
कुछ सालों से डायबिटीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज के कारण रोगी कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है, जैसे अंधापन, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि। पिछले चालीस सालों में डायबिटीज के मामलों में चार गुना अधिक बढ़ोतरी हुई है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरे संसार में हर साल लगभग 7 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित होते हैं, जिनमें से 70000 बच्चे होते हैं। इसके भारी प्रभाव के बावजूद, किसी भी प्रकार के मधुमेह के लिए अभी भी कोई इलाज नहीं है। कुछ उपचार, रोगियों को कुछ हद तक कम करने में सहायक हैं। लेकिन डायबिटीज के रोगियों को लंबे समय तक स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। जानिए डायबिटीज का उपचार कैसे करें?
टाइप 1 डायबिटीज: डायबिटीज का उपचार कैसे करें?
जैसा की आपको पता ही है कि डायबिटीज का उपचार संभव नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को कम करके इसके प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज होती है, उन लोगों को विभिन्न तरह के प्लान का ट्रीटमेंट करना चाहिए। इसके ट्रीटमेंट प्लान से डायबिटीज को मैनेज करने और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। हर रोगी के लिए यह योजना अलग हो सकती है, जो उस रोगी के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।
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डायबिटीज का उपचार करने से पहले आपको अपने ब्लड शुगर लेवल के बारे में समझना चाहिए। ग्लूकोज हमें उस भोजन से मिलता है, जिसे हम खाते हैं। यह शरीर की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, और इसे रक्त के माध्यम से विभिन्न अंगों तक ले जाया जाता है। ग्लूकोज हार्मोन इंसुलिन की मदद से कोशिकाओं में जाता है। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों का शरीर इन्सुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है। इसका अर्थ है कि ग्लूकोज ब्लडस्ट्रीम में ही रह जाता है और सेल्स तक नहीं पहुंचता, जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है। इसके कारण लोग बीमार महसूस करते हैं। इसलिए इस स्थिति में उनके उपचार में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उनका ब्लड शुगर लेवल सही रेंज में रहे। टाइप 1 डायबिटीज का उपचार कैसे करे जानिए:
डॉक्टर की सलाह के अनुसार इंसुलिन का प्रयोग करें
लोग जो टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, इन्सुलिन लेना उनके उपचार का हिस्सा है। क्योंकि, इन लोगों के शरीर में इन्सुलिन नहीं बनता। ऐसे में ब्लड शुगर को सही रेंज में रखने के लिए इसका सही मात्रा में लेना आवश्यक है। इन्सुलिन को शरीर में सुई या इंसुलिन पंप से लिया जा सकता है। विभिन्न तरह के इंसुलिन अलग-अलग उद्देश्यों के लिए प्रयोग किये जाते हैं। आपके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले इंसुलिन के प्रकार और प्रत्येक दिन आपके द्वारा लिए जाने वाले शॉट्स की संख्या इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके और आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा क्या है।
संतुलित आहार खाएं
जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज है, उन्हें अपने खाने-पीने का अधिक ख्याल रखना चाहिए। उन्हें हमेशा संतुलित आहार लेना चाहिए। क्योंकि कुछ आहार ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकते हैं। अपने आहार के बारे में डॉक्टर से सही सलाह लें।
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नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल को जांचे
नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करना भी इसका हिस्सा है। इससे आपको डायबिटीज संतुलित करने में मदद मिलेगी।
शारीरिक गतिविधियां
डायबिटीज का उपचार कैसे करें इस सवाल का एक उत्तर है एक्सरसाइज करके। एक्सरसाइज करना भी डायबिटीज उपचार का मुख्य हिस्सा है। रोजाना शारीरिक गतिविधियां करने से ब्लड शुगर सही रहती है। इससे अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। कोई भी शारीरिक गतिविधि टाइप 1 डायबिटीज में लाभदायक है जैसे सैर करने से लेकर कोई खेल खेलना, योग,साइकिल चलाना आदि।
टाइप 2 डायबिटीज: डायबिटीज का उपचार कैसे करें?
