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कई तरह की होती हैं स्किन डिजीज (Skin Diseases), जानिए कौन से हैं इसके प्रकार!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/04/2021

    कई तरह की होती हैं स्किन डिजीज (Skin Diseases), जानिए कौन से हैं इसके प्रकार!

    स्किन डिजीज यानी त्वचा रोगों (Skin Diseases) की बात की जाए, तो इनकी लिस्ट बहुत बड़ी है। इनमें कुछ साधारण रोग हैं, तो कुछ बहुत ही गंभीर रोग भी हो सकते हैं। अभी तक 3,000 से भी अधिक स्किन डिजीज की पहचान की जा चुकी हैं, जिनमें से कई का इलाज आसान है, लेकिन कुछ अभी भी लाइलाज बनी हुई है। हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में कुछ ऐसी ही स्किन डिजीज (Skin Diseases) के बारे में बताया गया है। क्या हैं ये स्किन डिजीज और जानिए इसके कारण क्या हैं?

    स्किन डिजीज का क्या अर्थ है? (What is skin disease?)

    स्किन डिज़ीज, शरीर के अलग-अलग अंगों की त्वचा को प्रभावित कर सकती है। चर्म रोग (Skin disease) होने पर त्वचा पर खुजली, दर्द और जलन हो सकती है। स्किन डिज़ीज होने का मुख्य कारण किसी तरह का स्वास्थ्य विकार या संक्रमण हो सकता है। जिसके कई चरण भी सकते हैं। हालांकि, इसके शुरूआती चरणों में त्वचा की सबसे ऊपरी परत को ही नुकसान हो सकता है। चर्म रोग (Skin disease) शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, खासकर गुप्तांगों में चर्म रोग के होने का जोखिम सबसे अधिक हो सकता है।

    स्किन डिजीज होने के कारण क्या है? (Cause of Skin disease)

    स्किन डिजीज (Skin Diseases)

    स्किन डिजीज होने के कई कारण हैं। इनमें मेकअप प्रोडक्ट (Cosmetic product) का इस्तेमाल करना, दवाइओं का रिएक्शन, खानपान, आनुवंशिक रोग, किसी उत्पाद या वस्तु से एलर्जी आदि। इनमें से कुछ मामूली रोग अस्थायी हो सकते हैं, जो उपचार के बाद दूर किए जा सकते हैं, लेकिन कुछ गंभीर हो सकती है। त्वचा शरीर का सबसे बड़ा और विस्तृत अंग होता है। पूरे शरीर का ऊपरी निर्माण त्वचा से ही होता है, जिसकी वजह से त्वचा रोग की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

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    1.स्किन डिजीज जन्मजात कारण

    कुछ स्किन डिजीज (Skin Diseases) जन्मजात या आनुवंशिक (Genetics) कारणों से भी हो सकते हैं। जैसे अगर मां या पिता को किसी तरह की स्किन एलर्जी (Skin allergy) या त्वचा संबंधी परेशानी (Skin problem) है, तो यह उसके संतान में भी देखी जा सकती है।

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    2.स्किन डिजीज भौतिक कारण

    भौतिक कारण भी स्किन डिजीज (चर्म रोग) की एक वजह हो सकती है। जैसे बदलते मौसम का त्वचा पर प्रभाव, किसी वस्तु से त्वचा पर चोट लगना आदि।

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    3.स्किन डिजीज रसायनिक कारण

    रसायनिक कारण आज के समय में त्वचा रोग (Skin Diseases) के लिए सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके कई कारण होते हैं, जैसे किसी मेकअप प्रोडक्ट (Makeup products) से एलर्जी आदि।

    4.स्किन डिजीज का कारण सफाई पर विशेष ध्यान नहीं देना

    त्वचा के कई रोगों का कारण अस्वच्छता भी है। शरीर क सफाई पर ध्यान नहीं देना, गंदे पशुओं या वस्तुओं के संपर्क में रहना आदि।

    5.स्किन बैक्टिरिया

    हमारी स्किन पर कई तरह के बैक्टिरिया रहते है। अगर स्किन की सफाई नहीं की जाए, तो ये त्वचा रोग के कारण बन जाते है।

    स्किन डिसीज के प्रकार क्या हैं? (Types of Skin Diseases)

    skin disease

    स्किन डिसीज (चर्म रोग) के कई प्रकार है। जिनके बारे में बताने वाले हैं :

