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ओल्ड एज सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए जानें मेनोपॉज के बाद शारिरिक और मानसिक बदलाव

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/10/2020

    ओल्ड एज सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए जानें मेनोपॉज के बाद शारिरिक और मानसिक बदलाव

    हर चीज की उम्र होती है, जिस प्रकार जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, ठीक उसी प्रकार पुरुष हो या महिला दोनों में शारिरिक रूप से कई बदलाव आते हैं। सेक्स की बात करें, तो यह संभव है कि जो एहसास आप जवानी में महसूस करते हो, वैसा आप बुढ़ापे में न कर पाएं। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा शरीर है, जो समय के साथ-साथ बदलता है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि जिस ऊर्जा को आप जवानी में महसूस करते हो, वैसा बुढ़ापे में न कर पाएं। जवानी के समय हमारे शरीर के तमाम अंग, ग्लैंड सुचारू रूप से काम करते हैं, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ने लगती है ठीक उसी प्रकार हमारे शरीर के अंग भी धीरे-धीरे करके शिथिल होने लगते हैं। सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती, इसे हर उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं। लेकिन अंतर बस इतना है कि शरीर में हुए बदलाव के कारण सेक्स लाइफ में कुछ परिवर्तन जरूर आते हैं। तो आइए इस आर्टिकल में हम मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ के बारे में जानते हैं।

    लंबे समय के बाद फिर कर सकते हैं सेक्स

    मेनोपॉज के बाद यदि आपने लंबे समय तक सेक्स नहीं किया है, तो आप इसे फिर से ट्राय कर सकती हैं। देखा गया है कि बुजुर्ग महिलाओं में लंबे समय के बाद सेक्स करने से मेनोपॉज के कारण वजायना शार्ट होने के साथ सिकुड़ जाती हैं। इस कारण आप इंटरकोर्स के दौरान दर्द महसूस कर सकती हैं। मेनोपॉज के बाद यदि आपने लंबे समय तक सेक्स नहीं किया है और या फिर आप सेक्स करने की सोच रही हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टरी सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। एक्सपर्ट इस स्थिति में वजायनल डिलेटर ( vaginal dilator) का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह एक प्रकार की मशीन होती है, इसकी मदद से वजायनल टिशू को स्ट्रेच किया जाता है, ऐसा कर सेक्शुअल फंक्शन को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है और आप सेक्स को एंजॉय कर सकतीं हैं।

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    मेनोपॉज के बाद आते हैं इमोशनल बदलाव

    मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ में परिवर्तन होता है। कोई भी महिला हो उसमें मेनोपॉज के बाद इमोशनल बदलाव आते ही हैं। वहीं वजायना और वल्वा फिजिकल तौर पर भी परिवर्तित होता है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन लेवल बदलता है, इसके कारण टिश्यू पतला होने के साथ स्किन की इलास्टिक कमजोर हो जाती है। वहीं वजायनल ड्रायनेस भी महिलाएं महसूस कर सकती हैं। मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ को यह तमाम बदलाव प्रभावित करते हैं। लेकिन मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए आप अलग-अलग तरीकों के सेक्शुअल पोज को अपनाने के साथ ओवर द काउंटर ल्यूब्रिकेशन और वजायनल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल कर सेक्शुअल तौर पर एंजॉय कर सकती हैं।

    सेक्स संबंधी इच्छाएं हो जाती हैं कम

    मेनोपॉज के बाद सेक्स में बदलाव का कारण यह भी है कि बुजुर्ग महिलाओं में कामोत्तेजना की कमी हो जाती है। लेकिन सेक्शुअल एक्टिविटी को अपने पार्टनर के साथ या खुद अपनाकर आप सेक्स संबंधी इच्छाओं को बढ़ा सकती हैं। वहीं इस बारे में डॉक्टरी सलाह भी ले सकती हैं।

    मेनोपॉज के बाद सेक्स करने में दर्द

    मेनोपॉज के बाद आप नियमित तौर पर सेक्स कर रही हों और इस स्थिति में आपको सेक्स के दौरान दर्द महसूस हो रहा हो, तो वैसी स्थिति में आप कुछ अन्य तरीकों को आजमाकर समस्या से निजात पा सकती हैं। इसके लिए आप इन प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं। जैसे-

    • ल्यूब्रिकेशन
    • वजायनल मॉइश्चराइजर
    • फोरप्ले
    • अलग-अलग सेक्शुअल पुजिशन

    ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत भी पड़ सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई बार सेक्स के दौरान दर्द इंफेक्शन व अन्य कारणों से भी हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं।

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    क्या करें जब आपके मेल पार्टनर को ही सेक्स में इंटरेस्ट न हो

    मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ में काफी कुछ बदलता है, ऐसे में सिर्फ महिलाएं ही नहीं हैं, जो कामुकता में बदलाव कर यौन सुख प्राप्त कर सकती हैं। बल्कि पुरुषों को भी बुजुर्ग होने के बाद उनमें काफी कुछ बदलाव देखने को मिलता है। जैसे कुछ पुरुषों में जहां इस उम्र तक स्पर्म नहीं बन पाता है, तो कुछ का स्पर्म निकलने में परेशानी होती है। ऐसे में पुरुष व महिला दोनों ही एक दूसरे से बात कर अच्छे निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं ताकि उन्हें सेक्स में इंटरेस्ट जागे।

    मेनोपॉज के बाद कौन से पुजिशन हैं बेस्ट

    मेनोपॉज के बाद सेक्स करने के लिए आप कई सेक्स पुजिशन को ट्राय कर सकती हैं, जिसे कर आप ज्यादा संतुष्टि हासिल कर सकें। क्योंकि जैसे-जैसे कोई बुजुर्ग होते जाता है, उसका शरीर भी उसी हिसाब से परिवर्तित होता है। ऐसे में कुछ सेक्शुअल पुजिशन में उन्हें दर्द का एहसास हो सकता है।

    मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए आप अपनी पार्टनर की कमर के नीचे तकिया रख मिशनरी पुजिशन में सेक्स लाइफ को एंजॉय कर सकते हैं। वहीं पार्टनर को कंफर्ट फील कराने के साथ सेक्स के दौरान दर्द को भुलाकर प्राइवेट पलों को यादगार बना सकते हैं। वहीं कई ऐसे सेक्स पुजिशन हैं, जिसे आप ट्राय कर सकती हैं, वहीं उनमें पेनिट्रेशन भी ज्यादा नहीं होता है। ऐसे में आपको इंटरकोर्स के दौरान दर्द नहीं होगा और आप अच्छा फील करेंगी

    मेनोपॉज के बाद सेक्स के लिए आप चाहें, तो स्टैंडिंग पोजिशन को अपनाकर सेक्स कर सकती हैं। इसमें आप और आपके पार्टनर दोनों ही कंफर्टेबल महसूस करेंगे।

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    मेनोपॉज के बाद सेक्स और एसटीडी के कनेक्शन को जानें

    पीरियड्स न होना का कतई अर्थ नहीं है कि आपको सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज भी न हो। यदि आप किसी नये पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं, तो आपको सेफ सेक्स पर ध्यान देना चाहिए। कॉन्डोम या फिर अन्य प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर आप एसटीडी से बचाव कर सकती हैं।

    इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

    मेनोपॉज के बाद असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण हो सकती हैं यह बीमारियां

    • एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस- एचपीवी का पूरा नाम ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। यह वायरल इंफेक्शन है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट या सेक्शुअल रिलेशन से फैलता है। यह वायरस आपके जननांगों, मुंह और गले को प्रभावित करता है। सीडीसी के मुताबिक, एचपीवी सबसे आम यौन संचारित इंफेक्शन है। इसके कुछ प्रकार जेनाइटल वार्ट्स के विकास और सर्विक्स, एनस और थ्रोट कैंसर का कारण बन सकते हैं। अधिकतर पुरुषों में इससे संक्रमित होने पर कोई लक्षण नहीं दिखता है और कुछ में जेनाइटल वार्ट्स का विकास हो जाता है। वहीं, एक अनुमान के मुताबिक 80 प्रतिशत महिलाओं को जीवन में कभी न कभी एचपीवी के किसी न किसी प्रकार के संपर्क में आती ही हैं।
    • हर्पीस- हर्पीस सिंप्लैक्स वायरस के कारण हर्पीस होता है। इसकी वजह से जननांगों और मुंह के आसपास जख्म और छाले हो जाते हैं। यह वायरस मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, पहला एचएसवी-1 जो मुंह और आसपास की त्वचा पर ओरल हर्पीस का विकास करता है। दूसरा एचएसवी-2 जो जेनाइटल हर्पीस का कारण बनता है और यह एक यौन संचारित इंफेक्शन होता है। अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो वह जीवनभर इससे ग्रसित रहता है। हालांकि, कुछ लोगों में इसके लक्षण दिख सकते हैं और कुछ में नहीं। इसके लक्षण दिखने के बाद ही इस वायरस के प्रकार की जांच की जाती है। इसका इलाज मुमकिन नहीं है, हालांकि इसके लक्षणों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
    • ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) – ट्राइकोमोनिएसिस एक यौन संचारित इंफेक्शन है, जो कि पैरासाइट के कारण होता है। महिलाओं में ट्राइकोमोनिएसिस के कारण वजायनल डिसचार्ज में बदबू, जननांगों में खुजली और पेशाब करते समय दर्द महसूस हो सकता है। वहीं, पुरुषों में ट्राइकोमोनिएसिस के कारण आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन फिर भी इसके कारण पीनस के अंदर खुजली, पेशाब या स्पर्म निकलने के साथ जलन और पीनस डिसचार्ज हो सकता है। अगर किसी गर्भवती महिला को ट्राइकोमोनिएसिस होता है, उनको प्रीमैच्योर बेबी होने की ज्यादा आशंका होती है। इससे बचाव के लिए आपको अन्य यौन संचारित इंफेक्शन की तरह कॉन्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
    • क्लेमेडिया (Chlamydia) – यह भी एक यौन संचारित इंफेक्शन है, जो कि क्लेमेडिया ट्रैकोमेटिस बैक्टीरिया के कारण होता है। आमतौर पर इसके लक्षण न के बराबर दिखते हैं और यह एंटीबायोटिक्स की मदद से आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसे अगर शुरुआती समय में ही नहीं ठीक किया गया, तो यह शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकता है और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यह आमतौर पर असुरक्षित वजायनल, एनल और ओरल सेक्स के माध्यम से फैलता है। यह इंफेक्शन जननांगों के संपर्क से फैलता है।
    • गोनोरिया (Gonorrhea) – गोनोरिया भी एक सेक्शुअली ट्रांमिटेड इंफेक्शन है, जो कि बैक्टीरिया के कारण फैलता है। यह पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है। यह अक्सर यूरेथ्रा, रेक्टम और गले को संक्रमित करता है। महिलाओं में यह सर्विक्स को भी प्रभावित करता है। यह भी आमतौर पर वजायनल, ओरल और एनल सेक्स के माध्यम से फैलता है, जिसका कॉन्डोम के इस्तेमाल से बचाव किया जा सकता है।
    • एचआईवी/एड्स और सिफलिस भी कुछ अन्य प्रकार के यौन संचारित इंफेक्शन हैं, जो कि सीनियर सिटीजन को भी अपना शिकार बना सकती हैं।

    किसी भी उम्र में सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए इन तरीकों को आजमाएं

    • आपको अपने पार्टनर के साथ बातें करनी चाहिए
    • कई मामलों में आपको डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है, किसी बीमारी या फिर लंबे समय के बाद यदि आप सेक्स ट्राय कर रहीं हैं, तो उचित यही होगा कि आप डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही शारिरिक संबंध कायम करें
    • यदि आपको और आपके पार्टनर में किसी को सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) नहीं है, तो बिना किसी प्रोटेक्शन के आप सेक्स को कैसे एंजॉय करें। इसको लेकर प्लान बनाएं, फिर उसे ट्राय कर एंजॉय करना बेहतर होगा
    • हमेशा तैयार रहें, इसके तहत आप हमेशा अपने साथ कॉन्डोम लेकर चलें ताकि जरूरत पड़ने पर सुरक्षित यौन संबंध कायम कर सकें

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    डॉक्टरी सलाह की पड़ सकती है जरूरत

    हमारा शरीर हमेशा एक समान नहीं रहता है, ऐसे में हमें कई बार डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए बढ़ती उम्र में या फिर यूं कहें मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए आपको अपने पार्टनर के साथ बेहिचक बातें करने के साथ डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। वहीं शारीरिक बदलावों के बारे में डॉक्टर को बताकर उचित कदम उठाना चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं इस उम्र तक आते-आते आपको सेक्स को लेकर अपने पार्टनर से ओपनली बात करनी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की समस्या हो तो दोनों मिलकर उसका निदान कर सकें।

    डिस्क्लेमर

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