खाने से पहले :80 to 130 mg/dL. खाने के दो घंटे बाद :180 mg/dL से कम हालांकि, आपके शरीर में ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) या शुगर का लेवल कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे आपकी उम्र, आपकी स्वास्थ्य समस्याएं और अन्य कारक। आपका शुगर लेवल कितना होना चाहिए, इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें। वो आपकी शारीरिक जांच, उम्र या अन्य चीजों के आधार पर आपको बता सकते हैं कि आपका ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए।
डायबिटीज (Diabetes) ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कैसे प्रभावित करती है?
हमारा शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा के लिए प्रयोग करता है। ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को इंसुलिन की जरूरत होती है, जो हमारे अग्न्याशय द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है। हमारा सामान्य ग्लूकोज मेटाबोलिज्म इस प्रकार काम करता है।
हम जो भोजन खाते हैं वो तीन तरह के सामान्य नुट्रिएंट्स से बना होता है – कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा। पाचन के दौरान हमारे पेट में कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूट जाता है, जिसे हमारी ब्लड स्ट्रीम सोख लेती है। हमारा अग्न्याशय ग्लूकोज को बाहर निकालता है। इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज को ले जाने के लिए भी जिम्मेदार है।जब ग्लूकोज कोशिकाओं में जाता है तो इससे ग्लूकोज की कुछ मात्रा ब्लडस्ट्रीम में कम हो जाती है।
- अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज है तो अग्न्याशय(pancreas) इंसुलिन का स्राव नहीं कर पाता। जिससे ब्लडस्ट्रीम में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है। इंसुलिन के बिना ग्लूकोस शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता। जिसके कारण खून मे ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है।
- अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तो आपके अग्न्याशय(pancreas) जितनी मात्रा में इंसुलिन शरीर को चाहिए होती है उससे कम मात्रा में स्राव कर पाता है। कुछ मामलों मे, ग्लूकोस के लिए इंसुलिन इंसेंटिविटी हो सकती है।
इन दोनों तरह की डायबिटीज में, ग्लूकोज का प्रयोग ऊर्जा के लिए नहीं किया जा सकता और इसकी मात्रा ब्लड स्ट्रीम में बढ़ जाती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।
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ब्लड ग्लूकोज या शुगर बढ़ने से क्या हो सकता है? (Causes of increasing blood glucose)