    घमौरी (Heat rash)

    घमौरी अक्सर पसीने की ग्रन्थियों का मुंह बंद होने के कारण होता है। घौमरी छोटे-छोटे लाल दाने के आकार में होता है, जिनमें खुजली और जलन होती रहती है। यह पीठ, छाती, बगल व कमर के आसपास ज्यादा होती है।

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    खाज (Itch)

    खाज यह भी एक प्रकार की खुजली होती है, जो सरकोप्टस स्कैबीई नामक खुजली के कीटाणुओं के कारण होती है। यह कीटाणु आठ पैर वाले परजीवी होते हैं। यह काफी छोटे-छोटे होते है जो त्वचा पर ही रहते हैं और त्वचा को खोदते रहते हैं, जिसके कारण तेज खुजली होती है। इसके अलावा, ज्यादा ठंड या गर्मी के प्रभाव में आने पर खुजली और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इन कीटाणुओं को नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकता है, लेकिन मैगनिफाइंग ग्लास या माइक्रोस्कोप की मदद से इन्हें देखा जा सकता है।

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    दाद (Ringworm)

    दाद एक तरह के फंफूद होते है। ये फफूंद माइक्रोस्पोरोन (Microsporon), ट्राकॉफाइटॉन (Trichophyton), एपिडर्मोफाइटॉन या टीनिया (Tinea) जाति की हो सकती है। दाद शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन फिर भी बालों वाली जगह पर यह ज्यादा होते है।

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    मुंहासे (Acne)

    मुंहासे त्वचा पर निकलने वाले लाला, सफेद व काले दाने (Acne) होते हैं। इनमें मवाद भरा होता है। त्वचा के रोम छिद्रों के बंद होने के कारण मुहांसे की समस्या होती है। इनका उपचार बहुत ही सामान्य है, लेकिन इनके निशान त्वचा पर रह जाते हैं, जिनका उपचार लंबे समय तक चल सकता है।

    फोड़ा या फुंसी (Boil or pimple)

    यह एक तरह का संक्रमण होता है, जो स्टैफिलोकोकस और यूस नामक जीवाणुओं के कारण होता है। इसकी फोड़ा होने पर स्किन के ऊपर पस भर जाती है, जो दर्दनाक होती है।

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    तिल या मोल्स (Moles)

    लगभग सभी व्यक्तियों के शरीर पर तिल होते हैं, जो समय-समय पर विकसित हो सकते हैं। हालांकि, ये किसी भी तरह से त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होते हैं लेकिन, अगर इनके आकार और रंग-रूप में बदलाव दिखाई दे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    स्किन डिजीज : मेलेनोमा (Melanoma)

    यह गंभीर कैंसर का एक प्रकार है। जब शरीर के तिल बढ़ने लगते हैं तो वो मेलेनोमा (Melanoma) हो सकते है। इस स्किन डिजीज का उपचार सर्जरी या कीमोथेरिपी के जरिए किया जा सकता है।

    रोसेशिया या गुलाबी मुंहासे

    इसके कारण चेहरे की त्वचा लाल पड़ जाती है। इस स्किन डिजीज (Skin Diseases) की वजह से नाक, कान, गाल, माथे या ठोड़ी की त्वचा लाल पड़ जाती है।

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    स्किन डिज़ीज (त्वचा विकार) के बारे में पता कैसे लगाएं? (Diagnosis of skin diseases)

    आपके लक्षणों और स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए आपके डॉक्टर स्किन डिज़ीज के निदान के बारे में उपाय बता सकते हैं। वे आपसे आपके स्वास्थ्य को लेकर कुछ निजी सवाल पूछ सकते हैं और आपके लक्षणों के बारे में आपसे बात कर सकते हैं। जिसके आधार पर वो निम्न टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    पैच टेस्ट करना

    पैच टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान त्वचा की एलर्जी का पता लगाया जाता है। इसके लिए चेहरे पर एक चिपकने वाले पदार्थ को लगाया जाता है,जिसे कुछ समय बाद त्वचा से हटाकर उसकी जांच की जाती है।

    स्किन बायोप्सी

    स्किन बायोप्सी की प्रक्रिया में त्वचा की जांच की जाती है। जो स्किन कैंसर या सौम्य त्वचा विकारों की जानकारी दे सकती है।

