सेक्स एक फिजिकल एक्टिविटी है, जो इंसानों में न सिर्फ दो पार्टनर के संबंधों को मधुर और मजबूत बनाने में मदद करता है। बल्कि, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदे पहुंचाता है। एनल सेक्स (गुदा मैथुन) भी एक सेक्शुअल एक्टिविटी है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
सेक्स एक फिजिकल एक्टिविटी है, जो इंसानों में न सिर्फ दो पार्टनर के संबंधों को मधुर और मजबूत बनाने में मदद करता है। बल्कि, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदे पहुंचाता है। एनल सेक्स (गुदा मैथुन) भी एक सेक्शुअल एक्टिविटी है।
एनस काफी संवेदनशील हिस्सा होता है, क्योंकि इसमें काफी नसों के सिरे (नर्व एंडिंग) मौजूद होते हैं। इस वजह से भी यह यौन उत्तेजना के बढ़ाने के लिए उपयोगी अंग होता है। इसके अलावा, एनल इंटरकोर्स को हमारे समाज में टैबू भी माना जाता है, जिस वजह से लोगों का इसके प्रति जिज्ञासा और आकर्षण बढ़ना स्वाभाविक है और इसी कारण यह लोगों को ज्यादा उत्तेजना प्रदान करता है। एक अनुमान के मुताबिक, पुरुषों के साथ सेक्स करने वाले 90 प्रतिशत पुरुष और 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं एनल सेक्स एक्टिविटी में भाग लेती हैं।
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एनल सेक्स करने से जहां एक पार्टनर को पेनिस के आसपास कसाव मिलता है, वहीं दूसरे पार्टनर को एक खास तरह के ऑर्गेज्म का अनुभव होता है। लेकिन, आपको एनल इंटरकोर्स करते हुए साफ-सफाई और कुछ खास सावधानियों का बहुत ध्यान रखना होता है। इसके अलावा, कुछ महिलाएं और पुरुष एनल सेक्स से सिर्फ इसलिए दूर रहते हैं, क्योंकि उन्हें इसके बारे में कुछ गलत अवधारणाएं बना ली हैं। आइए, जानते हैं कि एनल इंटरकोर्स के दौरान, पहले या बाद में किन खास सावधानियों का ध्यान रखना होता है और इससे जुड़े फायदे व नुकसान अगर हैं, तो कौन-से हैं।
कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या एनल सेक्स से मिलने वाला ऑर्गेज्म यानी एनल आर्गेज्म वजायनल सेक्स से मिलने वाले ऑर्गेज्म जैसा ही आनंद देता है? अगर, आपके मन में भी यह सवाल उठता है, तो हम आपको बता दें कि, एनस में कई नसों के सिरे मौजूद होते हैं, जिनमें से कुछ जननांगों से जुड़े होते हैं। इस तरह, आपको एनल सेक्स से भी ऑर्गेज्म प्राप्त हो सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, सिसजेंडर पुरुषों और जन्म के समय पुरुष निर्धारित किए लोगों में एनल इंटरकोर्स प्रोस्टेट को उत्तेजित करता है, जिससे उन्हें ऑर्गेज्म मिलता है। आसान भाषा में समझे, तो इस तरह के ऑर्गेज्म को प्रोस्टेट ऑर्गेज्म कहा जाता है, जो कि सिर से लेकर पंजों तक पूरे शरीर में ऑर्गेज्मिक प्लेजर की तरंगें भेजता है। वहीं दूसरी ओर, सिसजेंडर महिलाओं या जन्म के समय महिला निर्धारित किए गए लोगों में एनल सेक्स से जी-स्पॉट और ए-स्पॉट को टार्गेट किया जा सकता है।
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महिलाओं में यह दोनों स्पॉट काफी संवेदनशील होते हैं और ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मददगार होते हैं। दोनों ही स्पॉट वजाइनल वॉल के साथ लगे होते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से एनल इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजित किए जा सकते हैं। पुरुषों में प्रोस्टेट की तरह ये स्पॉट भी शरीर में ऑर्गेज्मिक तरंगें भेजने में सक्षम होते हैं। इन्हीं स्पॉट की मदद से महिलाओं को फीमेल इजेकुलेशन (Female Ejaculation) या स्क्वरटिंग (Squirting) कहा जाता है।
