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Anemia: रक्ताल्पता (एनीमिया) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

Anemia: रक्ताल्पता (एनीमिया) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

रक्ताल्पता (एनीमिया [Anemia]) क्या है?

शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी की स्थिति को रक्ताल्पता (एनीमिया) कहते हैं। रेड ब्लड सेल्स (RBC) शरीर के सभी ऊतकों में ऑक्सीजन ले जाने का काम करती हैं। लो रेड ब्लड सेल्स काउंट ब्लड में ऑक्सिजन की मात्रा कम होने का इशारा करता है। एनीमिया के कारण आपको जल्दी थकान हो सकती है। कई बार आपको दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही होती है। यह बहुत आम ब्लड डिसऑर्डर है। 2015 की लेंसेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग एक तिहाही आबादी इस बीमारी की चपेट में है।

रक्ताल्पता (एनीमिया) कई तरह का होता है और सबके अपने कारण होते हैं। एनीमिया अस्थायी भी हो सकता है और लंबे समय के लिए भी हो सकता है। यह हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है। यह गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। एनीमिया निम्नलिखित तरह का होता है:

  • अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia)
  • आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (Iron deficiency anemia)
  • सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia)
  • थैलेसीमिया (Thalassemia)
  • विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया (Vitamin deficiency anemia)
  • किन लोगों को रक्ताल्पता (एनीमिया) होने का खतरा अधिक होता है?

    • कुछ लोगों में एनीमिया आनुवांशिक होते हैं। जो माता पिता से बच्चे में पास होते हैं। हो सकता है बच्चे को जन्म से यह रोग हो।
    • रक्ताल्पता (एनीमिया) के होने का खतरा महिलाओं को अधिक होता है, क्योंकि हर महीने पीरियड्स में उनका काफी ब्लड जाता है।
    • बड़ी उम्र के लोगों में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उन्हें गुर्दे की बीमारी या अन्य पुरानी चिकित्सा स्थितियों की संभावना होती है।

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    लक्षण

    रक्ताल्पता (एनीमिया) के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Anemia)

    एनीमिया के लक्षण हर किसी में अलग हो सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है आपमें इसके कोई लक्षण नजर न आएं। यदि कोई लक्षण नजर आते हैं तो निम्नलिखित में से हो सकते हैं

    • थकान (Fatigue)
    • कमजोरी (Weakness)
    • सांस लेने में दिक्कत होना (Shortness of breath)
    • चक्कर आना (Dizziness)
    • हड्डियों, छाती, पेट और जोड़ों में दर्द होना (Pain in your bones, chest, belly, and joints)
    • हाथों और पैरों का ठंडा होना (Cold hands and feet)
    • सिरदर्द (Headaches)
    • त्वचा का पीला पड़ना (Pale or yellowish skin)
    • अनियमित दिल की धड़कन (Irregular heartbeats)

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    डॉक्टर को दिखाने की जरूरत कब होती है?

    हो सकता है शुरुआत में एनीमिया के लक्षण नजर न आएं। लेकिन एक बार लक्षण बिगड़ जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए यदि आपको हर वक्त बिना किसी कारण के थकान महसूस हो रही है तो डॉक्टर से अपोइंटमेंट लें। ऐसा नहीं है थकान का कारण एनीमिया ही हो। थकान के कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों की थकान का कारण कम हीमोग्लोबिन होता है, जो एनीमिया का संकेत देता है। आप कभी बल्ड डोनेट कराने जाएं और आपको कह दिया जाए की आपका हीमोग्लोबिन कम है, तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

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    कारण

    रक्ताल्पता (एनीमिया) के क्या कारण हैं? (Cause of Anemia)

    एनीमिया तब होता है जब आपके ब्लड में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं होते हैं। ऐसा तब होता है, यदि:

    • आपका शरीर पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं बनाता
    • ब्लीडिंग के कारण आपके रेड ब्लड सेल्स की कमी
    • आपका शरीर रेड ब्लड सेल्स को नष्ट कर रहा हो

    हमारा शरीर तीन तरह के ब्लड सेल्स बनाता है। व्हाइड ब्लड सेल्स इंफेक्शन से लड़ता है, प्लेटलेट्स ब्लड क्लॉट में मदद करता है और रेड ब्लड सेल्स पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।

    एनीमिया होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

    अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia): ये बहुत कम लोगों में होता है। लेकिन यह बहुथ गंभीर स्थिति है। इसमें बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है।

    आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (Iron deficiency anemia): यह सबसे आम एनीमिया होता है। यह शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है। शरीर में बोन मैरो को हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है। आयरन की कमी के चलते शरीर रेड ब्लड सेल्स के लिए पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता है।

    विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया (Vitamin deficiency anemia): आयरन के अलावा शरीर को रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए फेलेट और विटामिन बी-12 की जरूरत होती है। इनकी कमी के कारण शरीर रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाता।

    एनीमिया ऑफ इंफ्लामेशन (Anemia of inflammation): कई बीमारियां जैसे कैंसर, एचआईवी/एड्स, रयूमेटाइड अर्थराइटिस, किडनी रोग, क्रोहन रोग आदि रे़ड ब्लड सेल्स के उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

