कुछ दवाएं लेने से भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जिसके कारण आपको लो सेक्स ड्राइव का सामना करना पड़ सकता है। जैसे एसीई इनहिबिटर (ACE inhibitors) और बीटा-ब्लॉकर्स (beta-blockers) जैसी रक्तचाप की दवाएं स्खलन और इरेक्शन (erection) को रोक सकती हैं।
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने वाली अन्य दवाओं में शामिल हैं:
- कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी
- प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए हॉर्मोन थेरेपी
- कोर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids)
- ओपिऑइड दर्द निवारक
- एंटिफंगल दवा जैसे-केटोकोनाजोल (ketoconazole)
- सिमेटिडिन (Tagamet), जिसका उपयोग गैस्ट्रोओसोफेगलरिफ्लक्स रोग (GERD) के लिए किया जाता है
- एनाबॉलिक स्टेरॉयड, जिसका उपयोग एथलीटों द्वारा मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है
- कुछ एंटीडिप्रेसेंट
- इन दवाओं के सेवन के दौरान आप लो सेक्स ड्राइव का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको दवाओं को स्विच करने की सलाह दे सकते हैं।
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रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस)
एक स्टडी में पाया गया कि रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (restless legs syndrome) वाले पुरुषों में स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) होने का खतरा अधिक होता है। स्तंभन दोष तब होता है जब कोई व्यक्ति इरेक्शन नहीं कर सकता है या उसे बनाए नहीं रख सकता है। ऐसे में आप स्तंभन दोष के डॉक्टर्स से संपर्क कर सकते हैं।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन पुरुषों में हर महीने कम से कम पांच बार आरएलएस की समस्या होती थीं, वे बिना इस सिंड्रोम वाले पुरुषों की तुलना में इरेक्टाइल डिसफंक्शन विकसित करने की संभावना लगभग 50 प्रतिशत अधिक थी। इसके अलावा, जिन पुरुषों में आरएलएस एपिसोड ज्यादा बार होते थे, उनके नपुंसक होने की संभावना अधिक थी।
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डिप्रेशन
डिप्रेशन वाले लोग उन एक्टिविटीज में रुचि की कमी का अनुभव करते हैं जो उन्हें पहले सुखदायक लगती थी, जिसमें सेक्स भी शामिल है। लो लिबिडो भी कुछ एंटीडिप्रेसन्ट्स का एक साइड इफेक्ट है। सेरोटोनिन-नॉरपेनेफ्रिन री-प्टेक इनहिबिटर (SNRIs), जैसे कि ड्यूलोक्सीटाइन (Cymbalta) और सेलेक्टिव सेरोटोनिन री-प्टेक इनहिबिटर (SSRI) को कम सेक्स ड्राइव का कारण माना जा सकता है। यदि आप एंटीडिप्रेसेंट्स ले रहे हैं और लो लिबिडो फील कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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क्रोनिक बीमारियां
कुछ बीमारियां, जैसे कि कैंसर, आपके स्पर्म प्रोडक्शन को कम कर सकती हैं। इसके साथ ही डायबिटीज टाइप 2, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, क्रोनिक लंग्स, हार्ट, लिवर और किडनी फेलियर भी आपके लो सेक्स ड्राइव की एक वजह बन सकती है। यदि आप किसी क्रोनिक बीमारी से जूझ रहे हैं, तो इस दौरान इंटिमेट होने के तरीकों के बारे में अपने पार्टनर से बात करें। आप अपनी सेक्स समस्याओं के बारे में एक सेक्स थेरेपिस्ट से भी बात कर सकते हैं।
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बढ़ती उम्र
टेस्टोस्टेरोन का स्तर, टीनएज में उच्चतम स्तर पर होता है। वहीं, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है इजेकुलेशन और उत्तेजित होने में अधिक समय लग सकता है। साथ ही पेनिस इरेक्शन में भी अधिक ज्यादा लग सकता है। हालांकि, इन सेक्शुअल समस्याओं के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। जिनकी मदद से ये समस्याएं दूर हो सकती हैं।