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थायरॉइड जैसी बीमारी के कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, सेक्स ड्राइव यानी कामेच्छा में कमी आना सबसे परेशानी भरा हो सकता है। कई रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि थायरॉइड में थोड़ी सी भी गड़बड़ी सेक्स ड्राइव को बुरी तरह से प्रभावित करती है।
थायरॉइड में खासतौर पर हायपोथायरोडिज्म यानी थायरॉइड का कम होना धीरे-धीरे अपना असर दिखाता है। लो थायरॉइड के लक्षण अक्सर साफ तरह से नजर नहीं आते क्योंकि ये बढ़ती उम्र के लक्षणों की तरह ही होते हैं। इसका असर शरीर के कई अंगों पर भी पड़ सकता है और सेक्स ड्राइव में कमी का कारण भी बन सकता है।
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ज्यादातर हायपोथायरोडिज्म के मरीजों ने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने कामेच्छा में भारी कमी देखी। कई मरीजों में सेक्स की इच्छा न के बराबर थी। बताया जाता है कि ये लक्षण हायपरथायरोडिज्म यानी बढ़े हुए थायरॉइड के मरीजों में भी देखे जाते हैं। हालांकि, हायपरथायरोडिज्म के मरीजों में अत्यधिक सेक्स की इच्छा भी जन्म ले लेती है। उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ने का कारण शरीर में अत्यधिक बढ़ा हुआ मेटाबॉलिज्म होता है।
अच्छी बात यह है कि थायरॉइड असंतुलन का जैसे ही उपचार शुरू होता है, उसके साथ-साथ लोगों की सेक्स ड्राइव (कामेच्छा) में वापस सुधार आने लगता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि लोग यह समझ ही नहीं पाते हैं कि उनकी सेक्स ड्राइव या लिबिडो घटती जा रही है। लोग अक्सर इसे तनाव की समस्या मान लेते हैं वे समझते हैं कि ऐसा स्ट्रेस के कारण हो रहा है। हालांकि, तनाव भी सेक्स ड्राइव में कमी का कारण होता है। लेकिन, कुछ मामलों में थॉयरॉइड असंतुलन के कारण भी हो सकता है। यह भी देखा जाता है कि लोग यूं तो एक हेल्दी कपल की तरह दिखते हैं लेकिन कोई एक की दूसरे की तुलना में सेक्स करने की इच्छा कम होती है। इसका कारण यह भी हो सकता है कि लोगों की सेक्स ड्राइव या लिबिडो भी अलग-अलग हो सकती है। लेकिन अचानक इस तरह का फर्क आना कई बार चिंता का विषय भी हो सकता है और यह लोगों की सेक्स लाइफ पर काफी प्रभाव डाल सकता है।
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आज की इस स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल का असर सेक्स ड्राइव पर भी पड़ता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी रोज की डायट में कम से पांच से नौ हरी सब्जियां और फल ले ही और सही समय और सही मात्रा में इनका सेवन करें। इनसें मिलने वाले विटामिन्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स आपको तरो ताजा रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही हरी सब्जियां और फल आपको जरूरी पोषण देने के साथ-साथ तरो-ताजा रखने में भी मदद करते हैं।
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किसी भी कारण से अगर आप महसूस करते हैं कि आपकी या आपके पार्टनर की सेक्स ड्राइव में कमी आ रही है, तो ऐसे में आप मसाज का सहारा ले सकते हैं। जब भी आपको लगे कि आप खुद या आपका पार्टनर स्ट्रेस में हैं या किसी और कारण बहुत ज्यादा कुछ सोच रहा है, तो उसे एक अच्छी मसाज दें। इससे उसे शारीरिक आराम तो मिलेगा है साथ ही सेक्स ड्राइव भी वापिस आएगी। वहीं अगर आपको मसाज की जरूरत हो, तो अपने पार्टनर से बेझिझक कहें। कई बार सिर्फ एक-दूसरे ख्याल रखना भी आपको एक बेहतर सेक्स लाइफ देने में मदद कर सकता है।
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कई बार जब लोग स्ट्रेस में होते हैं, तो वे अपने बारे में सोचते हुए कई तरह की नेगेटिविटी को पालकर बैठ जाते हैं। लोग सोचने लगते हैं कि ‘उनके जीवन का कोई मकसद ही नहीं है।’ या ‘उनकी किसी को भी जरूरत ही नहीं है।’ वे कई बार खुद को इतना कम आंकने लगते हैं कि सुसाइडल टेंडेंसी तक विकसित होने की नौबत आ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि इंसान को वह करना चाहिए जिसमें वह बेहतर है या जिसे करने में उसे मजा आता है। ऐसा करने से इंसान को अच्छा फील होता है और साथ ही तनाव भी कम होता है। तनाव कम होने पर भी सेक्स ड्राइव पर सकारत्मक प्रभाव पड़ता है।
ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि थायरॉइड के कई मरीजों को सही वक्त पर सही और सटीक इलाज नहीं मिलता। इस बीमारी के बारे में ज्ञान का अभाव और सटीक परीक्षण नहीं होने से कुछ डॉक्टर्स इसकी सही दवा मरीज को नहीं दे पाते। इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी में अच्छा इलाज लिया जाए, जिससे सेक्स ड्राइव में भी सुधार आ सके। कई बार टी-4 नामक हार्मोन दवाई के माध्यम से मरीज को दिया जाता है। लेकिन शरीर दूसरा हार्मोन टी-3 बनाने में सक्षम नहीं होता है। ऐसी स्थिति में भी थायरॉइड की स्थिति में सुधार नहीं आता और न ही मरीज की सेक्स ड्राइव में।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
अपने पीरियड सायकल को ट्रैक करना, अपने सबसे फर्टाइल डे के बारे में पता लगाना और कंसीव करने के चांस को बढ़ाना या बर्थ कंट्रोल के लिए अप्लाय करना।
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हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
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