
परिचय
अजवाइन (Celery Seeds) क्या है?
अजवाइन का इस्तेमाल भारतीय रसोई में काफी किया जाता है। लेकिन, यह सिर्फ खाने में स्वाद या फ्लेवर के लिए ही इस्तेमाल नहीं की जाती, बल्कि यह कई स्वास्थ्य संबंधित फायदे भी देती है। पेट दर्द, गैस जैसे पेट के रोगों को भी यह दूर करने में मदद करती है और इसमें मौजूद पोषक तत्व त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इस औषधि का बोटेनिकल नाम ट्रेकिस्पर्मम अम्मी (Trachyspermum ammi) है, जो कि एपिएसी (Apiaceae) फैमिली से आती है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। जिसका इस्तेमाल मसाले और औषधि दोनों के ही रूप में किया जाता है।
इसके इस्तेमाल से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल मसाले, चूर्ण, काढ़ा, बीज और अर्क के रूप में भी किया जा सकता है। इसका पाउडर में सेंधा नमक मिलाकर पानी के साथ इसका सेवन करने से पेट दर्द, सिर दर्द, अपच और दस्त से राहत पाया जा सकता है।
उपयोग
अजवाइन की पत्तियों का उपयोग किस लिए किया जाता है?
इसके बीज पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि यह गठिया के उपचार में काफी लाभदायक साबित हो सकती है। इसका उपयोग हर्बल औषधि में किया जाता है। जोड़ों का दर्द (गठिया), हिस्टीरिया, घबराहट, सिरदर्द, कुपोषण, भूख न लगना और थकावट के कारण वजन कम होना जैसी चीजों में यह काफी लाभदायक साबित होती है। नए शोध के मुताबिक, अजवाइन निम्मलिखित बीमारियों में काफी सहायक साबित हो सकती है…
- नींद को बढ़ाना
- मूत्र पथ में बैक्टीरिया को मारने के लिए
- पेट संबंधित बीमारी और नियमित रूप से मल त्याग करने में
- मासिक धर्म शुरू करने के लिए
- आंतों की गैस (पेट फूलना) को नियंत्रित करने के लिए
- यौन इच्छा बढ़ाने के लिए
- स्तन के दूध के प्रवाह को कम करने के लिए
- उत्तेजक ग्रंथियों के लिए
- मासिक धर्म की असुविधा का इलाज करने और शरीर में खून का शुद्धिकरण करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता है।
अजवाइन कैसे काम करता है
इस पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और जलनरोधी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल से लड़ने में काफी सहायक होते हैं।
हालांकि, कुछ अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि इसमें एंटीहाइपरटेन्सिव पाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप यह टाइरोसिन हाइड्रॉक्सिल को रोकने में भी सक्षम है। इसके रासायनिक घटकों में से एक एल्कालॉइड में एंटीकॉन्वेलसेंट गुण होता है।
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सावधानियां एवं चेतावनी
अजवाइन का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
इस पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी भी शख्स ने कोई सर्जरी करवाई हो तो उसे न्यूनतम दो सप्ताह तक इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
अजवाइन का इस्तेमाल एक स्तर पर किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल किया जाए तो यह पेट के लिए खराबी का कारण बन सकता है।
कभी भी अजवाइन और इसके तेल का इस्तेमाल एक साथ करने से बचना चाहिए। अजवाइन और इसके तेल का इस्तेमाल किसी विशेष परिस्थिति में ही किया जाता है।
अजवाइन पर हुए अब तक शोधों में कई सारे प्रभाव सामने आए हैं, लेकिन कई बार हर्बल सप्लीमेंट शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए कभी भी हर्बल प्रोडक्ट और सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या किसी अन्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
अजवाइन कितनी सुरक्षित है?
शोधकर्ताओं के मुताबिक, निम्नलिखित परिस्थितियों में अजवाइन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर से पीड़ित हों
- गुर्दे से संबंधित समस्याएं हों
- लो ब्लडप्रेशर की शिकायत हो
- खाने के अलावा बच्चों के लिए किसी भी अन्य चीजों में इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- इसकी अधिक मात्रा गर्भपात का कारण बन सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, जो महिलाएं गर्भवती हैं या फिर छोटे बच्चों को स्तनपान करवा रही हैं तो अजवाइन का इस्तेमाल करने से उन्हें बचना चाहिए।
अजवाइन के साइड इफेक्ट
अजवाइन से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेशन
- यूटेराइन स्टिमुलेशन
- डर्मेटाइटिस, बर्च-सेलेरी- सिंड्रोम)
- अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रियाएं, एनाफिलेक्सिस, एंजियोएडेमा
शोध के मुताबिक, जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज से राहत के लिए इसका सेवन करती हैं, उन्हें एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
अजवाइन से जुड़े परस्पर प्रभाव / अजवाइन से पड़ने वाले प्रभाव
अजवाइन के सेवन से अन्य किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ सकता है?
इसके सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
अजवाइन निम्न दवाइयों के असर को प्रभावित कर सकता है :
- ऐसी दवाइयां जो सूर्य की रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाती हों।
- नींद की दवाइयां
- दवाइयां जिनका इस्तेमाल थायरॉयड में किया जाता है।
यह आपके शरीर में लिथियम के स्तर को भी बदल सकती है।
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अजवाइन की खुराक
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
आमतौर पर कितनी मात्रा में अजवाइन खाना चाहिए?
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
अगर आप रोजाना अजवाइन का इस्तेमाल करना चाह रहे हैं तो शोध के मुताबिक, इसकी महज एक से चार ग्राम मात्रा लेना ही सही रहता है।
अगर आपको खून संबंधी कोई बीमारी जैसे बवासीर या पीरियड्स जैसी समस्या है तो एक बार अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस तरह की बीमारियों में अजवाइन लेना कई बार नुकसानदायक साबित हो सकता है।
किन-किन रूपों में उपलब्ध है अजवाइन
बाजार में अजवाइन कैप्सूल, बीज, टिंचर और पाउडर के तौर पर आसानी से उपलब्ध है।
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