- परिवार (ब्लड रिलेशन) में डायबिटीज की बीमारी
- जेनेटिक परेशानियों के साथ नवजात का जन्म। जिस कारण शरीर में इंसुलिन का निर्माण न होना।
- कुछ चिकित्सा स्थितियां, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस या हेमोक्रोमैटोसिस।
- कभी-कभी संक्रमण या वायरस के संपर्क में आने की वजह से जैसे मम्पस या रूबेला साइटोमेगालोवायरस।
इन कारणों के अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं।
किन कारणों से होता है टाइप-2 डायबिटीज
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज होने के अन्य कारण क्या हैं (Causes of Diabetes type-1 and Diabetes type-2) ?
रिसर्च के अनुसार टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-
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डायबिटीज होने पर प्रायः लोग खुद से ही निर्णय कर लेते हैं कि उन्हें क्या खाना है या क्या नहीं। लेकिन, ऐसा न करें। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में अंतर किसी भी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर से आहार भी जानें की आपके शरीर के अनुसार आपका आहार कैसा होना चाहिए?
रिसर्च के अनुसार टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट को अपने आहार पर विशेष ध्यान रखने। दरअसल टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट को होने निम्नलिखित आहार का सेवन करना चाहिए। जैसे-
आहार में शामिल करें कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate):
कार्बोहाइड्रेट तीन तरह के होते हैं जैसे- स्टार्च, शुगर और फायबर। कार्बोहाइड्रेट बीन्स, स्टार्च वाले सब्जी, फल, पास्ता और ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से प्राप्त किया जा सकता है। दरअसल कार्बोहाइड्रेट शुगर में बदलकर ब्लड में एब्सॉर्ब होने लगता है। इस कारण शुगर लेवल बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में टाइप-1 डायबिटीज के पेशेंट कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का विशेष ख्याल रखना चाहिए। अगर ऐसे में आप लो ब्लड शुगर लेवल महसूस कर रहें हैं तो कार्ब का सेवन करना आपकी सेहत के लिए बेहतर हो सकता है।
फलों का सेवन करें (Eat Fruits):
ऐसा माना जाता है की टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए लेकिन, ऐसा नहीं की टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट फल नहीं कर सकते हैं। कम से कम फलों का सेवन करना चाहिए और टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट पेर (नाशपाती) का सेवन कर सकते हैं। दरअसल नाशपाती में विटामिन-सी, विटामिन-के, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम और मिनरल प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके सेवन से इम्यूनिटी पावर बढ़ती है साथ ही यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी होता है। डायबिटीज पीड़ित के लिए सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। जिस कारण हार्ट अटैक, कम दिखाई देना या घाव का जल्दी न ठीक होना जैसी और भी शारीरिक समस्या शुरू हो सकती है
हरी सब्जियों का सेवन करें (Eat Green Veggies):
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज पेशेंट के लोगों को अपने आहार में रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियां, शताबरी (asparagus), चुकंदर, गाजर, अजवाइन, प्याज, काली मिर्च, स्प्राउट्स और टमाटर का सेवन नियमित रूप से करने से टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को शुगर लेवल बैलेंस रखने में मददगार होता है।
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प्रोटीन और फैट का सेवन (Protein and Good Fats):
शरीर के मांसपेशियों को बनाए रखने और घावों को जल्दी ठीक होने के लिए प्रोटीन अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वहीं वसा मस्तिष्क और हृदय को फिट रखने में मददगार होता है। ध्यान रखें की अपने आहार में प्रोटीन और फैट का सेवन अत्यधिक न करें।
किसी भी बीमारी का इलाज अगर ठीक से किया जाए तो आप जानलेवा बीमारी को हरा सकते हैं और आप स्वस्थ हो सकते हैं। अगर आप टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।