के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सिर के किसी भी हिस्से या ऊपरी गर्दन में होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं। यह दर्द ऊतकों और संरचनाओं से उत्पन्न होता है जो खोपड़ी या मस्तिष्क को घेरे रखता है। ऊतक की पतली परत (पेरीओस्टेम) हड्डियों और मांसपेशियों को घेर लेती है। इसके साथ ही ऊतक की यह पतली परत मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, धमनियों और नसों की सतह को कवर करती है इनमें सूजन या इरिटेशन होना सिरदर्द का कारण बन सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और तेज भी। यह कम समय के लिए भी हो सकता है और ज्यादा समय के लिए भी।
यह दर्द सिर के दोनों हिस्से में भी हो सकता है या किसी एक पोइंट से शुरू होकर सिर के कुछ हिस्से में भी हो सकता है। कुछ सिरदर्द बहुत माइल्ड होते हैं वहीं कुछ में इतना ज्यादा दर्द होता है कि कोई काम करना भी मुश्किल हो जाता है। सिरदर्द लगभग 150 तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ बेहद आम होते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
एडल्ट्स और टीन्स में टेंशन सिरदर्द सबसे कॉमन है। इसमें हल्का दर्द होता है जो समय के साथ ठीक हो जाता है। आमतौर पर यह किसी परेशानी का लक्षण नहीं होता है।
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कलस्टर सिरदर्द बेहद गंभीर होता है। इसमें एक आंख के पीछे या आसपास बहुत तेज जलन या दर्द हो सकता है। इसका दर्द इतना बुरा होता है कि ज्यादातर लोगों का इसमें बैठना तक दुश्वार हो जाता है। वहीं इसमें आंख लाल या पुतली छोटी हो सकती है। इसे कलस्टर सिरदर्द इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये ग्रुप में होता है। कलस्टर पीरियड में ये आपको हर दिन दो से तीन बार हो सकता है। हर बार यह सिरदर्द 15 मिनट से 3 घंटे तक रहता है। यह नींद के दौरान भी हो सकता है, जिससे आपकी नींद खराब हो सकती है। यह सिरदर्द कुछ महीनों या वर्षों तक गायब रहकर वापस भी लौट सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इसके होने की संभावना अधिक होती है।
माइग्रेन के सिरदर्द को अक्सर तेज़ दर्द के रूप में वर्णित किया जाता है। यह 4 घंटे से लेकर 3 दिनों तक रह सकता है। आमतौर पर यह महीने में एक से चार बार होता है। माइग्रेन सिरदर्द (Migraine Headaches) से परेशान लोगों को रोशनी, शोर या गंध के प्रति संवेदनशीलता होती है। इन्हें जी मिचलाना, उल्टी, पेट में दर्द आदि की शिकायत हो सकती है। माइग्रेन सिरदर्द बच्चों को भी हो सकता है। बच्चों में माइग्रेन होने पर उनका रंग पीला पड़ सकता है। इसके अलावा उन्हें चक्कर महसूस होना, साफ दिखाई न देना, बुखार (Fever) और पेट खराब हो सकता है।
क्रोनिक डेली हेडएक आपको तीन महीने से लेकर 15 दिन तक के लिए हो सकता है। इनमें कुछ कम समय के लिए होते हैं। आमतौर पर क्रोनिक डेली हेडएक चार तरह के होते हैं:
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साइनस सिरदर्द में आपको चीकबोन्स, माथे और नाक में भी निरंतर दर्द महसूस होगा। ये तब होता है जब आपके सिर में कैविटी जिसे साइनस कहा जाता है, उनमें सूजन आ जाए। यह दर्द आमतौर पर साइनस के लक्षण जैसे बहती नाक, कानों में भारीपन, बुखार, मुंह पर सूजन आदि के साथ होता है।
आमतौर पर पोस्टट्रॉमेटिक सिर दर्द सिर की इंजरी के दो से तीन दिन बाद शुरू होता है। इसमें आपको एक हल्के दर्द से शुरुआत हो सकती है जो धीरे-धीरे बढ़ सकता है। इसके अलावा चक्कर आना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, याददाश्त कमजोर होना, जल्दी थक जाना, चिड़चिड़ापन आदी हो सकते हैं। यदि आपको दर्द के साथ ये लक्षण नजर आते हैं तो बिना देरी करें डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
