्रुअल हिस्ट्री और भ्रूण के हार्टबीट रेट (Heartbeat Rate) सहित टेस्ट रिपोर्ट, प्रसव से पहले की जांच आदि से जन्म तिथि का अनुमान लगा सकते हैं।

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    यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ महिलाएं नियत तारीख से आगे या पीछे क्यों होती हैं। अगर पहले भी आपकी ओवरड्यू डिलिवरी डेट रही तो इस बार भी गर्भावस्था में ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) हो सकती है और ओवरड्यू डिलिवरी होने की संभावना रहती है। इस बात के प्रमाण हैं कि गर्भावस्था सर्दियों की तुलना में गर्मियों में अधिक लंबी होती है। इसका ध्यान रखें कि यदि आपकी डिलिवरी डेट का पता अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) से लगाया गया था तो इससे गर्भावस्था की सटीक डेट आपके पिछले मासिक धर्म (Periods) की तारीख से अधिक होती है। ऐसी स्थिति में आपको ओवरड्यू डिलिवरी डेट की संभावना कम होगी।

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    कई बार डॉक्टर ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) होने पर लेबर को शुरू करने के लिए कुछ उपाय करते हैं। इसके साथ ही महिलाएं खुद भी घर में डॉक्टर की सलाह से कुछ नुस्खे अपना सकती हैं जिनमें खाने में कैस्टर ऑयल का यूज (Oil use), ब्रेस्ट को स्टिमुलेट करना, वॉक और फिजिकल एक्टिविटी करना शामिल है। ये नैचुरल उपाय लेबर को शुरू करने के लिए जाने जाते हैं।

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    हम उम्मीद करते हैं कि ओवरड्यू डिलिवरी डेट पर लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यहां ओवरड्यू डिलिवरी डेट के संभावित कारण बताए गए हैं। इसके अलावा भी डिलिवरी डेट के ओवरड्यू होने के कुछ कारण हो सकते हैं। किसी प्रकार की शंका होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।

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