और पढ़ें : 5 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट, जानें इस दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं?
लेबर पेन के संकेत क्या हैं?
गर्भ मे शिशु का नीचे की ओर आना
डिलिवरी का समय पास आने पर, शिशु मां के गर्भ के बिल्कुल निचले हिस्से में मौजूद पेल्विक क्षेत्र की ओर खिसकने लगता है। इस दौरान, गर्भवती स्त्री को पेट और सीने में हल्कापन महसूस हो सकता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि डिलिवरी का समय अब दूर नहीं है। गर्भ में शिशु का नीचे की ओर आना लेबर पेन के संकेत में से एक अहम संकेत हैं। एक बार जब गर्भवती को यह महसूस होने लगता है तो इसका मतलब है डिलिवरी की तारीख नजदीक है।
वाटर ब्रेक होना
लेबर पेन के संकेत में वॉटर ब्रेक होना भी काफी कॉमन संकेत है। आम बोलचाल की भाषा मे कहें तो इसे “पानी की थैली” फटना कहा जाता है। गर्भाशय के अंदर, भ्रूण एक झिल्लीदार थैली से घिरा होता है जो तरल पदार्थ से भरी होती है, जिसे एमनियोटिक थैली कहा जाता है। यह थैली गर्भ मे शिशु की सुरक्षा करती है और उसे किसी भी तरह के दबाव से बचाती है। वाटर ब्रेक होना इस बात की ओर इशारा करता है कि गर्भवती स्त्री को जल्द ही लेबर पेन की अवस्था से गुजरना पड़ सकता है। लेबर पेन के संकेत में यह संकेत मिलते ही महिला को अस्पताल में एडमिट कर दिया जाता है।
और पढ़ेंः प्रीमैच्याेर लेबर से कैसे बचें? इन लक्षणों से करें इसकी पहचान
तीव्र ऐंठन होना
शुरुआत मे यह अनुभूति मासिक धर्म (पीरियड) शुरू होने से पहले कमर के निचले हिस्से में या पेट में दर्द की तरह होती है। कमर और पेट में लगातार दर्द होना, तथा संकुचन (ऐंठन) का तेजी से बढ़ना प्रसव पीड़ा शुरू होने का सबसे मुख्य लक्षण होता है। अनेक प्रेग्नेंट महिलाओं को एक अलग प्रकार के संकुचन का अहसास भी हो सकता है, जिसे “प्रोड्रोमल” लेबर कहते है। हालांकि, इस प्रकार का संकुचन कुछ ही समय के लिए होता है और यह गर्भ में शिशु की गलत स्थिति में होने का संकेत देता है। लेबर पेन के संकेत में अधिक ऐंठन होना कई बार महिलाएं इग्नोर कर देती है लेकिन इसपर ध्यान देना चाहिए।
गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में बदलाव
लेबर पेन के संकेत में सर्विक्स में बदलाव आना भी एक सामान्य लक्षण है। डिलिवरी का समय नजदीक आने पर गर्भवती महिला के शरीर मे कई बदलाव आते हैं, ग्रीवा के आकार में बदलाव आना भी उन्हीं मे से एक है। ग्रीवा का पतला होना तथा फैल जाना इस बात का संकेत होता है कि गर्भवती महिला के गर्भाशय का निचला भाग प्रसव के लिए तैयार हो चुका है। डिलिवरी के दौरान गर्भवती महिला की ग्रीवा लगभग चार से दस सेंटीमीटर तक खुल जाती है।