के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
बोन मैरो बायोप्सी टेस्ट के जरिए डॉक्टर ब्लड सेल्स की सेहत की जांच करता है। बोन मैरो अधिकांश बड़ी हड्डियों में पाया जाने वाला मुलायम टिशू है। बोन मैरो शरीर में कई ब्लड सेल्स बनाता है, जैसे- रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स।
बोन मैरो के अंदर मौजूद स्टेम सेल्स कई तरह के ब्लड सेल्स बनाता है। बोन मैरो में दो तरह के स्टेम सेल्स होते हैं- माइलॉयड और लिम्फोइड सेल्स (कोशिकाएं)।
माइलॉयड कोशिका रेड ब्लड सेल्स, व्हाइड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स बनाती हैं। जबकि लिम्फोइड स्टेम सेल्स खास तरह की व्हाइट ब्लड सेल बनाती है जो इम्यूनिटी के लिए जिम्मेदार है।
रक्त विभिन्न तत्वों से मिलकर बना होता है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में इसकी अहम भूमिका होती है और इन तत्वों को बोन मैरो बनाता है। रेड ब्लड सेल्स पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। वाइट ब्लड सेल्स, जो कई प्रकार के होते हैं, संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। प्लेटलेट्स खून का थक्का जमने में सहायता करते हैं।
यदि खून की जांच में आपके प्लेटलेट्स, वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स सामान्य से कम या अधिक है तो डॉक्टर बोन मैरो बायोप्सी के लिए कह सकता है। बायोप्सी इन असमानताओं के कारणों की जांच में मदद करती है जिसमें शामिल हैः
यह स्थितियां आपके ब्लड सेल्स के उत्पादन और ब्लड सेल्स के विभिन्न प्रकारों के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। जब शरीर बल्ड सेल्स बनाने में असफल होता है तो इस स्थिति को मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम कहा जाता है।
डॉक्टर बोन मैरो टेस्ट के लिए कह सकता है, ताकि इसकी ज़रिए वह पता लगा सके कि बामारी कितनी बढ़ी है, कैंसर कौन से स्टेज तक पहुंचा है या इलाज कितना प्रभावी हो रहा है।
और पढ़ें : Chromosome karyotype test : क्रोमोसोम कार्योटाइप टेस्ट क्या है?
किसी भी अन्य मेडिकल टेस्ट की तरह बोन मैरो बायोप्सी में संभावित जोखिम रहता है। बोन मैरो एस्पीरेशन और बायोप्सी का सबसे आम साइड इफेक्ट है रक्तस्राव। हालांकि यह असामान्य है और 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को होता है, लेकिन यदि मरीज का प्लेटलेट काउंट बहुत कम है तो इसकी संभावना बढ़ जाती है। इस मामले में निदान से संभावित जोखिम कम कर देता है।
व्हाइड ब्लड सेल्स कम होता है। टेस्ट की प्रक्रिया के बाद कुछ लोगों को लगातार दर्द भी हो सकता है। इन जोखिमों को प्रक्रिया से पहले कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट कराके कम किया जा सकता है।
और पढ़ें : Cold Agglutinin Test : कोल्ड एग्लूटिनिन टेस्ट
बोन मैरो बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy) के दौरान क्या होता है?
बोन मैरो बायोप्सी की प्रक्रिया हर डॉक्टर के हिसाब से अलग होती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया में निम्न चरण होते हैंः
आमतौर पर बोन मैरो बायोप्सी के लिए अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन कुछ पेशेंट को एडमिट करने के बाद यह किया जाता है। बोन मैरो बायोप्सी आमतौर पर पेल्विक बोन के साथ किया जाता है, लेकिन इसके लिए दूसरी हड्डियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
और पढ़ें : Cytomegalovirus Test : साइटोमेगालोवायरस टेस्ट क्या है?
सुई निकालने के बाद उस हिस्स को दबाकर रक्तस्राव रोकने की कोशिश का जाती है और फिर बैंडेज लगा दिया जाता है।
यदि आपको लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है तो आपको 10-15 मिनट लेटने और बायोप्सी वाले हिस्से को दबाकर रखने के लिए कहा जाता है। इसके बाद जब आप बेहतर महसूस करें तो अपनी रोज़मर्रा के काम शुरू कर सकते हैं।
यदि आपको आईवी सेडेशन किया जाता है तो आपको रिकवरी एरिया में ले जाया जाता है। इसके बाद कोई दोस्त या परिवार वाले को कहे कि वह आपको घर ले जाए और 24 घंटों तक आराम करें।
बोन मैरो टेस्ट के बाद एक हफ्ते या उससे ज़्यादा समय तक आपको दर्द और कमज़ोरी महसूस हो सकती है। अपने डॉक्टर से एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल, अन्य) जैसी दर्द निवारक दवाइयां लेने के बारे में पूछें।
टेस्ट के 24 घंटे तक बैंडेज को गीला न होने दें। स्नान न करें, स्वीमिंग या हॉट टब का भी इस्तेमाल न करें। एस्पिरेशन और बायोप्सी के 24 घंटे बाद उस स्थान को गीला कर सकते हैं।
डॉक्टर से संपर्क करें यदिः
[mc4wp_form id=”183492″]
रक्तस्राव कम करने के लिए टेस्टके बाद एक दो दिन तक ज्यादा काम और एक्सरसाइज न करें।
बोन मैरो बायोप्सी के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें : Liver biopsy: लिवर बायोप्सी क्या है?
बोन मैरो सैंपल को मूल्यांकन के लिए लैबोरेट्री में भेजा जाता है। आपका डॉक्टर कुछ दिनों में इसके परिणाम बता देगा, कभी-कभार ज्यादा समय भी लग सकता है।
और पढ़ें : Prostate biopsy: प्रोस्टेट बायोप्सी क्या है?
लैब में एक हेमटोलॉजिस्ट या बायोप्सी (पैथोलॉजिस्ट) नमूनों का मूल्यांकन कर यह पता लगाता है कि क्या आपका बोन मैरो पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स बना रहा है और क्या कुछ असामान्य सेल्स हैं। इस जानकारी से डॉक्टर को मदद मिलती हैः
आपके परिणामों के आधार पर फॉलो अप टेस्ट के लिए कहा जा सकता है।सभी लैब और अस्पताल के आधार पर बोन मैरो बायोप्सी की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar