के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ओरल हर्पीस मुंह का एक इंफेक्शन है। इसे हर्पीस सिम्प्लेक्स-1 या HSV-2 के नाम से भी बुलाया जाता है। हर्पीस वायरस की वजह से मुंह, होठ, मसूड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। इस बीमारी में मुंह के आसपास गांठ और मसूड़ों में फफोले नजर आते हैं। हर्पीस वायरस चिकनपॉक्स, मुंह के छाले, मोनोन्युक्लीयर ल्युकेमिया, शिंग्ल्स वायरस परिवार से संबंध रखता है। कम उम्र में सेकेंडरी इंफेक्शन फैलता है, जिसकी वजह से 80% युवा हर्पीस वायरस टाइप-1 से संक्रमित होते हैं। हर्पीस का अन्य प्रकार टाइप-2 यौन संबंध बनाने से फैलता है।
आमतौर पर हर्पीस एचआईवी या यौन संचरित रोग जैसे गोनोरेया (gonorrhea), सिफलिस से पीड़ित लोगों में होता है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति बचपन में HSV-1 से होने वाले छालों से पीढ़ित हो सकता है। ओरल हर्पीस के जोखिम के कारकों को कम करके इसके खतरे को कम किया जा सकता है। ओरल हर्पीस की अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पहली बार HSV-1 वायरस के संपर्क में आने पर कुछ लोगों को मुंह के छाले हो जाते हैं, जबकि कुछ लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। आमतौर पर बचपन में 1-5 वर्ष की आयु में इसके लक्षण नजर आते हैं। यह लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के एक से तीन हफ्तों बाद लक्षण नजर आते हैं और यह तीन हफ्तों तक रह सकते हैं:
ओरल हर्पीस में निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:
फफोले नजर आने से पहले आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:
फफोले और लालिमा निम्नलिखित स्थानों पर नजर आ सकते हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कुछ ऐसे लक्षण या संकेत हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप ओरल हर्पीस के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं या आपका कोई सवाल है तो अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : कोल्ड सोर्स या हर्पीज लेबियालिस (Herpes labialis) का ट्रीटमेंट संभव है?
यदि आपको उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल या चिंता है तो अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। हर व्यक्ति के मामले में ओरल हर्पीस की स्थिति अलग-अलग हो सकती है। अपनी स्थिति की बेहतर जानकारी के लिए चिकित्सा परामर्श लेना हमेशा उचित रहता है।
ओरल हर्पीस का कारण वायरल हर्पीस टाइप 1 (HSV-1) है, जो प्राथमिक रूप से संक्रमित व्यक्ति के साल्विया (लार) के संपर्क में आने से होता है, जैसे बचपन में किस करने से यह इंफेक्शन हो सकता है।
त्वचा के घाव के जरिए यह वायरस बॉडी में प्रवेश कर सकता है या मुंह की कोमल त्वचा के जरिए ओरल हर्पीस का इंफेक्शन हो सकता है। पहले इंफेक्शन के बाद वायरस असक्रिय बना रहता है। कुछ समय बाद यह मुंह के छालों (cold sores) का कारण बनता है।
हर्पीस वायरस टाइप-2 (HSV-2) आमतौर पर यौन संबंध के जरिए फैलता है और गुप्तांग में हर्पीस का कारण बनता है। हालांकि, कई बार HSV-2 मुंह में भी फैल सकता है। यह ओरल सेक्स के जरिए होता है और मुंह में फफोले उत्पन्न कर सकता है।
और पढ़ें: हर्पीज के इलाज के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट है प्रभावकारी, जानें इसके बारे में
निम्नलिखित कारकों से ओरल हर्पीस का होने का खतरा बढ़ जाता है:
यदि किसी समस्या के जोखिम के कारक नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप बीमार नहीं पड़ेंगे। यदि आप इसकी अधिक जानकारी चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
और पढ़ें : पर्सनल हाइजीन के ये 9 नियम फॉलो करने चाहिए हर महिला को
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मुंह और होठ पर निकलने वाले फफोलों का अवलोकन करने के बाद डॉक्टर ओरल हर्पीस की पुष्टि कर सकता है। कई बार डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए कुछ नमूनों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज सकता है।
निम्नलिखित टेस्ट के जरिए ओरल हर्पीस की जांच की जाती है:
और पढ़ें : Hepatitis A Virus Test : हेपेटाइटिस ए वायरस टेस्ट क्या है?
ओरल हर्पीस का पता लगाने के लिए डॉक्टर फिजिकल जांच कर सकता है। साथ ही वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री के साथ कुछ सवाल पूछ सकता है। लक्षणों के आधार पर वह ब्लड टेस्ट भी करा सकता है। एक से दो हफ्तों के बीच में ओरल हर्पीस के लक्षण अपने आप चले जाते हैं। दर्द को कम करने और लक्षणों को जल्द ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ एंटीवायरल दवाओं की सलाह दे सकता है।
ओरल हर्पीस के इलाज के दौरान निम्नलिखित दवाओं को शामिल किया जा सकता है:
यदि आप ओरल हर्पीस के सही लक्षणों में उचित समय पर इन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो यह काफी कारगर साबित होती हैं।
ओरल हर्पीस में एंटीवायरल क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह क्रीम मंहगी हो सकती है और दिन में कुछ घंटों तक छोटी अवधि तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
पेनसिक्लोविर (Penciclovir) और एसिक्लोविर (acyclovir) टॉपिकल क्रीम हर्पीस में काफी कारगर साबित होती है। घरेलू उपाय जैसे मॉश्चराइजर या लिप बाम पूरी तरह बेकार हैं। आप दर्द कम करने के लिए एस्पिरिन, एसिटामिनोफेन या आइबुप्रोफेन का सेवन कर सकते हैं।
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको ओरल हर्पीस से लड़ने में सहायता प्रदान करेंगे:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ओरल हर्पीस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।