हालांकि, कुछ महिलाओं को क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए एनल सेक्स के दौरान क्लिटोरियल स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। वहीं, कुछ महिलाएं सिर्फ ओरल या वजाइनल सेक्स से ही क्लाइमेक्स तक पहुंच पाती हैं।
एनल इंटरकोर्स करने से वो तमाम फायदे मिलते हैं, जो किसी भी सेक्शुअल एक्टिविटी के बाद आपको मिलते हैं। जैसे, सेक्शुअल एक्विटी में मिलने वाले ऑर्गेज्म का इन निम्नलिखित चीजों से संबंध माना जाता है।
इसके अलावा, एनल सेक्स से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, प्रोस्टेटाइटिस और पेनफुल इजेकुलेशन की समस्या में राहत मिलती है। लेकिन, इन सभी समस्याओं के लिए किसी डॉक्टर से परामर्श करना उचित रहेगा।
एनल सेक्स सिर्फ पेनिस द्वारा एनल पेनिट्रेशन से ही नहीं होता है, बल्कि इसे सेक्स टॉय, वाइब्रेटर्स, डिल्डो, बट प्लग्स आदि के द्वारा भी किया जा सकता है। इन सभी स्थितियों में एनल इंटरकोर्स के दौरान कुछ खास तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं। वरना, इससे आपको कई खतरनाक बीमारियों या स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे-
यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)- एनल इंटरकोर्स से यौन संचारित रोग फैलने का काफी खतरा रहता है। इससे आपको एचआईवी, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और हर्पिस जैसे यौन संचारित रोग हो सकते हैं। दरअसल, एनल सेक्स के दौरान रिसिविंग एंड पर मौजूद पार्टनर को इंसर्टिंग एंड पर मौजूद पार्टनर के मुकाबले 13 गुणा ज्यादा खतरा होता है।
एनस में मौजूद टिश्यू को क्षति पहुंचना- एनस में वजायना की तरह सेक्स के दौरान नेचुरल ल्यूब्रिकेशन नहीं होता। जिससे, ल्यूब्रिकेंट इस्तेमाल किए बिना पेनिट्रेट करने से एनस के अंदर मौजूद नाजुक टिश्यू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और दर्द व ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं।
बवासीर (Piles)- एनल इंटरकोर्स के दौरान पुशिंग और स्ट्रेचिंग से पहले से मौजूद बवासीर और गंभीर हो सकता हैं और आपकी परेशानी बढ़ा सकती है। लेकिन, इससे रेक्टम और एनस में रक्त वाहिकाओं के खिंचने या फैलने की संभावना नहीं होती है।
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बैक्टीरिया- एनल इंटरकोर्स के दौरान अगर आप साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं, तो खतरनाक बैक्टीरिया के फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती है। हेपेटाइटिस ए और ई. कोली जैसे खतरनाक बैक्टीरिया एनस के अंदर और आसपास मौजूद रहते हैं, जो एनल सेक्स के दौरान एक शरीर से दूसरे शरीर में फैल सकते हैं।
कोलोन में क्षति- हालांकि, यह समस्या सामान्य नहीं है, लेकिन एनल इंटरकोर्स से इसकी आशंका बनी रहती है। एनल पेनिट्रेशन से आपका कोलोन क्षतिग्रस्त हो सकता है और उसमें छेद हो सकता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए सर्जिकल रिपेयर जरूरी है। इसलिए, अगर आपको एनल सेक्स के बाद गंभीर रेक्टल ब्लीडिंग या पेट दर्द हो रहा है, तो किसी डॉक्टर से मिलें।
एनल सेक्स के दौरान आपको निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे-
