backup og meta

कैसे होती है AIDS या HIV की बीमारी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/02/2021

    कैसे होती है AIDS या HIV की बीमारी?

    एक्वायर्ड इम्‍यूनो-डिफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) (एड्स/एचआईवी) की वजह से होने वाली बीमारी है। वायरस की वजह पीड़ित व्यक्ति की इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि HIV वायरस इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालना शुरू कर देता है। शरीर का इम्यून पॉवर जैसे ही कमजोर पड़ता है वैसे ही अलग-अलग तरह की बीमारी शुरू हो जाती है।

    नेशनल स्ट्रेटजिक प्लान (NSP) के अनुसार साल 2020 तक HIV से पीड़ित आंकड़ों में कमी आ सकती है। 

    • HIV इंफेक्शन के नए मामलों में 75% तक की कमी आ सकती है।
    • 90-90-90: देश में HIV पॉजिटिव लोगों में से 90% लोगों को बीमारी की जानकारी है, 90% लोग इलाज करवा रहें हैं और 90% लोग जो इलाज करवा रहें हैं वो अत्यधिक तनाव महसूस करते हैं।

    और पढ़ें: जानिए क्या करें अगर पार्टनर न कर पाए सेक्शुअली सैटिसफाई

    एड्स/एचआईवी कैसे फैलता है? (How is AIDS / HIV spread?)

    एड्स/एचआईवी

    यदि कोई सामान्य व्यक्ति HIV पॉसिटिव व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाता है तो एड्स की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि HIV पॉसिटिव को लोग जानकारी के अभाव में AIDS मान लेते हैं लेकिन, यह सही नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार एड्स/एचआईवी पॉसिटिव होने के कुछ सालों बाद एड्स होता है। ऐसा वक्त पर इलाज शुरू नहीं करने की वजह से होता है। अन्य वजह जिससे एड्स होने या फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इनमें शामिल है-

    • असुरक्षित यौन संबंध बनाना।
    • दूषित रक्त होने के कारण।
    • इन्फेटेक्टेड सुई के इस्तेमाल से।
    • मां से बच्चे में होने की संभावना ज्यादा होती है।

    [mc4wp_form id=’183492″]

    AIDS के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of AIDS?)

    एड्स/एचआईवी के लक्षणों में शामिल है-

    • वजन का तेजी से घटना
    • बुखार आना
    • शरीर से अत्यधिक पसीना आना
    • अत्यधिक थका हुआ महसूस होना
    • शरीर के हिस्से जैसे आर्मपिट या गर्दन
    • एक सप्ताह से ज्यादा डायरिया होना
    • माउथ, एनस और जेनाइटल जैसी जगहों पर घाव होना
    • निमोनिया होना
    • मुंह, नाक और आंखों पर अलग-अलग रंगों के निशान आना
    • याददाश्त कमजोर होना
    • अत्यधिक तनाव में रहना
    • बढ़ते तनाव के कारण डिप्रेशन (अवसाद) होना
    • न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के साथ-साथ अन्य बीमारी होना

    ऊपर बताए गए लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं। लक्षणों के आधार पर खुद से तय करना सही तरीका नहीं है। इसलिए शारीरिक बदलाव महसूस होने पर डॉक्टर से जल्द संपर्क करें।

    AIDS से जुड़ी कुछ भ्रांतियां भी हैं, जो गलत हैं। जैसे-

    • AIDS पीड़ित व्यक्ति के साथ खाना खाने से सामान्य व्यक्ति भी AIDS से पीड़ित हो सकता है।
    • हाथ मिलाने से AIDS होना।
    • AIDS पीड़ित व्यक्ति का टॉयलेट प्रयोग नहीं करना चाहिए।

    ध्यान रखें HIV एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण की वजह से होता है। लेकिन, AIDS नहीं होता है। AIDS उसी महिला या पुरुष को होगा जिसे HIV पॉजिटिव है।

    [mc4wp_form id=’183492″]

    और पढ़ें: क्या वाकई में घर से ज्यादा होटल में सेक्स एंजॉय करते हैं कपल?

    AIDS का इलाज कैसे किया जाता है? (How is AIDS treated?)

