बारिश में या नदी, तालाब के पास लीच को देख कर आपने कभी यह नहीं सोचा होगा जिसे आप मामूली सा कीड़ा समझ रहे है वह चिकित्सा पद्धति में महत्वपूर्ण योगदान रखता है। लीच यानी जाेंक से ब्लड प्यूरीफिकेशन यानी हमारे शरीर के खून की सफाई की जा सकती है। आयुर्वेद में इसे त्वचा संबंधी रोगों, तंत्रिका तंत्र की असमानताओं ( नर्वस सिस्टम इम्बैलेंस ) और इंफेक्शन के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आजकल इसका इस्तेमाल ज्यादातर प्लास्टिक सर्जरी और माइक्रो सर्जरी के लिए किया जाता है क्योंकि लीच पेप्टाइड और प्रोटीन का सिक्रेशन करती है जो कि ब्लड क्लॉटिंग को रोकने का काम करता है। यह घाव के ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में भी मदद करती है। इस आर्टिकल में जानें कि कैसे जोंक के माध्यम से ब्लड प्यूरीफिकेशन होता है।