- कोलेस्ट्रॉल का लेवल नॉर्मल हो जाएगा
- ब्लड प्रेशर कम हो जाएगा
- ब्लड शुगर कम होगा
- आपके घुटनों, टखनों, पैर और कमर का दर्द कम हो जाएगा, क्योंकि उनपर दबाव कम पड़ेगा
- बहुत ज्यादा एनर्जी महसूस होगी
- डिप्रेस्ड मूड के जगह पर आप खुश रहने लगेंगे
- स्ट्रेस फ्री महसूस होगा
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वजन घटने से डायबिटीज का इलाज : डायट
आपको तो पता ही है कि हर मर्ज की दवा खान-पान में बदलाव होता है। अनुसंधानों से पता चलता है कि हर दिन कम से कम 500 कैलोरी कम करने से डायबिटीज को कंट्रोल में किया जा सकता है। डायट में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड और फैट की मात्रा को कम या संतुलित करने की जरूरत होती है। कार्बोहाइड्रेड का सेवन, ब्लड शुगर बढ़ाने से सीधा संबंध होता है। आप जितना आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएंगे, उतना ही ब्लड शुगर को कम करना आसान हो सकता है।
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वजन घटने से डायबिटीज का इलाज : योगासन
योगासन तो सदियों से सभी बीमारियों के इलाज में सहायक की भूमिका अदा करता आ रहा है। उसी भूमिका में योगाभ्यास विभिन्न लाइफस्टाइल संबंधित बीमारियों में टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में भी मदद करता है। योगासन करने से साइको-न्यूरो-एंडोक्राइन और इम्युनिटी मेकानिज्म में फायदा मिलता है। योगाभ्यास को रोजाना जीवनशैली में शामिल करने से ग्लाइसेमिक कंट्रोल होने के साथ डायबिटीज के कारण शरीर में होने वाली जटिलताओं से राहत मिलने में मदद मिलती है। अब आप सोच रहें होंगे कि कौन-कौन-से योगासन इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए कर सकते हैं, तो इस मामले में बहुत सारे योगासनों का नाम आता है, उनमें हैं-
-प्राणायाम
-सूर्य नमस्कार
– कपालभाती
-अग्निसार क्रिया
-वमन धौति क्रिया
-शंख प्रकाशन
-लघु शंख प्रकाशन
-त्रिकोणासन
-ताड़ासन
-तिर्यक ताड़ासन
-वीरासन
-वक्रासन आदि।
इसके अलावा ध्यान यानि मेडिटेशन करना भी जरूरी होता है। इससे मन पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है।
नोट- ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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वजन घटने से डायबिटीज का इलाज : एक्सरसाइज
डायबिटीज और वजन का सीधा संबंध एक्सरसाइज से जुड़ा हुआ होता है। आप प्रतिदिन जितना व्यायाम करेंगे उतनी ही कैलोरी बर्न होगी। शरीर का मेटाबॉलिज्म जितना बेहतर तरीके से काम करेगा, उतना ही वजन को कम करना आसान होगा। इसके लिए बहुत ज्यादा कष्ट या मशक्कत करने की भी जरूरत नहीं है। आप अपनी इच्छा के मुताबिक एक्सरसाइज या वर्कआउट का चुनाव कर सकते हैं। अब सोच रहे होंगे कि आखिर किस टाइप की एक्सरसाइज करनी चाहिए?
एक्सरसाइज के जिस फॉर्म को करने से आपको आनंद मिलता है, वहीं करें। क्योंकि पसंद की चीज करने से उसको करने की इच्छा बरकरार रहती है, नहीं तो वह बोझ जैसा महसूस लगने लगता है। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और एरोबिक्स दोनों का कॉम्बिनेशन वजन कम करने में बहुत मदद करता है। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में वेट लिफ्टिंग, पुशअप्स और सीट अप्स आदि करने से लाभ मिलता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज में रनिंग, डांसिंग, स्विमिंग और साइकिलिंग शामिल रहता है। इन सब में से आप दो एक्सरसाइज का कॉम्बिनेंशन सिलेक्ट करके फिटनेस की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं।
अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही गए होंगे कि वजन घटने से डायबिटीज का इलाज करना या ब्लड शुगर को कंट्रोल में लाना कितना आसान हो जाता है। इसलिए फिट रहने की तरफ बढ़ाए कदम, साथ ही डायबिटीज और वजन को करें कंट्रोल। ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।