अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन पुरुषों में हर महीने कम से कम पांच बार आरएलएस की समस्या होती थीं, वे बिना इस सिंड्रोम वाले पुरुषों की तुलना में इरेक्टाइल डिसफंक्शन विकसित करने की संभावना लगभग 50 प्रतिशत अधिक थी। इसके अलावा, जिन पुरुषों में आरएलएस एपिसोड ज्यादा बार होते थे, उनके नपुंसक होने की संभावना अधिक थी।
और पढ़ें : लाइलाज नहीं है नपुंसकता रोग, ये सेक्स मेडिसिन दूर कर सकती हैं समस्या
डिप्रेशन
डिप्रेशन वाले लोग उन एक्टिविटीज में रुचि की कमी का अनुभव करते हैं जो उन्हें पहले सुखदायक लगती थी, जिसमें सेक्स भी शामिल है। लो लिबिडो भी कुछ एंटीडिप्रेसन्ट्स का एक साइड इफेक्ट है। सेरोटोनिन-नॉरपेनेफ्रिन री-प्टेक इनहिबिटर (SNRIs), जैसे कि ड्यूलोक्सीटाइन (Cymbalta) और सेलेक्टिव सेरोटोनिन री-प्टेक इनहिबिटर (SSRI) को कम सेक्स ड्राइव का कारण माना जा सकता है। यदि आप एंटीडिप्रेसेंट्स ले रहे हैं और लो लिबिडो फील कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
और पढ़ें : सेक्स थेरिपी सेशन पर जाने से पहले पता होनी चाहिए आपको ये बातें
क्रोनिक बीमारियां
कुछ बीमारियां, जैसे कि कैंसर, आपके स्पर्म प्रोडक्शन को कम कर सकती हैं। इसके साथ ही डायबिटीज टाइप 2, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, क्रोनिक लंग्स, हार्ट, लिवर और किडनी फेलियर भी आपके लो सेक्स ड्राइव की एक वजह बन सकती है। यदि आप किसी क्रोनिक बीमारी से जूझ रहे हैं, तो इस दौरान इंटिमेट होने के तरीकों के बारे में अपने पार्टनर से बात करें। आप अपनी सेक्स समस्याओं के बारे में एक सेक्स थेरेपिस्ट से भी बात कर सकते हैं।
और पढ़ें : सेक्स के दौरान पुरुषों की ये 5 गलतियां पार्टनर का कर देती हैं मूड खराब
बढ़ती उम्र
टेस्टोस्टेरोन का स्तर, टीनएज में उच्चतम स्तर पर होता है। वहीं, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है इजेकुलेशन और उत्तेजित होने में अधिक समय लग सकता है। साथ ही पेनिस इरेक्शन में भी अधिक ज्यादा लग सकता है। हालांकि, इन सेक्शुअल समस्याओं के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। जिनकी मदद से ये समस्याएं दूर हो सकती हैं।
कम आत्म सम्मान
यदि आपको लगता है कि आप अट्रैक्टिव नहीं हैं या आप अनवांटेड फील करते हैं, तो संभवत: इससे आपकी सेक्स लाइफ पर असर पड़ सकता है। कम आत्मसम्मान, सेक्शुअल परफॉरमेंस के बारे में चिंता का कारण बन सकता है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के साथ यौन इच्छा को कम कर सकता है। इसके अलावा लो सेल्फ स्टीम की वजह से आपको बड़ी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे अवसाद, चिंता और ड्रग और एल्कोहॉल एब्यूज। ये सभी स्थितियां आपको कम सेक्स ड्राइव की ओर ले जा सकती हैं।
और पढ़ें : अपनी सेक्शुअल फीलिंग्स पर इस तरह पा सकते हैं काबू
स्ट्रेस
यदि आप क्रोनिक स्ट्रेस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपकी यौन इच्छा में कमी हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तनाव आपके हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकता है। साइंटिफिक रिसर्च में प्रकाशित एक रिसर्च ने इस धारणा का सपोर्ट किया कि तनाव का पुरुषों और महिलाओं में यौन समस्याओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि स्ट्रेस ने यौन रोग के जोखिम को तीन गुना से अधिक बढ़ा दिया। इसलिए, स्ट्रेस मैनेजमेंट, मेडिटेशन और एक काउंसलर से समस्या पर बातचीत जरूरी है।
और पढ़ें : स्ट्रेस कहीं सेक्स लाइफ खराब न करे दे, जानें किस वजह से 89 प्रतिशत भारतीय जूझ रहे हैं तनाव से
नींद की समस्याएं
जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन की एक स्टडी में पाया गया कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) वाले पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन (testosterone) का स्तर होता है। यह कम लेवल सेक्शुअल एक्टिविटी और सेक्स ड्राइव में कमी की ओर ले जाता है। इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने पाया कि लगभग एक-तिहाई पुरुष जिन्हें स्लीप एपनिया था, उनमें भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था।
और पढ़ें : सेक्स के दौरान वीर्य स्खलन की मर्यादा (इजैक्युलेशन) को कैसे बढ़ाएं?
लो सेक्स ड्राइव का इलाज
- यदि पुरुषों में लो सेक्स ड्राइव एक अंतर्निहित हेल्थ प्रॉब्लम के कारण होती है, तो आपको दवाओं को स्विच करने की आवश्यकता हो सकती है।
- यदि आपकी कम कामेच्छा के मनोवैज्ञानिक कारण हैं, तो आपको मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलने की आवश्यकता हो सकती है।
- एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं,
- पर्याप्त नींद लें,
- स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें,
- एक हेल्दी डाइट फॉलो करें,
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान फोरप्ले पर ज्यादा फोकस करें।