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हालांकि, इस बारे में अभी पर्याप्त जानकारी नहीं है, लेकिन एनल सेक्स और एनल कैंसर के बीच गहरा संबंध देखा गया है। एनल सेक्स में ल्यूब्रिकेशन की कमी या पेनिट्रेशन की वजह से नाजुक टिश्यू के क्षतिग्रस्त होने पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) के संपर्क में आने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे एनल वार्ट्स और एनल कैंसर हो सकता है। इससे बचने के लिए कॉन्डम और अच्छे ल्यूब्रिकेंट का उपयोग करें।
प्रत्यक्ष रूप से एनल इंटरकोर्स की वजह से प्रेग्नेंट होने की संभावना नहीं होती। लेकिन, कुछ स्टडी और रिपोर्ट में बताया गया है कि, कुछ मामलों में बिना वजाइनल सेक्स के भी प्रेग्नेंट होने के मामले देखे गए हैं। अगर, ऐसी स्टडी और रिपोर्ट पर गौर करें, तो हो सकता है कि एनल सेक्स के दौरान गलती से या किसी तरह पार्टनर का स्पर्म महिला की वजाइनल कैनाल के संपर्क में आने से प्रेग्नेंसी की संभावना हो सकती है। लेकिन, ऐसा महिला पार्टनर के ऑव्युलेशन पीरियड के दौरान ही होना चाहिए। जिसकी संभावना गलती से कम ही होती है।
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एनल सेक्स सबसे ज्यादा गे पुरुषों द्वारा अपनाया जाता है। जिस वजह से उनके एनल इंटरकोर्स द्वारा संक्रमण या यौन संचारित रोगों की चपेट में आने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। पुरुषों के साथ सेक्स करने वाले पुरुषों में एचआईवी ब्लड, सीमन, प्री-सेमिनल फ्लूड या रेक्टल फ्लूड के द्वारा फैल सकता है। इसलिए, इससे बचाव के लिए उन्हें भी कॉन्डम का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा, दोनों पार्टनर को नियमित रूप से यौन संचारित रोगों की जांच करवानी चाहिए। जिससे किसी भी तरह के बीमारी या खतरे को समय पर पहचानकर उपचार किया जा सके।
अगर, आप साफ-सफाई और जरूरी सावधानियों को बरतते हैं, तो प्रेग्नेंसी में एनल इंटरकोर्स करना सुरक्षित है। हालांकि, इसे ट्राई करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें, क्योंकि डॉक्टर विशेष परिस्थितियों में आपको एनल सेक्स करने से मना कर सकता है। दूसरा, एनल सेक्स में थोड़ी भी लापरवाही करने से संक्रमण का खतरा हो सकता है और प्रेग्नेंसी में महिला का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। इसलिए, आपको इसमें काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान एनल सेक्स का आनंद बढ़ सकता है। लेकिन, इसमें करने से पहले गर्भवती महिला की मर्जी पूछना न भूलें।
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दरअसल, जर्नल ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक करीब 36 प्रतिशत महिलाएं जिंदगी में एक बार एनल सेक्स ट्राई करती हैं। जिसमें से करीब दो प्रतिशत महिलाओं को यह पसंद आता है। दूसरी तरफ, महिलाओं का एनल इंटरकोर्स को मना करने के पीछे सबसे बड़ा कारण गंदगी, टैबू और दर्द होता है। एनल इंटरकोर्स के दौरान एनस के आसपास की मसल्स में खींचाव और फीमेल रेक्टम में झुकाव ही वजह से दर्द होता है। जो कि, एक या दो बार करने के बाद ठीक हो सकता है।
लेकिन, ध्यान रखें कि एनल सेक्स करने या न करने का एकाधिकार सिर्फ उनके पास है। क्योंकि, अगर आप उनकी मर्जी के बिना या जबरदस्ती एनल इंटरकोर्स करते हैं, तो इससे उन्हें या आपके सेक्शुअल ऑर्गन को चोट लगने का खतरा होता है। फिर भी, आप उनसे अपनी यौन इच्छाओं के बारे में बात करें और उन्हें समझाएं कि आप उनसे क्या चाहते हैं। हो सकता है, इससे आपका काम बन जाए।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और एनल सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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