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रेडियोग्राफिक तकनीक की मदद से इसोफैगस (फूड पाइप) और पेट की बीमारियों और विकारों के बारे में पता लगाने की तकनीक बेरियम स्वालो कहलाती है। अगर आपको खाना निगलने में परेशानी हो या फिर पेट में असमान दर्द हो और उल्टी में खून आ रहा हो तो बेरियम स्वालो टेस्ट से इसका कारण पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में बेरियम के मिश्रण को पिलाया जाता है और फिर ये मिश्रण शरीर के अंदर जाकर डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के विकारों को उभार देता है जिससे एक्स–रे में वे साफ देखे जा सकते हैं।
बेरियम स्वालो टेस्ट को बेरियम एसोफैगोग्राम (Esophagogram) या एसोफैगराम (Esophagram) भी कहा जाता है।
पेट या फिर शरीर के अंदर किसी भी विकार की स्थिति को पता करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि खाना निगलने में परेशानी होना या फिर खून वाली उल्टियां होना। इसके साथ ही अगर इंटेस्टाइन के ऊपरी हिस्से में कहीं अल्सर, ट्यूमर या फिर पोलिप्स के होने की संभावना है तो उसका पता भी लगाया जा सकता है।गलती से सिक्का निगलने या फिर किसी फसी हुई चीज के बारे में भी बेरियम स्वालो टेस्ट से लगाया जा सकता है।
बेरियम स्वालो टेस्ट से निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों की जानकारी मिल सकती है। जैसे:
ऊपर बताई गई बीमारियों की जानकारी बेरियम स्वालो टेस्ट से मिल सकती है।
टेस्ट के कुछ खतरे हो सकते हैं जैसे कि:
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टेस्ट के पहले हो सकता है आपके डॉक्टर डाइट में कुछ बदलाव करने को कहें। टेस्ट से लगभग चार घंटे पहले आपको कुछ भी खाने से मना किया जाएगा। साथ ही इस बीच कौन सी दवाएं ली जा सकती हैं इस विषय में भी डॉक्टर की सलाह जरूर लें। स्वयं कोई भी निर्णय न लें, हर छोटी चीज का ध्यान रखें।खासकर खानपान और दवाओं से जुड़ी हर बात डॉक्टर से जरूर करें। टेस्ट के समय बहुत अधिक आभूषण पहन कर न जाएं।
बेरियम मिश्रण पिलाने से पहले एक्स–रे किया जाएगा। इसके बाद धीरे–धीरे आपको बेरियम सोल्यूशन पीने के लिए कहा जाएगा। अंत तक आपको लगभग 240 मिलीलीटर (एक कप) मिश्रण पिला दिया जाएगा।
रेडियोलाजिस्ट शरीर के अंदर बेरियम को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से गुजरते हुए देखेंगें। इस वक्त आपको हल्का झुकने के लिए कहा जाएगा ताकि मिश्रण पूरी तरह से फैल सके।इस दौरान हल्के हाथ से डॉक्टर पेट पर दबाव भी बनाएंगें जिससे खासी के दौरान भी शरीर के अंदर आने वाले बदलावों को देखा जा सके। अगर आपके शरीर के छोटे हिस्से को ही देखना है तो लगभग 30 मिनट का समय लगेगा। हर 30 मिनट में एक्स – रे निकाला जाएगा। कई बार गहरी जांच के लिए डॉक्टरआपको 24 घंटे बाद भी बुला सकते हैं ताकिऔर तस्वीरें ली जा सकें।
टेस्ट के बाद आपको लैक्सेटिव दिया जाएगा जिससे शरीर के अंदर का बेरियम निकल जाए। साथ ही खूब सारा पानी पिएं जिससे कि शरीर में बेरियम न रह जाए।
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बेरियम स्वालो टेस्ट के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:
इन ऊपर बताये गए बातों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का भी पालन ठीक से करें।
इस टेस्ट की मदद से आप इन स्थितियों के होने का पता लगा सकते हैं :
बेरियम स्वालो टेस्ट निम्नलिखित परिस्थितियों में नहीं करवाना चाहिए या डॉक्टर से सलाह लें। जैसे:
निम्नलिखित परिस्थिति होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। जैसे:
इन परेशानियों के अलावा अन्य परेशानी होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और घरेलू उपचार से बचें।
टेस्ट के बाद अगर पेट में दर्द हो या फिर ब्लीडिंग हो रही हो तो डॉक्टर तुरंत मिलकर सलाह लें।
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