शिशु की हार्टबीट (Baby heartbeat) से डिलिवरी डेट का सही अनुमान नहीं हो पाता
डॉक्टर के लिए गर्भावस्था के पीरियड का पता लगाने का दूसरा तरीका बच्चे के दिल की धड़कन को सुनना। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के माध्यम से भ्रूण को मॉनिटर कर शिशु के दिल की धड़कन को प्रेग्नेंसी के 10-12 सप्ताह तक सुना जाता है। इसका इवैल्यूएशन भ्रूण के आकार को निर्धारित करता है, जिससे शिशु की गर्भकालीन उम्र का निर्धारण किया जा सकता है।
हालांकि कुछ अनुमान सही नहीं होते हैं। भ्रूण के दिल की धड़कन चाइल्ड बर्थ (Child Birth) की भविष्यवाणी करने में सहायक हो सकती है, लेकिन प्रसव की नियत तारीख का अंदाजा नहीं लग पाता है। इसलिए भी ओवरड्यू डिलिवरी डेट का खतरा रहता है।
कई मामलों में इस विधि द्वारा भ्रूण की परिपक्वता बेहतर निर्धारित की जा सकती है। अल्ट्रासाउंड, गर्भवती महिला के मेंस्ट्रुअल हिस्ट्री और भ्रूण के हार्टबीट रेट (Heartbeat Rate) सहित टेस्ट रिपोर्ट, प्रसव से पहले की जांच आदि से जन्म तिथि का अनुमान लगा सकते हैं।
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यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ महिलाएं नियत तारीख से आगे या पीछे क्यों होती हैं। अगर पहले भी आपकी ओवरड्यू डिलिवरी डेट रही तो इस बार भी गर्भावस्था में ओवरड्यू डिलिवरी डेट (Overdue delivery date) हो सकती है और ओवरड्यू डिलिवरी होने की संभावना रहती है। इस बात के प्रमाण हैं कि गर्भावस्था सर्दियों की तुलना में गर्मियों में अधिक लंबी होती है। इसका ध्यान रखें कि यदि आपकी डिलिवरी डेट का पता अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) से लगाया गया था तो इससे गर्भावस्था की सटीक डेट आपके पिछले मासिक धर्म (Periods) की तारीख से अधिक होती है। ऐसी स्थिति में आपको ओवरड्यू डिलिवरी डेट की संभावना कम होगी।