जीवनशैली और घरेलू उपचार
बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के घरेलू उपाय
बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय के साथ ही मेडिकल ट्रीटमेंट भी जरूरी है। इसमें दवा के साथ-साथ परामर्श भी शामिल हैं, जो मैनिक डिप्रेशन का इलाज करने में मदद कर सकता है। उपचार के दौरान दवाओं के साथ-साथ ये बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय ट्रीटमेंट में मददगार साबित हो सकते हैं।
बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय : जीवनशैली में परिवर्तन
- काउंसलिंग, संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी (सीबीटी) और जीवनशैली में परिवर्तन द्विध्रुवी विकार वाले लोगों को अपने लक्षणों का प्रबंधन करने और उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है।
- मैनिक डिप्रेशन एक व्यक्ति की नींद को बाधित कर सकता है। बायपोलर डिसऑर्डर के दौरान एक व्यक्ति बहुत कम सोता है। नींद न आने की समस्या मूड स्विंग्स को ट्रिगर कर सकती है। मूड में हो रहे बदलाव को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त नींद प्राप्त करना आवश्यक है।
- बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) से ग्रस्त व्यक्ति के लिए स्वस्थ आहार जीवनशैली का एक हिस्सा है। साल 2011 के एक अध्ययन में पाया गया कि द्विध्रुवी विकार के इलाज के लिए 68 प्रतिशत लोगों में अधिक वजन या मोटापा पाया गया। बायपोलर डिसऑर्डर वाले लोगों में डायबिटीज, लो बोन डेंसिटी और हृदय रोग सहित कई अन्य स्थितियों का खतरा अधिक था। एक स्वस्थ आहार इन स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। अधिक वजन होने से रिकवरी जटिल हो सकती है और मधुमेह, हाय ब्लड प्रेशर और चिंता का खतरा बढ़ सकता है।
- डॉक्टरों को यह पता नहीं है कि बायपोलर विकार क्यों होता है, लेकिन यह मस्तिष्क में रसायनों के असंतुलन के कारण हो सकता है। ये रसायन, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर भी कहा जाता है। सेरोटोनिन भी भूख को प्रभावित कर सकता है। यह हो सकता है कि जब सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, तो लोग कार्बोहाइड्रेट और मीठे खाद्य पदार्थों को खाने के लिए प्रेरित होते हैं। नियमित दिनचर्या रखें, जैसे कि प्रतिदिन एक समय पर ही हेल्दी डायट लें।
- योग और व्यायाम: प्रतिदिन 30 मिनट तक की जाने वाली मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधि मूड के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में मदद करती है। एरोबिक व्यायाम, जैसे वॉकिंग या जॉगिंग, योगा, मेडिटेशन करना बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय हैं, जो इसके लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के घरेलू उपाय में इन्हें भी करें शामिल
- कुछ अध्ययनों के अनुसार मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा -3 इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन देशों में लोग मछली का अधिक सेवन करते हैं, उनमें बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या कम होती है। अवसाद से पीड़ित लोगों के ब्लड में ओमेगा -3 का स्तर कम हो सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन उन्हें उनके प्राकृतिक रूप में खाना सबसे अच्छा है। कोल्ड-वॉटर फिश, नट्स और प्लांट ऑयल इसके अच्छे स्रोत हैं।
- कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मैग्नीशियम मनोदशा को नियंत्रित करता है और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवाओं के साथ दिया जाए, तो इसके बेहतरीन नतीजे प्राप्त हो सकते हैं। नतीजतन, बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय के रूप में कुछ डॉक्टर मैग्नीशियम सप्लिमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
- कुछ लोगों का सुझाव है कि विटामिन बायपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, विशेष रूप से विटामिन सीऔर फोलिक एसिड। हालांकि इस विषय पर अभी और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है। एक डायट जो ताजा खाद्य पदार्थों के माध्यम से कई प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करती है। वह व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां फोलिक एसिड में उच्च होती हैं और खट्टे फल विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत हैं।
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इनसे परहेज करें
कैफीन, शराब, शक्कर, नमक और वसायुक्त आहार।
आयुर्वेद में बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का उपचार
आयुर्वेद में बायपोलर डिसआर्डर का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है। चरक संहिता में उन्माद (mania) यानी पागलपन का वर्णन है, जो मन, बुद्धि, धारणा, ज्ञान, व्यवहार गतिविधियों को प्रभावित करता है। इसमें पांच प्रकार के उन्माद का वर्णन किया गया है। ये विकार लक्षणों और दोष की भागीदारी पर निर्भर करते हैं, जिसे बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के साथ जोड़ा जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, वात बढ़ने के कारण अति रक्त दाव होता है और पित्त के कारण अवसाद होता है। वात असंतुलन बायपोलर विकार का मुख्य कारण है, क्योंकि अत्यधिक वात से भय, अलगाव, चिंता, घबराहट, तंत्रिका टूटने, मूड में बदलाव, अनिद्रा, कंपन और अस्थिरता की स्थिती पैदा होती है।
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आयुर्वेद के अनुसार, इस विकार में व्यक्ति वात असंतुलन और कम ओजस से ग्रस्त होता है। वात, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है, दूसरी तरफ ओजस प्रतिरक्षा, शक्ति और क्षमता को दर्शाता है। यह बायपोलर डिसआर्डर तीन जैविक गुणों (वात, पित्त और कफ) के साथ-साथ चेतना (सत्व, रजस और तमस) के गुणों के असंतुलन के कारण पैदा होता है।
आशा है कि आपको हमारे इस लेख से बायपोलर डिसआर्डर को समझने में मदद मिलेगी। इस विकास से पीड़ित व्यक्ति को मेडिसिन के साथ बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय को जारी रखना चाहिए। इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है। सप्लिमेंट या वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करने से पहले उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।