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शारीरिक समस्याएं (Health Problem)
- शरीर का एकाएक गर्म होना जाना (हॉट फ्लैश)
- ज्यादा पसीना आना
- मर्दाना ताकत में कमी
- अनियमित रूप से वजन बढ़ते जाना
- एक्सरसाइज के बाद नॉर्मल होने में समय लगना
- हल्की दाढ़ी आना
- शरीर पर बालों का कम होना
- स्पर्म का लेवल कम होना
- मेल ब्रेस्ट बनते जाना
मानसिक समस्याएं (Mental Health)
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क्यों घट जाता है टेस्टोस्टेरोन का लेवल (Low Testosterone Level)
टेस्टोस्टेरोन के लेवल में कमी स्वाभाविक है, जो उम्र के बढ़ने से अपना प्रभाव कम कर देती है। टेस्टोस्टेरोन में कमी 30 से 35 साल की उम्र के बाद महसूस होने लगती है और फिर यह अंत तक जारी रहता है।
टेस्टोस्टरोन की कमी के कारण (Causes of Testosterone)
- पिट्यूटरी ग्रंथि (ब्रेन में मौजूद एक ग्रंथि जो कई अहम हार्मोन को जन्म देती है) का रोग होना
- कैंसर के दौरान रेडिएशन और कीमोथेरेपी इलाज कराने से इस पर असर पड़ता है।
- जेनेटिक अबनॉर्मलिटी जैसे कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome)
- प्रोटेस्टेट कैंसर ट्रीटमेंट में ली जाने वाली दवाईयां जिसमें हार्मोन और कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं दी जाती हैं।
- शरीर में आयरन की माात्रा का अधिक होना
- अंडकोष में इंफेक्शन या गंभीर चोट लगना
- शरीर में सूजन संबंधी बीमारियां होना (साइकॉइडोसिस)
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इन बातों का रखें ख्याल
- टेस्टोस्टेरोन की कमी होने की संभावना के पीछे कुछ कारण हैं। अगर आप इन बातों पर ध्यान दें इससे बचा भी जा सकता है।
- अत्यधिक तनाव को अपने ऊपर हावी न करें।
- सिरोसिस होने से भी इसकी आशंका सामान्य से अधिक बढ़ जाती है।
- किडनी के खराब होने पर भी टेस्टोस्टेरोन का लेवल लगातार गिरने लगता है।
- शराब की बुरी लत भी इस पर बुरा असर छोड़ती है और सेक्स ड्राइव लो हो जाता है।
- मोटापा भी इसके लिए नुकसानदायक है, इसलिए व्यायाम करना बेहद जरूरी है।
- लंबे समय से चली आ रही गंभीर बीमारी भी इसका कारण बन सकती है।
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टेस्टोस्टेरोन की कमी से ऐसे करें बचाव (Testosterone Treatment)
- मेटाबॉलिज्म में असामान्य बदलाव शरीर को ज्यादा थका देता है। इसलिए तनाव से दूर रहें। क्योंकि, शरीर में शारीरिक और भावनात्मक बदलाव इस पर बुरा असर छोड़ते हैं। यही कारण है कि हार्मोन का संतुलन बिगड़ने लगता है।
- नियमित एक्सरसाइज करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही मोटापे पर कंट्रोल करने से इससे बच सकते हैं।
- सैचुरेटेड वसा और ट्रांस वसा वाले भोजन को खाने से बचें।
- शराब की मात्रा में कमी लाएं क्योंकि, शराब का ज्यादा सेवन करने से लीवर पर बड़ा बुरा असर पड़ता है, जो हार्मोन के संतुलन को गड़बड़ा देता है।
- ‘नो स्मोकिंग’ का फॉर्मूला अपनाओं। क्योंकि, धूम्रपान करने से दिल की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में ऑक्सीजन का स्तर कम होता चला जाता है।