के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
थैलेसीमिया (Thalassemia) एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन का असामान्य निर्माण होता है। आपको बता दें कि हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) आपके शरीर मे ऑक्सिजन को पहुंचाने का काम करता है। अगर शरीर मे इसकी कमी हो जाये तो ब्लड और ऑक्सिजन दोनों की ही कमी हो जाती है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज ना किया गया तो यह बीमारी खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीमोग्लोबिन दो तरह के प्रोटीन से बनता है, जिन्हें अल्फा और बीटा कहा जाता है। इन्हीं के आधार पर थैलेसीमिया को वर्गीकृत किया गया है।
थैलेसीमिया (Thalassemia) दो प्रकार के होते हैं (Types of Thalassemia)
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यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। इसका मतलब है कि आपके माता पिता में से किसी एक को यह बीमारी जरूर हो सकती है। इसमें हीमोग्लोबिन का निर्माण असामान्य होता है। भारत मे हर साल 7 से 10 हजार बच्चे थैलेसीमिया (Thalassemia) से पीड़ित पैदा होते हैं। अनुवांशिक होने के कारण यह बीमारी आगे की पीढ़ियों में भी होती है। इसमें लाल रक्त कणिकाएं यानी (रेड ब्लड सेल [RBC]) नहीं बनते हैं और जो थोड़े बहुत बनते हैं वो बहुत ही काम समय के लिए होते हैं।
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थैलेसीमिया (Thalassemia) के लक्षण आपकी मेडिकल स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। थैलेसीमिया (Thalassemia) के निम्नलिखित लक्षण होते हैं;
कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनमें जन्म के समय ही थैलेसीमिया के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा दूसरे ऐसे बच्चे होते हैं जिनमें लाइफ के पहले दो वर्षों में ही ये लक्षण विकसित होते हैं। कुछ लोग जिनके पास केवल एक हीमोग्लोबिन जीन होता है, उनमें थैलेसीमिया जैसी खतरनाक बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं।
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ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर थैलेसीमिया (Thalassemia) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें।
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि थैलेसीमिया यह एक अनुवांशिक रोग है और माता अथवा पिता या दोनों के जींस में गड़बड़ी होने के कारण होता हैं। आपको बता दें कि रक्त में हीमोग्लोबिन 2 तरह के प्रोटीन (Protein) से बनता है- अल्फा और बीटा ग्लोबिन। इन दोनों में से किसी प्रोटीन के निर्माण वाले जीन्स में गड़बड़ी होने पर थैलेसीमिया होता है।
अगर आपके माता और पिता में से किसी एक के जीन्स में गड़बड़ी है, तो जो थैलेसीमिया आपको होगा उसे थैलेसीमिया माइनर कहते हैं। इसमें कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते रहें। कभी कभी कुछ लोगों में जिनको थैलेसीमिया माइनर की समस्या है, उनमें हल्के लक्षण नजर आते हैं।
अगर आपके माता और पिता दोनों के ही जीन्स में गड़बड़ी है, तो जो थैलेसीमिया आपको होगा उसे थैलेसीमिया मेजर कहते हैं। यह माइनर की तुलना में ज्यादा ही गम्भीर बीमारी होती है। आपको बता दें कि अगर इन दोनों थैलेसीमिया का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह जानलेवा हो सकती हैl
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थैलेसीमिया (Thalassemia) के साथ और भी दूसरी समस्याएं हो सकती हैं;
1. आयरन ओवरलोड (Iron overload): थैलेसीमिया की वजह से आपके शरीर मे आयरन की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिसकी वजह से कई दिक्कतें हो सकती हैं जैसे, हार्ट की समस्या, लीवर और किडनी की बीमारी आदि।
2. इन्फेक्शन: जिन लोगों को थैलेसीमिया (Thalassemia) की बीमारी होती है उनमें इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर अगर आपका स्प्लीन (Spleen) को निकाल दिया गया हो।
3. हड्डियों में गड़बड़ी (Bone deformities): थैलेसीमिया की वजह से आपकी हड्डियों (Bone) में गड़बड़ी हो जाती है जिसकी वजह से आपके चेहरे की हड्डियों का आकार प्रकार बिगड़ जाता है। इस वजह से आपकी हड्डियां कमजोर हो जाती है जिससे उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
4. स्प्लीन का बढ़ना (Enlarged Spleen): आपको बता दें कि स्प्लीन इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती है। अगर आपको थैलेसीमिया की समस्या है तो लाल रक्त कणिकाओं यानी (रेड ब्लड सेल [RBC]) का निर्माण सही से नहीं हो पाता है। इस वजह से स्प्लीन का साइज बढ़ जाता है और यह सामान्य रूप से काम नहीं करती है।
5. हार्ट की समस्या: अगर आपको थैलेसीमिया जैसी खतरनाक बीमारी है, तो आपको हार्ट सम्बंधी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे कंजेसिव हार्ट फेल्योर (Congestive heart failure)।
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यदि आपका डॉक्टर थैलेसीमिया का निदान करने की कोशिश कर रहा है, तो हो सकता है कि वे आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लेंगे। डॉक्टर इस सैम्पल को एनीमिया और असामान्य हीमोग्लोबिन के परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजते हैं। एक लैब टेक्नीशियन एक माइक्रोस्कोप के माध्यम से आपके रक्त को भी देखेगा और पता करने की कोशिश करेगा कि लाल रक्त कणिकाओं यानी (रेड ब्लड सेल [RBC]) का आकार प्रकार बिगड़ तो नहीं गया।
अगर आपके रेड ब्लड सेल यानी (आरबीसी [RBC]) का आकार प्रकार असामान्य पाया गया तो इसका मतलब है कि आपको थैलेसीमिया की समस्या है। इसके अलावा लैब टेक्नीशियन एक टेस्ट कर सकता है, जिसे हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) इलेक्ट्रोफोरेसिस (Hemoglobin electrophoresis) कहते हैं। इस टेस्ट के द्वारा लाल रक्त कणिकाओं को एक दूसरे से अलग किया जाता है जिससे असामान्य टाइप के लाल रक्त कणिकाओं को आसानी से पहचाना जा सके।
आपके मेडिकल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर थैलेसीमिया का निदान करने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन (Physical examination) कर सकता है।
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थैलेसीमिया (Thalassemia) का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी बीमारी कितनी गंभीर है। इसका इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है;
थैलेसीमिया के इलाज और बचाव के लिए डॉक्टर आपको निम्न सलाह देते हैं। इनका गंभीरता से पालन करें। डायट और जीवनशैली में उचित बदलाव करने से इस बीमारी के इलाज में बहुत मदद मिलती है। थैलेसीमिया के मरीजों को फोलेट (Folate) और आयरन (Iron) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में चाय (Tea) और कॉफी (Coffee) पीने से परहेज करें, क्योंकि ऐसा करने से शरीर द्वारा आयरन (Iron) का अवशोषण कम हो जाता है।
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