रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज से ग्रसित लोगों को प्रोटीन अच्छी मात्रा में लेना चाहिए। लेकिन साथ ही ज्यादा प्रोटीन का सेवन भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता हैं। इसलिए जरुरी हैं कि प्रोटीन लेने की सही मात्रा तय की जाए। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। डायटीशियन भी इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि जो भोजन आप ले रहे हैं, वो आपके शरीर को पोषण प्रदान करे, क्षति नहीं।
मूत्र सम्बंधित समस्या को तुरंत डॉक्टर को बताएं
अगर आपको किसी भी प्रकार से मूत्र निकासी में समस्या आ रही है, जैसे कि मूत्र मार्ग में जलन होना, बहुत ज्यादा बार मूत्र के लिए जाना, मूत्र के साथ खून के अंश दिखाई देना अथवा तीव्र गंध अनुभव करना। ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। सही समय पर इलाज शुरू होने से किसी भी प्रकार की क्षति को टाला जा सकता हैं।
नमक का कम सेवन करें
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए नमक को कम मात्रा में लें।
बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा न लें
NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) जैसे कि आइबूप्रोफेन (ibuprofen) या फिर नेप्रोक्सेन (naproxen) किडनी को नुकसान पहुंचा सकता हैं। किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर के सलाह जरूर लें।
कोलेस्ट्रॉल के लिपिड लेवल को नियंत्रित रखें
शरीर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन बड़ी समस्या को जन्म दे सकता है। समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल और लिपिड प्रोफाइल की जांच करवाते रहें और अनहोनी से बचे रहे।
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डायबिटिक किडनी डिजीज का इलाज
“इलाज से बेहतर बचाव हैं “, ये कहावत यहां सार्थक होती है। डायबिटिक किडनी डिजीज का कोई भी इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 30% लोग किडनी फेलियर की परेशानी का सामना करते हैं, वहीं टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित40% लोगों को इस समस्या से लड़ना पड़ता है। हाल ही में भारत में तकरीबन 80 लाख लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। जो कि एक बहुत बड़ा आकड़ा है।
सभी प्रकार की सावधानियों के बाद भी अगर आप किडनी फेलियर का सामना करते हैं, तो इसके दो इलाज हो सकते हैं।