और पढ़ें – Dysfunctional Uterine Bleeding: अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस का परीक्षण
आपके डॉक्टर मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस का पता लगाने के लिए न्यूरोलॉजिकल परीक्षण की मदद लें सकते हैं। इसमें क्लीनिकल हिस्ट्री और कई टेस्ट मौजूद होते हैं जिनकी मदद से मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस का पता लगाया जाता है।
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस के परीक्षण में शामिल हैं –
मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन – एमआरआई के साथ कंट्रास्ट डाई के इस्तेमाल से डॉक्टर आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में हुए घाव के बारे में पता लगा सकते हैं।
ऑप्टिकल कोहेरेन्स टोमोग्राफी (ओसीटी) – इस टेस्ट की मदद से आंख के पीछे की तंत्रिकाओं की पूरी लेयर की तस्वीर तैयार की जाती है जिससे ऑप्टिक नर्व के पतले होने के बारे में पता लगाया जा सकता है।
स्पाइनल टैप – आपके डॉक्टर स्पाइनल के तरल पदार्थ में मौजूद असमानताओं का पता लगाने के लिए आपको स्पाइनल टैप टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इस टेस्ट की मदद से संक्रमित रोग का पता लगया जाता है और ओलिगोक्लोनल बैंड्स को देखा जाता है जो की मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस का शुरुआती लक्षण होता है।
ब्लड टेस्ट – डॉक्टर सामान्य लक्षणों की पहचान करने के लिए अन्य बिमारियों का पता लगाने की कोशिश करते हैं। जिसके लिए वह आपको ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
विज़ुअल ईवोक्ड पोटेंशियल (वीईपी) टेस्ट – इस टेस्ट की मदद से मस्तिष्क में होने वाली तंत्रिका संबंधी गतिविधियों का पता लगाया जाता है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का परीक्षण तब करवाया जाता है जब रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क या ऑप्टिक नर्व में एक से अधिक जगहों पर माइलिन में आई खराबी के लक्षण दिखाई देते हैं।
एक परीक्षण में अन्य समस्याओं का भी पता लगाने की जरूरत होती है जिनके लक्षण एक समान होते हैं। जैसे की लिम्प डिजीज, ल्यूपस और जोगरेन सिंड्रोम।
और पढ़ें – Dyshidrotic Eczema: डिसहाइड्रियॉटिक एक्जिमा क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का उपचार क्या है?
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर आपको एक न्यूरोलॉजिस्ट एक्सपर्ट (तंत्रिका तंत्र रोग विशेषज्ञ) को दिखाने की सलाह देंगे। बीमारी का पता लगाने के लिए एमआरआई (MRI), स्पाइनल टैप या इवोक पोटेंशियल परीक्षण किए जा सकते हैं।
एमआरआई के द्वारा माइलिन में आई सूजन या प्रभावित माइलिन का पता लगाया जाता है। वहीं, स्पाइनल टैप टेस्ट में डॉक्टर बीमारी का पता लगाने के लिए रीढ़ की हड्डी से तरल पदार्थ का एक नमूना लेते हैं और उसके बाद उसे लैब भेज दिया जाता है।
और पढ़ें – Cellulitis : सेल्युलाइटिस क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) का इलाज कैसे किया जाता है?
एमएस को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करके इस रोग को बढ़ने से रोका जरूर जा सकता है। उपचार के अंतर्गत बीमारी और जटिलताओं (जैसे थकान, दर्द, सोचने की समस्या और मूत्राशय की समस्याओं) का इलाज किया जा सकता है।
बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं मुख्य रूप से उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा इंटरफेरॉन और ग्लैटीरामर जैसी दवाएं बढ़ती बीमारी की रोकथाम के लिए दी जाती हैं।
बीमारी की गंभीर स्थिति के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में अमैंटाडिन, बैक्लोफेन, गैबापेंटिन, ऑक्सीब्यूटिनिन, प्रोपेंथलाइन, स्टूल सॉफ्टेनर्स, साइलियम, फाइबर, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लमेटरी ड्रग्स (एनएसआईडी) और एसिटामिनोफेन शामिल का उपयोग किया जाता है।
सामान्य वजन, स्वस्थ जीवनशैली, पर्याप्त आराम और नियमित व्यायाम के द्वारा इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।