डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज (Diabetes) रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज रोग के मुख्यतः दो प्रकार का होता है :
और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore
डायबिटीज (Diabetes) रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज रोग के मुख्यतः दो प्रकार का होता है :
डायबिटीज रोग का यह प्रकार आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है और इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। ज्यादातर लोग डायबिटीज के इस प्रकार से प्रभावित होते हैं।
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डायबिटीज (Diabetes) रोग के इस प्रकार में आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन (Insulin Production) नहीं कर पाता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ कोई रिएक्शन नहीं देती हैं। हाई ब्लड शुगर (High blood sugar) वाले मरीजों को आमतौर पर बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है और उन्हें जल्दी-जल्दी भूख और प्यास लगती है।
डायबिटीज (Diabetes) के दोनों प्रकारों को मैनेज करना जरूरी है। ताकि इसके कारण होने वाले गंभीर कॉम्प्लिकेशन्स (Complication) से बचा जा सके।
डायबिटीज (Diabetes) रोग होना बेहद सामान्य है। सिर्फ भारत में नहीं विश्वभर में लोग इस रोग का शिकार अधिक मात्रा में होते हैं, हालांकि जोखिम कारकों (Risk factors) को कम करके डायबिटीज रोग को रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
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इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं :
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) रोग वाले रोगियों में लक्षण बहुत ही कम होते हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण खुद में मिलते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) रोग मात्र कुछ हफ्तों या दिनों में ही विकसित हो सकती है। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जब भोजन पच जाता है और ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है, तो इंसुलिन नामक हार्मोन खून और कोशिकाओं से ग्लूकोज को बाहर पहुंचाता है। ग्लूकोज का कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यदि ग्लूकोज को बाहर करने के लिए शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है या इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता है, तो शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इसकी वजह से आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज रोग कहा जाता है।
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जो लोग 40 साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें मधुमेह आसानी से हो सकती है। इसके अलावा, जो अधिक वजन वाले हैं, धूम्रपान करते हैं या उनके परिवार में किसी को मधुमेह है तो ऐसे लोगों को डायबिटीज रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इन रिस्क फैक्टर्स को कम करके इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है।
किसी मरीज का मेटाबॉलिज्म सामान्य है या उसे प्री-डायबिटीज रोग या मधुमेह है, इसका पता डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों से लगा सकते हैं-
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टाइप 1 डायबिटीज रोग रोगियों को शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन लेना चाहिए और यह केवल इंजेक्शन या इंसुलिन पंप (एक छोटी डिवाइस जो लगातार शरीर में इंसुलिन पहुंचाता है) के द्वारा दिया जा सकता है।
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Nikhil deore