के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आयरन की कमी से होने वाला आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया सबसे आम प्रकार का एनीमिया है, ये तब होता है जब आपके रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) में हीमोग्लोबिन का लेवल कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन, प्रोटीन है, जो आरबीसी में होता है, यह आपके टिशूज में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) बनाने के लिए आपके शरीर को आयरन की आवश्यकता होती है। जब आपके बल्ड फ्लो में पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं होता है, तब आपके शरीर के बाकी हिस्से को ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं मिल पाती है। हालांकि यह बहुत कॉमन है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जान पाते हैं कि उन्हें आयरन की कमी से एनीमिया है। बिना कारण जाने वर्षों तक लक्षणों का अनुभव करना संभव नहीं है।
प्रसव उम्र की महिलाओं में आयरन की कमी से एनीमिया का होना सबसे आम कारण है, हेवी मासिक धर्म या गर्भावस्था (Pregnancy) के कारण ब्लड में आयरन (Iron) की कमी होती है। एक खराब डाइट या कुछ इंटेस्टाइन की बीमारियां (Intestinal disease) शरीर से आयरन एब्जोर्बशन को कम करता है, जिस कारण आयरन की कमी से एनीमिया का शिकार होना पड़ सकता हैं। डॉक्टर आमतौर पर आयरन सप्लीमेंट्स या आपके डाइट में बदलाव के साथ आपका इलाज भी करते हैं।
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शुरुआत में, आयरन की कमी से एनीमिया इतना माइल्ड हो सकता है कि किसी का ध्यान नहीं जा पाता है। लेकिन जैसे-जैसे शरीर में आयरन की कमी होती है तो एनीमिया बढ़ने का खतरा होता है और इसके संकेत और लक्षण तेज होते जाते हैं।
यदि आप या आपके बच्चे में ऐसे कोई लक्षण विकसित होते हैं, जो आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया की ओर संकेत देते हैं, तो आप अपने डॉक्टर को दिखाएं। आयरन की कमी से होने वाले आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का इलाज खुद से नहीं किया जा सकता है। इसलिए खुद से इलाज करने के बजाय अपने डॉक्टर से इलाज कराएं। आयरन ज्यादा मात्रा में लेने से शरीर को खतरा हो सकता है क्योंकि ज्यादा मात्रा में खाने से आपके लिवर को नुकसान पहुंचता है साथ ही और भी अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
आयरन की कमी से एनीमिया तब होता है जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त आयरन नहीं मिल पाता है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) का हिस्सा है जो ब्लड को अपना लाल रंग देता है और रेड ब्लड सेल्स को आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजनेटेड ब्लड को ले जाने लायक बनाता है।
यदि आप पर्याप्त मात्रा में आयरन का सेवन नहीं कर रहे हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर सकता है, और आयरन की कमी से एनीमिया बीमारी हो जाती है।
ब्लड लॉस: ब्लड में रेड ब्लड सेल्स के अंदर आयरन होता है। यदि आपको ब्लड की कमी होती है, तब आपको आयरन की कमी हो सकती है। जिन महिलाओं को हेवी पीरियड्स होते हैं, उन महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि वे मासिक धर्म के दौरान बहुत सारा ब्लड खो देती हैं। शरीर के अंदर धीमा, क्रॉनिक ब्लड लॉस- जैसे कि पेप्टिक अल्सर (Ulcer), हियातल हर्निया, कोलन पॉलीप या कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) से आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के परिणाम हो सकते हैं। आपका नियमित रूप से आसानी से मिलने वाली दर्द की दवा को खाना, खास तौर से एस्पिरिन (Aspirin) के उपयोग से एनीमिया हो सकता है।
