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अश्वगंधा के बारे में जानते हैं आप?
अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है। अश्वगंधा की जड़ों और बीजों का उपयोग औषधीय दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर मानव शरीर में कुछ खास बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसका उपयोग दर्द और सूजन को कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने, स्ट्रेस को कम करने और बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने के लिए करते हैं।
अश्वगंधा का उपयोग एडाप्टोजेन के रूप में शरीर को रोजमर्रा के तनाव से बचाने और सामान्य टॉनिक की तरह भी किया जाता है। इसके अलावा इसको घाव में, पीठ दर्द, वेट लॉस के लिए अश्वगंधा और हेमिप्लेजिया के इलाज के लिए किया जाता है। अश्वगंधा ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होती है। कुछ लोगों को इससे समस्या भी महसूस हो सकती है। अगर आप अश्वगंधा का प्रयोग पहली बार कर रहे हैं तों डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें।अश्वगंधा मार्केट में पाउडर और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है।
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वेट लॉस के लिए अश्वगंधा
अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है। अश्वगंधा का प्रयोग औषधीय रूप में किया जाता है। साथ ही अश्वगंधा का उपयोग यूनानी चिकित्सा पद्धति, सिद्ध चिकित्सा, अफ्रीकी चिकित्सा और होम्योपैथिक चिकित्सा में भी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अश्वगंधा औषधीय गुणों से भरपूर है। जो लोग अधिक वजन के हैं, अश्वगंधा का चिकित्सक द्वारा बताए गए समय पर सेवन करने से वजन में कमी ला सकते हैं।
अश्वगंधा बाजार में दो रूप में मिल जाती है। पहली तो कैप्सूल के रूप में और दूसरी पाउडर के रूप में। कैप्सूल के रूप में अश्वगंधा को चिकित्सक के बताए गए नियम के अनुसार सेवन करने से वजन में कमी होती है। वहीं पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन किया जाता है। अश्वगंधा का स्वाद थोड़ा खराब लग सकता है। जब भी वेट लॉस के लिए अश्वगंधा का प्रयोग करें, दूध में पाउडर मिलाने के साथ ही कुछ मात्रा में शहद भी मिला लें। ऐसा करने से दूध पीने में पेरेशानी नहीं होगी।