    कल्चर टेस्ट

    कल्चर टेस्ट की प्रक्रिया में संक्रमण करने वाले सूक्ष्मजीवों, जैसे- बैक्टीरिया, कवक या वायरस की पहचान की जाती है। इन बैक्टीरिया, कवक या वायरस की पहचान करने के लिए स्किन, बाल या नाखूनों का टेस्ट किया जा सकता है।

    डॉक्टर से जानिए कैसे करें त्वचा की देखभाल

    skin disease

    हैलो स्वास्थ्य के साथ स्किनोलॉजी स्किन व हेयर क्लीनिक की डर्मटॉलॉजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू के साथ बातचीत पर आधारित

    दिल्ली के डर्मटॉलॉजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू का कहना है “गर्मियों के मौसम में तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ अल्ट्रावॉयलेट किरणों की प्रचंडता भी बढ़ जाती हैं, जो त्वचा पर भारी पड़ती हैं। गर्मियों के दौरान शिकायत रहती है कि गर्मियां में टेनिंग (Tening), पसीना (Sweating), मुंहासे (Acne), स्किन एलर्जी (Skin allergy), तैलीय त्वचा (Oily skin), झुर्रियां (Wrinkles) आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। सूरज की रोशनी की वजह से उनकी त्‍वचा का भी काफी बुरा हाल हो जाता है। गर्म हवाओं की वजह से बाहर आकर ताजा हवा लेने से डरते हैं। जिसके कारण त्वचा नमी खो देती है और अगर समय रहते त्वचा की ठीक से देखभाल न की गई, तो ये गर्मी का मौसम त्वचा के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि त्वचा का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाए। इसलिए, एक मॉश्चराइजर के साथ एसपीएफ30 युक्त सनस्क्रीन त्वचा पर लगाना चाहिए।

    स्किन डिज़ीज (त्वचा विकार) से कैसे बचा जा सकता है? (Prevention of skin diseases )

    स्किन डिज़ीज की रोकथाम करने के लिए आपको निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए, जैसेः

    • शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना
    • दिन में कम से कम एक बार या दो बार स्नान करें
    • बार-बार त्वचा को अपनी हाथों से न छुएं
    • साबुन और गर्म पानी से अपने हाथों को बार-बार धोएं
    • खाने और पीने के बर्तन अन्य लोगों के साथ शेयर न करें
    • ऐसे लोगों के संपर्क से दूरी बनाएं, जिसे किसी तरह का त्वचा संक्रमण है
    • सार्वजनिक स्थानों, जैसे जिम उपकरण, को इस्तेमाल करने से पहले उसे साफ करें
    • व्यक्तिगत सामानों को सार्वजिनक रूपों से शेयर न करें
    • खूब पानी पीएं
    • हमेशा पौष्टिक आहार खाएं
    • अत्यधिक शारीरिक या भावनात्मक तनाव से बचें।
    • चिकनपॉक्स जैसी संक्रामक त्वचा स्थितियों के लिए टीके लगवाएं।
    • संक्रामक त्वचा समस्याओं जैसे कि चिकन पॉक्स के लिए टीकाकरण करवाएं
    • खट्टी चीजों जैसे नींबू और संतरे का सेवन करें। इस तरह के फलों में एंटीऑ‍क्‍सीडेंट, लिमोनोइड्स और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। संतरा और नींबू का सेवन शरीर में ग्‍लूटाथियॉन के उत्‍पादन को बढ़ा सकते हैं, जो लीवर के कार्य में मदद कर सकते हैं। ग्‍लूटाथियॉन शरीर में पाए जाने वाला एक यौगिक होता है जो लीवर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए आवश्‍यक हो सकता है।

    ध्यान रखें कि शरीर में होने वाले बदलावों को कभी भी अनदेखा न करें। अगर त्वचा की रंग में बदलाव, खुजली या जलन जैसी समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। ज्यादातर स्किन डिजीज छोटे-छोटे लक्षणों से शुरू होती हैं और अनदेखा कर देने पर ये गंभीर बन सकती हैं। इसके अलावा ये चर्म रोग अन्य किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर एक इशारा भी हो सकते हैं। यदि आपको ऊपर बताई गई इनमें से कोई भी त्वचा संबंधी समस्या हो तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।

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