आपके फूड में आयरन की कमी: आपके शरीर को नियमित रूप से आपके द्वारा खाए जाने वाले फूड से आयरन मिलता है। यदि आप बहुत कम आयरन का सेवन करते हैं, तो समय के साथ आपको आयरन की कमी हो सकती है। जिन फूड में आयरन होते हैं उनके उदाहरण हैं: मांस, अंडे, पत्तेदार हरी सब्जियां और आयरन फोर्टिफाइड फूड शामिल हैं। सही विकास के लिए, शिशुओं और बच्चों को आयरन वाले फूड की आवश्यकता होती है।
आयरन को एब्जोर्ब न कर पाना: भोजन से आयरन आपकी स्मॉल इंटेस्टाइन में आपके ब्लड फ्लो में एब्जोर्ब हो जाता है। इंटेस्टाइन डिसऑर्डर जैसे कि सीलिएक रोग, जो आपकी इंटेस्टाइन में पचे हुए भोजन से पोषक तत्वों को एब्जोर्ब करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिसके कारण आयरन की कमी से एनीमिया होने का खतरा बना रहता है। यदि आपकी स्मॉल इंटेस्टाइन का हिस्सा बाईपास सर्जरी के द्वारा हटा दिया गया है, तो यह आयरन और अन्य पोषक तत्वों को एब्जोर्ब करने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
प्रेग्नेंसी : आयरन सप्लिमेन्ट के बिना, कई गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी से एनीमिया होता है, क्योंकि उनके आयरन को अपने खुद के बढ़ते ब्लड की मात्रा और साथ ही बढ़ते भ्रूण के लिए हीमोग्लोबिन का एक स्रोत होना चाहिए।
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महिलाओं: इसका कारण है कि महिलाओं को मासिक धर्म (Periods) के दौरान खून की कमी होती है, सामान्य रूप से महिलाओं में आयरन की कमी से एनीमिया होने का अधिक खतरा बना रहता है।
शिशुओं और बच्चों: विशेष रूप से शिशु जो जन्म के समय कम वजन के पैदा होते हैं या समय से पहले पैदा होते हैं, जिन्हें स्तन के दूध या फार्मूला से पर्याप्त आयरन नहीं मिलता है, उनमें आयरन की कमी का खतरा बढ़ जाता है। विकास के दौरान बच्चों को अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है। यदि आपका बच्चा स्वस्थ, सही डाइट (Diet) नहीं खा रहा है, तो उसे एनीमिया का खतरा हो सकता है।
वेजिटेरीअन: जो लोग मांस नहीं खाते हैं, उनमें आयरन डेफिशियेंसी से होने वाले एनीमिया का खतरा अधिक होता है, अगर वे अन्य आयरन से भरपूर फूड नहीं खाते हैं।
बार-बार रक्तदान करने वाले: जो लोग नियमित रूप से ब्लड डोनेट करते हैं, उनमें आयरन डेफिशियेंसी से एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि रक्त दान आयरन को खत्म कर सकता है। रक्त दान से संबंधित कम हीमोग्लोबिन अधिक आयरन युक्त फूड खाने से एक अस्थायी समस्या हो सकती है। यदि आपको बताया जाता है कि आप कम हीमोग्लोबिन के कारण रक्त दान नहीं कर सकते हैं, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको इसके लिए परेशान होना चाहिए।
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आप आयरन से भरपूर फूड को अपने डाइट में शामिल करके एनीमिया के जोखिम को कम कर सकते हैं।
आपका शरीर मांस से अधिक आयरन प्राप्त करता है, जो अन्य स्रोतों से नही प्राप्त कर पाता है। यदि आप मांस खाना पसंद नहीं करते हैं, तो आपको आयरन से भरपूर वेज फूड खाना चाहिए, जिससे आपको मांस के बराबर ही आयरन प्राप्त हो सके।
खट्टे जूस पीने या विटामिन सी से भरपूर अन्य फूड खाने से आप अपने शरीर में आयरन के ऐब्सॉप्शर्न को बढ़ा सकते हैं। खट्टे जूस में विटामिन सी, जैसे संतरे के जूस में होता है, आपके शरीर को बेहतर आहार को एब्जोर्ब करने में मदद करता है।
अगर आप आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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