जब आप एक्टिव होते हैं तो आपके सिर, गर्दन और स्कैल्प की मसल्स को अधिक ब्लड की जरूरत होती है। ब्लड वैसल्स सप्लाई के लिए प्रफुल्लित होती हैं, जिससे सिर के दोनों तरफ दर्द होता है। यह दर्द 5 मिनट से 48 घंटे तक हो सकता है। यह दर्द किसी भी तरह की गतिविधि चाहे व्यायाम हो या सेक्स के बाद हो सकता है।
इसे मेडिकेशन ओवरयूज सिरदर्द (Medication overuse headaches) भी कहा जाता है। यदि आप हफ्ते में दो या तीन बार, या महीने में 10 बार से अधिक समय ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक का उपयोग करते हैं तो आपको आगे चलकर ज्यादा दर्द हो सकता है। जब दवाएं बंद कर दी जाती हैं तो यह दर्द वापस आ जाता है जिसे रोकने के लिए अधिक दवा लेनी होती है। यह लगातार सिर में दर्द का कारण बन सकता है, जो सुबह के समय अक्सर आपकी हालत खराब कर सकता है।
हेमीक्रानिया कॉन्टिनुआ एक क्रोनिक सिरदर्द है, जिसमें चेहरे और सिर के एक साइड दर्द होता है। इसके अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोन के स्तर में बदलाव होता है। इससे भी सिर में दर्द की परेशानी हो सकती है। बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth Control Pills) और हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से हॉर्मोन में होने वाले बदलाव के चलते भी सिर में दर्द हो सकता है।
ये कभी भी अचानक शुरू हो सकते हैं और तीन महीने या उससे अधिक समय तक चल सकते हैं। एक्सपर्ट्स के पास भी इस सिरदर्द के शुरू होने के कारण को लेकर कोई जानकारी नहीं है। कुछ शोध के अनुसार, यह दर्द किसी इंफेक्शन (Infection), फ्लू (Flu), सर्जरी और स्ट्रेस (Stress) के कारण हो सकता है। इसका दर्द कुछ लोगों में मामूली होता है वहीं कुछ लोगों को बेहद गंभीर दर्द होता है।
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यदि आपको स्पाइनल टैप, स्पाइनल ब्लॉक या एपिड्यूरल होने के बाद सिर में दर्द हो तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। डॉक्टर इसे पंचर सिरदर्द कहते हैं। क्योंकि इसमें स्पाइनल कोर्ड की मेंमब्रेन में छेद होना शामिल है। यदि पंचर साइट से स्पाइनल द्रव लीक होता है तो यह सिरदर्द का कारण बन सकता है।
लोग अक्सर इसे सबसे बुरा सिरदर्द कहते हैं। यह अचानक कभी भी हो सकता है। इसके दर्द के होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
यह दर्द कुछ सेकेंड के लिए होता है लेकिन बहुत तेज होता है। दिन में यह दर्द कई दफा हो सकता है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो बिना देरी करे डॉक्टर से कंसल्ट करें। आइस पिक सिरदर्द अपने आप में एक परेशानी हो सकती है, या ये किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है।
अचानक किसी भी तरह के नए सिरदर्द को हमेशा गंभीरता से लें। अक्सर यह किसी गंभीर बीमारी की चेतावनी हो सकता है, जिसे समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
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जैसा कि हमने बताया कि सिर में दर्द कई तरह के होते हैं लेकिन सारे सिरदर्द अलग होते हैं।
माइग्रेन (Migraines):
यदि आपके सिर के एक साइड दर्द हो रहा है और आपको उल्टी या जी मिचला रहा हो तो यह माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है। इसमें साफ दिखाई न देना, भूख न लगना, जल्दी थक जाना, बुखार आदि की शिकायत सकती है।
साइनस सिरदर्द (Sinus Headaches):
यदि आपको चेहरे के पीछे के क्षेत्र में एक स्थिर दर्द महसूस हो रहा है जो समय के साथ बढ़ता है तो यह साइनस सिरदर्द का लक्षण हो सकता है। चीकबोन्स और फोरहेड में दर्द, सिर के हिलने या तनाव से दर्द तेज हो जाना आदि साइनस के लक्षण हैं।
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टेंशन सिरदर्द (Tension Headache):
यदि आपको सिर के चारों ओर स्थिर दर्द है जो सिर के चारों तरफ बैंड की तरह महसूस हो रह है तो यह टेंशन सिरदर्द हो सकता है।
क्रोनिक टेंशन सिरदर्द (Chronic Tension Headaches):
एपिसोडिक टेंशन सिरदर्द (Episodic Tension Headaches):
कलस्टर सिरदर्द (Cluster Headaches):
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सिरदर्द के दौरान जो दर्द महसूस होता है वह मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और उसके आस पास की नसों के बीच संकेतों का मिश्रण हो सकता है। आपकी रक्त वाहिकाओं और सिर की मांसपेशियों में विशिष्ट तंत्रिकाएं बदलती हैं और आपके मस्तिष्क में दर्द के संकेत भेजती हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इन संकेतों को पहली बार में कैसे चालू किया जाए। आपकी रक्त वाहिकाओं और सिर की मांसपेशियों में कुछ तंत्रिकाएं बदलती हैं जो मस्तिष्क को दर्द का संकेत भेजती हैं।
प्राइमरी सिरदर्द में माइग्रेन, कलस्टर सिरदर्द और टेंशन सिरदर्द आते हैं। प्राइमरी सिरदर्द सिर में होने वाली ओवर एक्टिविटी के कारण होता है। इसमें रक्त वाहिकाओं, मांसपेशियां, सिर और गर्दन की नसें शामिल हैं। मस्तिष्क में रासायनिक गतिविधि में परिवर्तन के परिणामस्वरूप भी सिर में दर्द की परेशानी हो सकती है।
यह सिरदर्द तब होता है जब कोई अन्य स्थिति सिरदर्द की संवेदनशील नसों को उत्तेजित करती है। सिर में दर्द होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
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बीमारी (Illness): इसमें इंफेक्शन, कोल्ड और बुखार शामिल है। साइनसाइटिस में भी सिर में दर्द होना आम है। गले में इंफेक्शन और कान में इंफेक्शन में भी सिर में दर्द होता है। कई बार सिर में दर्द किसी सीरियस मेडिकल कंडिशन के कारण भी हो सकता है।
आपके आस-पास का पर्यावरण (Your environment): यदि आपके आसपास कोई स्मोकिंग करता है या फिर केमिकल्स, पर्फ्युम, या खाने पीने की कुछ चीजों की गंध से भी सिर में दर्द हो सकता है। प्रदूषण, प्रकाश या मौसम में होने वाले बदलाव से भी सिर में दर्द शुरू हो सकता है।
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जेनेटिक्स (Genetics): अक्सर सिरदर्द जैसे माइग्रेन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होता है। यदि माता पिता को माइग्रेन है तो 70% बच्चे को भी माइग्रेन होने की संभावना होती है। यदि माता पिता में से किसी एक को माइग्रेन की परेशानी है तो बच्चे को 25% से 50% इसके होने की संभावना होती है।
स्ट्रेस (Stress): इमोश्नल स्ट्रेस और डिप्रेशन के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है। इसके अलावा एल्कोहॉल का सेवन करना, लंच या डिनर स्किप करना, स्लीप पैटर्न में बदलाव या कई दवाओं का सेवन करने से भी सिर में दर्द हो सकता है।
कई सिरदर्द जानलेवा बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि यदि आपको सिर पर किसी चोट लगने के बाद लगातार सिरदर्द है या दिन-ब-दिन आपका सिरदर्द बदतर होता जा रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। सिरदर्द के साथ निम्नलिखित लक्षण होने पर बिना देरी करे डॉक्टर से मिलना चाहिए:
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सिरदर्द के इलाज के लिए पहले उसके सही कारण का पता लगाना जरूरी होता है। इसके लिए सबसे पहले अपने चिकित्सक से डिटेल में इस पर चर्चा करें। आपका चिकित्सक आपको शारीरिक परीक्षा रिकमेंड करेंगे। इसमें आपसे सिरदर्द के लक्षणों की जानकारी लेंगे। जैसे आपको कब कब और कितनी बार दर्द होता है। सिर के किस हिस्से में दर्द होता है। सिर में दर्द को लेकर हर जानकारी अपने चिकित्सक से साझा करें। इससे सिर में दर्द का कारण पता लगाने में मदद होगी। उन चीजों के बारे में बताएं जो आपके सिरदर्द को बदतर बना देती हैं। साथ ही जो चीजें आपको सिरदर्द से राहत महसूस कराती हैं उनके बारे में भी शेयर करें। अपने डॉक्टर को सटीक जानकारी देने के लिए आप अपनी डायरी में अपने सिरदर्द से जुडी जानकारी का ट्रैक बना सकते हैं।