    इस बारे में जनरल फिजिशियन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि ब्लड क्लॉट और कैंसर के बारे जानने से पहले ये जान लें कि कैंसर है क्या। सबसे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि ब्लड क्लॉटिंग (blood clotting) है क्या। आम भाषा में हम इसे खून का थक्का कहते हैं। इसमें शरीर के किसी हिस्से में खून एक जगह जम कर इकट्ठा हो जाता है। जिसके कारण शरीर में सूजन (swelling) और कई अन्य दिक्कतें आने लगती हैं। ब्लड क्लॉट के भी कई प्रकार (Blood clot Types) होते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किन कारणों से ब्लड क्लॉट की दिक्कत हुई है। जिसमें से एक कारण कैंसर जैसा डिजीज (Disease) भी है। कैंसर की कई स्थितयों में ब्लड क्लॉट होने लगता है।

    सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia): यह रोग आनुवंशिक होता है। यह डिफेक्टिव हीमोग्लोबिन के कारण होती है। इसमें ब्लड सेल सिकल की शेप ले लेते हैं। साथ ही ये चिपचिपे और कठोर हो जाते हैं। असामान्य आकार के कारण बल्ड सेल्स को ब्लड वेसल्स में जाने में दिक्कत हो सकती है। इस कारण शरीर के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन और ब्लड सर्क्यूलेशन धीमा हो सकता है या रुक सकता है। पर्याप्त मात्रा में ब्लड न मिलने पर कई बार टिश्यू डैमेज होने के साथ अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।

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    निदान

    रक्ताल्पता (एनीमिया) का पता कैसे लगाएं?

    एनीमिया की जांच के लिए आपका डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री की जानकारी लेंगे। इसके बाद आपको नीचे बताए टेस्ट रिकमेंड कर सकते हैं:

    सीबीसी (CBC) ब्लड टेस्ट: इस टेस्ट में ब्लड में मौजूद रेड ब्लड सेल्स (RBC), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स की संख्या का पता चलता है।

    रेड ब्लड सेल्स के साइज और शेप के लिए परीक्षण: यह टेस्ट रेड ब्लड सेल्स की आसामान्य आकार और रंग की जांच के लिए किया जाता है।

    एनीमिया (Anemia) का पता लगने के बाद डॉक्टर उसका कारण जानने के लिए कुछ और टेस्ट लिख सकते हैं। कई मामलों में एनीमिया का पता लगाने के लिए बोन मैरो का सैंपल लिया जाता है।

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    रोकथाम और नियंत्रण

    रक्ताल्पता (एनीमिया) को नियंत्रित कैसे करें?

    कई तरह के एनिमिया को होने से नहीं रोका जा सकता है, लेकिन आप कुछ विटामिन और मिनिरल युक्त चीजों को डायट में शामिल कर आयरन डेफिशेंसी एनीमिया और विटामिन डेफिशेंसी एनीमिया के होने से बच सकते हैं।

    आयरन (Iron): इसके लिए आप बीफ, बींस, दाल, आयरन युक्त अनाज, गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां और ड्राय फ्रूट का सेवन कर सकते हैं।

    फोलेट (Folat): फोलेट के लिए आप गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, हरी मटर, किडनी बीन्स, मूंगफली और अनाज उत्पादों जैसे ब्रेड, पास्ता और चावल का सेवन कर सकते हैं।

    विटामिन बी-12 (Vitamin B12): मीट, डेयरी प्रोडक्ट, सॉय प्रोडक्ट आदि

    विटामिन सी (Vitamin C): विटामिन सी के लिए खट्टे फल, पेपर, ब्रोकली, टमाटर, खरबूजे और स्ट्रॉबेरी का सेवन करें।

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    उपचार

    रक्ताल्पता (एनीमिया) का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment for Anemia)

    आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (Iron deficiency anemia): इसके इलाज में डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स लिख सकते हैं। साथ ही आपकी डायट में कुछ बदलाव कर सकते हैं।

    विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया (Vitamin deficiency anemia): इसमें डॉक्टर फोलेट और विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स लिखेंगे और डायट में कुछ बदलाव कर सकते हैं। यदि डायजेस्टिव सिस्टम विटामिन बी-12 को अवशोषित नहीं कर पा रहा है तो हो सकता है आपको विटामिन बी-12 के इंजेक्शन दिए जाए।

    क्रोनिक डिजीज के कारण एनीमिया (Anemia of chronic disease): इस तरह के एनीमिया का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। इसमें डॉक्टर उस बीमारी का इलाज करेंगे जिसके कारण एनीमिया की शिकायत है।

    अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia): इसके इलाज में रेड ब्लड सेल्स के लेवल को बूस्ट करने के लिए ब्लड ट्रांस्फ्यूजन करवाने की आवश्यकता होती है। यदि आपका बोन मैरो हेल्दी ब्लड सेल्स नहीं बना रहा है तो बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत होती है।

    सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia): इसका पूरी तरह इलाज नहीं होता। इसमें होने वाले लक्षण जैसे दर्द को कम करने के लिए चिकित्सक दवाएं लिखकर देंगे। यदि दवा काम नहीं करती तो डॉक्टर स्ट्रॉन्ग पेन किलर सीधे मांसपेशियों और जोड़ों में इंजेक्ट करते हैं।

    थैलेसीमिया (Thalassemia): ज्यादातर थैलेसीमिया माइल्ड होते हैं। इनके इलाज की जरूरत नहीं होती। कुछ मामलों में ब्लड ट्रांस्फ्यूज, फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स, स्पलीन को रिमूव या बोन मैरो स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।

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