कुछ तरीको से टाइप 2 डायबिटीज में शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है।
वजन कम करना
डायबिटीज का उपचार कैसे करें, इसका पहला तरीका है वजन कम करना। वजन कम करने से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। अपने वजन से 5 से 10 प्रतिशत वजन कम करना भी टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति में बहुत अधिक प्रभावी हो सकता है। इसके लिए अपने आहार में बदलाव लाएं ,व्यायाम करें और डॉक्टर की सलाह लें।
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पौष्टिक आहार
हालांकि डायबिटीज के लिए कोई खास डाइट नहीं है, लेकिन फिर भी इन चीजो का ध्यान रखना चाहिए:
- कैलोरी कम लें
- कार्बोहाइड्रेटस खासतौर पर मीठी चीजों को कम खाएं
- वसा वाले खाद्य पदार्थ कम खाएं
- फल और सब्जियों को अधिक लें
- फाइबर युक्त आहार का सेवन अधिक करें
- आपको कैसा आहार लेना चाहिए और कैसा नहीं, इसकी सलाह अपने डॉक्टर या किसी डाइटिशन से लें।
नियमित व्यायाम
नियमित रूप सेव्यायाम करने से ब्लड शुगर कम रहती है। आप कोई भी शारीरिक गतिविधि कर सकते हैं। जैसे सैर, तैराकी, बाइकिंग आदि। रोजाना दिन में कम से कम 30 to 60 मिनटों तक इसे करने से आपको लाभ होगा।
ब्लड शुगर मॉनिटर
डायबिटीज में आपके लिए अपनी ब्लड शुगर लेवल को जांचना जरूरी है। अगर आप दिन में कई बार इंसुलिन ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से पता कर लें कि आपको कितनी बार ब्लड शुगर चेक करनी है। अपनी ब्लड शुगर को सही तरीके से मॉनिटर करने से ही आप जान पाएंगे कि आपकी ब्लड शुगर सही रेंज में है या नहीं।
डायबिटीज की दवाईयां या इंसुलिन थेरेपी
जो लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनमें से कुछ लोग सही डाइट और व्यायाम से ही अपनी ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रख लेते हैं। लेकिन, कई लोगों को इसके लिए दवाईयों और इंसुलिन की सहायता लेनी पड़ती है। यह दवाईयां आपको लेनी हैं या नहीं। यह कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे आपका ब्लड शुगर लेवल और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
डायबिटीज की दवाईयां इस प्रकार हैं:
- मेटफॉर्मिन (Metformin): मेटफोर्मिन टाइप 2 डायबिटिक की ऐसी दवाई है। जो लिवर में ग्लूकोज के उत्पादन को कम करती है और इन्सुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
- सल्फोनिलयूरिया(Sulfonylureas) : यह दवाईयां शरीर को अधिक इंसुलिन निकालने में मदद करती हैं इन दवाईयों के उदहारण हैं ग्लाइबुराइड (डायबाटा, ग्लीनेज), ग्लिपीजाइड (ग्लूकोट्रॉल) और ग्लिम्पिराइड।
- थियाजोलिडाइनायड्स (Thiazolidinediones): इन दवाईओं के उदहारण हैं रोजिग्लिटाजोन (अवांडिया) और पियोग्लिटाजोन (एक्टोस)। यह भी शरीर के टिश्यूस को इन्सुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती हैं।
- DPP-4 इन्हिबिटर्स :यह दवाईयां जैसे सिटाग्लिप्टिन (जानुविया), सैक्सग्लिप्टिन (ओंग्लिजा) और लिनाग्लिप्टिन, शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कम करने में प्रभावी हैं।
- GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट : यह दवाईयां पाचन क्रिया को धीमा करती हैं और ब्लड शुगर को कम करने में असरदार है। एक्सैनाटाइड (बाइटा, बायड्योरन), लिराग्लूटाइड (विक्टोजा) और सेमाग्लूटाइड (ओजम्पिक) GLP -1 रिसेप्टर एगोनिस्ट के उदाहरण हैं।
- SGLT2 इन्हिबिटर्स : यह दवाएं किडनी को खून में शुगर के फिर से अवशोषित होने से बचाती हैं। इसका उदहारण है कैनाग्लिफ्लोजिन (इनोकाना), डापाग्लिफ्लोजिन (फार्क्सिगा) और एम्पाग्लिफ्लोजिन (जार्डन)।
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इंसुलिन
कई टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इन्सुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। इसे इंजेक्ट किया जाता है। इंसुलिन के कई प्रकार हैं, और वे प्रत्येक अलग तरीके से काम करते हैं। अधिकतर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोग लम्बे समय तक रात को इंसुलित लेते हैं जैसे इंसुलिन ग्लार्गिन (लैंटस) या इंसुलिन डिटैमर (लेवमीर)। अपने डॉक्टर से विभिन्न दवाओं के लाभ और हानियों के बारे में जानें।
डायबिटीज का उपचार कैसे करें इसका जवाब तो आपको मिल गया होगा। डायबिटीज का कोई पूरी तरह से उपचार संभव नहीं है। हालांकि, कुछ आशाजनक उपचार के तरीको पर काम चल रहा है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों जीवन भर रहने वाली स्थितियां हैं। लेकिन सही उपचार और सावधानियां जीवन भर इन स्थितियों में भी रोगी को स्वस्थ और एक्टिव बना सकती हैं।
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