विटामिन-डी डेफिशिएंसी के कारण क्या हैं?
नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक दुनियाभर की 50 फीसदी जनसंख्या विटामिन-डी डेफिशिएंसी की समस्या से जूझ रही है। प्रति व्यक्ति के लिए प्रतिदिन कम से कम 10 से 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है। जिसकी पूर्ति आहार और सूर्य की किरणों से की जा सकती है। हालांकि, ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से विटामिन डी की कमी हो सकती है, जिसमें मॉर्डन लाइफस्टाइल और गरीबी सबसे बड़े कारणों में से एक हो सकते हैं।
विटामिन डी की कमी के निम्न कारण हो सकते हैंः
1.विटामिन-डी डेफिशिएंसी का कारण है शुध्द शाकाहारी होना
आहार के तौर पर विटामिन-डी डेफिशिएंसी को दूर करने के सबसे बेहतर स्त्रोत पशु आधारित आहार होता है। हालांकि, ऐसे लोग जो शुध्द शाकाहारी हैं, उनमें विटामिन डी की कमी के जोखिम ज्यादा होते हैं। क्योंकि मछली और मछली के तेल, अंडे की जर्दी, फॉर्टफाइड मिल्क (Fortified Milk) और मीट विटामिन डी के एक अच्छे स्त्रोत होते हैं।
2.आहार में विटामिन डी अधिक न ले पाना
कुछ लोगों का मेटाबॉलिज्म विटामिन डी के स्त्रोतों को अच्छी मात्रा में नहीं पचा पाता है, जिसकी वजह से भी शरीर में धीरे-धीरे विटामिन-डी डेफिशिएंसी हो सकती है।
3.विटामिन-डी डेफिशिएंसी का प्रमुख कारण है हमेशा धूप से दूर रहना
बहुत देर तक या बहुत ज्यादा समय धूप में रहने के कारण त्वचा से संबंधिक कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन अगर धूप की बहुत ज्यादा कमी भी हो जाए, तो शरीर में विटामिन-डी डेफिशिएंसी भी हो सकती है। सूर्य की किरणें विटामिन डी का सबसे उच्च स्त्रोत होती हैं। इसके लिए आप सुबह की सूर्य की किरणों में कुछ समय तक रह सकते हैं।
4.गहरी रंगत की त्वचा होना
अगर आपका स्किन कलर डार्क है, तो विटामिन-डी डेफिशिएंसी का जोखिम बढ़ सकता है। पिगमेंट मेलेनिन सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से विटामिन डी बनाने की त्वचा की क्षमता को कम कर देता है। कुछ अध्ययनों में इसका दावा भी किया गया है कि गहरे रंग की त्वचा वाले बड़े वयस्कों में विटामिन-डी डेफिशिएंसी का खतरा अधिक होता है।
5.किडनी का सही से कार्य न करना