ज्यादातर लोगों को विशेष नैदानिक परीक्षणों की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन कभी-कभी, डॉक्टर आपके मस्तिष्क के अंदर की समस्याओं को देखने के लिए सीटी स्कैन (CT Scan) या एमआरआई (MRI) का सुझाव देते हैं जो आपके सिरदर्द का कारण हो सकता है।
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यदि आपके सिरदर्द के लक्षण खराब पहले से बदतर होते जा रहे हैं या उपचार के बावजूद अधिक सिरदर्द होता है, तो आपका चिकित्सक सिरदर्द विशेषज्ञ के पास जाने के लिए रिकमेंड कर सकते हैं।
सिर में दर्द का पता लगाने के लिए डॉक्टर नीचे बताएं टेस्ट रिकमेंड कर सकते हैं:
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सिरदर्द का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। यदि सिरदर्द किसी बीमारी के कारण हो रहा है, तो उस स्थिति का इलाज होने के बाद सिरदर्द के दूर होने की संभावना होती है। हालांकि अधिकांश सिरदर्द गंभीर चिकित्सा स्थितियों का लक्षण नहीं होता है। नॉर्मल सिरदर्द का इलाज एस्पिरिन, एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) या इबुप्रोफेन (एडविल) जैसी ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं से किया जाता है।
यदि दवाओं से सिरदर्द ठीक नहीं होता है तो नीचे बताई रेमेडी भी इससे निजात दिलाने में मदद करती हैं:
बायोफीडबैक (Biofeedback): यह एक रिलैक्सेशन तकनीक है जो पेन मेनेजमेंट में मदद करती है।
हॉट बाथ या शॉवर लेना (Taking a hot bath or shower): तनावपूर्ण मांसपेशियों को आराम देने में हॉट बाथ या शॉवर मददगार है।
एक्यूपंक्चर (Acupuncture): यह एक वैकल्पिक चिकित्सा है जो आपके शरीर के विशिष्ट क्षेत्रों में सुइयों को लगाकर तनाव को कम कर सकती हैं।
स्ट्रेस मैनेजमेंट क्लास (Stress management classes): स्ट्रेस मैनेजमेंट क्लास में तनाव का सामना करना और तनाव को दूर करना सिखाया जाता है।
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कॉगनेटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy): यह एक प्रकार की टॉक थेरेपी है, जिसमें आप तनावग्रस्त और चिंतित परिस्थितियों को पहचानने में मदद होती है।
एक्सरसाइज (Exercise): एक्सरसाइज मस्तिष्क के कुछ रसायनों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है जो आपको खुशी और अधिक आराम महसूस कराते हैं।
निवारक उपचार का उपयोग तब किया जाता है जब सिरदर्द हर महीने तीन बार या उससे अधिक बार होता है। सुमाट्रिप्टन (Sumatriptan) एक दवा है जो आमतौर पर माइग्रेन के सिरदर्द के नियंत्रण के लिए निर्धारित की जाती है (सिरदर्द होने पर अगर परेशानी ज्यादा हो तो दर्द की दवा दी जा सकती है)। अन्य दवाएं जिनका उपयोग क्रोनिक माइग्रेन या क्लस्टर सिरदर्द के इलाज या रोकथाम के लिए किया जा सकता है:
एक बार सिरदर्द का ट्रीटमेंट शुरू होने के बाद आप इस चीज को ट्रैक करें कि यह कैसे काम कर रहा है। अपनी डायरी में सिरदर्द के पैटर्न में आए बदलावों को नोट डाउन करें। इलाज के दौरान आपको कैसा महसूस हो रहा है यह भी नोट करें। यह आपका थोड़ा समयय जरूर लेगा लेकिन डॉक्टर को इससे आपका इलाज करने में मदद होगी। दवा आप पर कैसा असर कर रही है इसे लेकर डॉक्टर से हमेशा ईमानदार रहें। इलाज के साथ-साथ अपनी डायट में हेल्दी चीजों को शामिल करें। रोजाना एक्सरसाइज करें। साथ ही भरपूर नींद लें। इलाज के साथ आपका लाइफस्टाइल भी अहम भूमिका निभाता है।
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