लिम्फोमा (Lymphoma) एक प्रकार का कैंसर है जो इम्यून सिस्टम की इंफेक्शन से लड़ने वाली कोशिकाओं में होता है। जिन्हें लिम्फोसाइट्स कहा जाता है। ये कोशिकाएं हमारे लिम्फ नोड्स (Lymph nodes), प्लीहा, थाइमस, अस्थि मज्जा (Bone marrow) और शरीर के अन्य हिस्सों में होती हैं। जब आप लिम्फोमा से ग्रस्त होते हैं, तो लिम्फोसाइट्स तेजी से बदलने लगते हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में लिम्फोमा का खतरा बढ़ जाता है।
लिम्फोमा में कई प्रकार होते हैं, लेकिन इनमें से दो मुख्य हैं- हॉजकिन्स लिम्फोमा और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा ।
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यह कोई सामान्य बीमारी नहीं है लेकिन, यह अन्य लोगों की तुलना में वृद्ध और पुरुषों को अधिक प्रभावित कर सकती है। इसके कारणों को नियंत्रित करके इस बीमारी से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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इसके कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं। यदि आपको इन संकेतों को लेकर कोई शंका है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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इस बारे में क्लीनिकल जनरल फिजिश्यन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि कैंसर का कारण शरीर में सेल्स का अनियंत्रित गति से बढ़ना है। सेल्स जब तेज गति से वृद्दि करती जाती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में भी बढ़ने लगती हैं तो वो कैंसर का रूप ले लेती हैं। लिम्फोमा का कारण अभी भी अज्ञात है। जबकि तथ्यों के आधार पर कुछ लोगों में इसके होने की संभावना अधिक होती है। कुछ रिस्क फैक्टर होते हैं जिनके आधार पर ये कहा जा सकता है कि फलां व्यक्ति में लिम्फोमा होने के अधिक चांसेज हैं। ये फैक्टर एज के साथ ही अन्य मेडिकल कंडीशन पर भी निर्भर करता है।
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लिम्फोमा के निदान के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करेंगे, विशेष रूप से लिम्फ नोड्स वाली जगहों की जांच की जाती है। डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री पर भी चर्चा करेंगे और लक्षणों के बारे में पूछेंगे।
यदि आपके लिम्फ नोड्स में सूजन है और डॉक्टर को लगता है कि यह कैंसर की वजह से है, तो वे पूरे लिम्फ नोड या उसके एक हिस्से को जांच के लिए निकालेंगे। जिससे पता चल सकेगा कि इसमें कैंसर की कोशिकाएं हैं या नहीं। कैंसर कोशिकाओं की जांच के लिए, लिम्फ नोड बायोप्सी की आवश्यकता होती है।
अगर डॉक्टर यह जानना चाहता है कि लिम्फोमा कितनी दूर तक फैल गया है, तो बायोप्सी में आपके अस्थि मज्जा यानी बोन मैरो का नमूना एक सुई के द्वारा लिया जाता है। इस नमूने को एक माइक्रोस्कोप के द्वारा देखा जाता है और यह जांच की जाती है कि लिम्फोमा अस्थि मज्जा में फैला है या नहीं। आपके शरीर के अंगों और अन्य संरचनाओं की जांच के लिए डॉक्टर एक्स-रे, MRI भी कराते हैं।
आपकी कैंसर कोशिकाओं में जीन, प्रोटीन और अन्य पदार्थों में कोई बदलाव है या नहीं इसके लिए मॉलिक्यूलर टेस्ट करते हैं। इससे यह निर्धारित किया जाता है कि आपको किस प्रकार का लिम्फोमा है।
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आपको किस प्रकार का लिम्फोमा है इस आधार पर डॉक्टर आपके लिए उपचार चुन सकता है।
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उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लिम्फोमा (Lymphoma) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर मन में अधिक प्रश्न हैं, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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