    AIDS का इलाज एंटी रेट्रोवाईल थेरिपी और अन्य दवाओं से किया जाता है। इन दवाओं की मदद से HIV के संक्रमण को कम किया जा सकता है। डॉक्टर कुछ जरूरी जांच के बाद आये रिपोर्ट के अनुसार ही इलाज करते हैं।

    डॉक्टर द्वारा बताएं गए निर्देश का पालन करें और निम्नलिखित बातों को नजरअंदाज करें।

    • किसी की नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें।
    • HIV पॉजिटिव व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध न बनाएं।
    • इंजेक्शन लेने के दौरान इस्तेमाल किया हुआ इंजेक्शन का इस्तेमाल न करें।
    • इस्तेमाल किये हुए ब्लेड (रेजर) का प्रयोग न करें।

    और पढ़ें: एचआईवी और एड्स में अंतर क्या आप बता सकते हैं?

    वैसे बदलते जीवनशैली के कारण आजकल एचआईवी के शिकार ज्यादा लोग हो रहे हैं। एचआईवी डायग्नोस होने के बाद लोगों को एड्स होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है की एड्स/एचआईवी का इलाज संभव नहीं है। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral therapy)  या एआरटी (ART) दवाओं की मदद से HIV पॉजिटिव पुरुषों और महिलाओं को इस बीमारी के बावजूद जीवित रहना संभव है।

    हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार एचआईवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति एआरटी लेता है, तो एचआईवी/एड्स में नहीं बदलता या इसमें ज्यादा वक्त लग सकता है। दरअसल HIV  इम्यून सिस्टम की सीडी 4 सेल (CD4 Cell)  पर सीधे हमला करता है। अगर शरीर के सेल्स खराब हो जाते हैं, तो इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एड्स को तब डायग्नोज किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को कुछ इंफेक्शन (opportunistic infections) या कैंसर हो जाता है। इसके अलावा उनका सीडी 4 काउंट 200 सेल प्रति क्यूबिक मिलीमीटर से कम हो जाता है। एक्सपर्ट्स केअनुसार  एआरटी दवाओं  के साल 1990  में आने से पहले एचआईवी वायरस से पीड़ित लोग कुछ ही सालों में एड्स से भी पीड़ित हो जाते थें। लेकिन, अब ऐसे हालात नहीं हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार कई एचआईवी पॉजिटिव लोग, जो जल्दी ही एआरटी लेना शुरू कर देते हैं, उनमें बीमारी के फैलने की संभावना कम होती है। अगर एड्स/एचआईवी पीड़ित व्यक्ति सही तरह से दवाओं का सेवन करते हैं, तो एचआईवी होने के बावजूद हेल्दी लाइफ भी जी सकते हैं।

    एक रिपोर्ट के अनुसार ‘महाराष्ट्र में अप्रैल 2018 से, फरवरी 2019 में 2400 लोगों की मौत ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस (HIV) की वजह से हुई है’ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ खडसे ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात की जानकारी दी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में भारत एड्स/एचआईवी जैसी गंभीर बीमरी से पीड़ित होने वाले तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में 2.1 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस (HIV) के मरीज कम हुए लेकिन, यहां ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर इस बीमारी के शिकार भारतीय क्यों हो रहें हैं।

    और पढ़ें- जानें एचआईवी इतनी तेजी से शरीर में कैसे फैलता है?

    एड्स/एचआईवी से कैसे बचें? (How to cure from AIDS / HIV?)

    एड्स/एचआईवी

    एड्स/एचआईवी से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है। जैसे-

    • शारीरिक संबंध बनाने से पहले कोंडम का इस्तेमाल करें।
    • सिर्फ एक ही व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनायें और साथ ही यह भी ध्यान रखें की वह व्यक्ति HIV से संक्रमित न हो।
    • एल्कोहॉल और ड्रग्स का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से आप सही निर्णय लेने से असमर्थ हो सकते हैं।
    • एड्स/एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के ब्लड के संपर्क में न आएं।

    एड्स/एचआईवी जैसी बीमारी होने पर या इसके लक्षण नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। कोई भी बीमारी होने पर डरने या शर्माने की बजाए डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें। यही नहीं अगर आप AIDS या HIV से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और एचआईवी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/02/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement