नियमित व्यायाम (Regular exercise)
नियमित रूप सेव्यायाम करने से ब्लड शुगर कम रहती है। आप कोई भी शारीरिक गतिविधि कर सकते हैं। जैसे सैर, तैराकी, बाइकिंग आदि। रोजाना दिन में कम से कम 30 to 60 मिनटों तक इसे करने से आपको लाभ होगा।
ब्लड शुगर मॉनिटर (Blood sugar monitor)
डायबिटीज में आपके लिए अपनी ब्लड शुगर लेवल को जांचना जरूरी है। अगर आप दिन में कई बार इंसुलिन ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से पता कर लें कि आपको कितनी बार ब्लड शुगर चेक करनी है। अपनी ब्लड शुगर को सही तरीके से मॉनिटर करने से ही आप जान पाएंगे कि आपकी ब्लड शुगर सही रेंज में है या नहीं।
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डायबिटीज की दवाइयां या इंसुलिन थेरेपी (Diabetes Medicines and insulin therapy)
जो लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनमें से कुछ लोग सही डाइट और व्यायाम से ही अपनी ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रख लेते हैं। लेकिन, कई लोगों को इसके लिए दवाईयों और इंसुलिन की सहायता लेनी पड़ती है। यह दवाईयां आपको लेनी हैं या नहीं। यह कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे आपका ब्लड शुगर लेवल और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
डायबिटीज की दवाइयां (Diabetes medicines) इस प्रकार हैं:
- मेटफॉर्मिन (Metformin): मेटफोर्मिन टाइप 2 डायबिटिक की ऐसी दवाई है। जो लिवर में ग्लूकोज के उत्पादन को कम करती है और इन्सुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
- सल्फोनिलयूरिया(Sulfonylureas) : यह दवाईयां शरीर को अधिक इंसुलिन निकालने में मदद करती हैं इन दवाईयों के उदहारण हैं ग्लाइबुराइड (डायबाटा, ग्लीनेज), ग्लिपीजाइड (ग्लूकोट्रॉल) और ग्लिम्पिराइड
- थियाजोलिडाइनायड्स (Thiazolidinediones): इन दवाईओं के उदहारण हैं रोजिग्लिटाजोन (अवांडिया) और पियोग्लिटाजोन (एक्टोस)। यह भी शरीर के टिश्यूस को इन्सुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती हैं।
- DPP-4 इन्हिबिटर्स :यह दवाईयां जैसे सिटाग्लिप्टिन (जानुविया), सैक्सग्लिप्टिन (ओंग्लिजा) और लिनाग्लिप्टिन, शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कम करने में प्रभावी हैं।
- GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट : यह दवाईयां पाचन क्रिया को धीमा करती हैं और ब्लड शुगर को कम करने में असरदार है। एक्सैनाटाइड (बाइटा, बायड्योरन), लिराग्लूटाइड (विक्टोजा) और सेमाग्लूटाइड (ओजम्पिक) GLP -1 रिसेप्टर एगोनिस्ट के उदाहरण हैं।
- SGLT2 इन्हिबिटर्स : यह दवाएं किडनी को खून में शुगर के फिर से अवशोषित होने से बचाती हैं। इसका उदहारण है कैनाग्लिफ्लोजिन (इनोकाना), डापाग्लिफ्लोजिन (फार्क्सिगा) और एम्पाग्लिफ्लोजिन (जार्डन)।
और पढ़ें: क्या है इंसुलिन पंप, डायबिटीज से इसका क्या है संबंध, और इसे कैसे करना चाहिए इस्तेमाल?
इंसुलिन (Insulin)
कई टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित लोगों को इन्सुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। इसे इंजेक्ट किया जाता है। इंसुलिन के कई प्रकार हैं, और वे प्रत्येक अलग तरीके से काम करते हैं। अधिकतर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोग लम्बे समय तक रात को इंसुलित लेते हैं जैसे इंसुलिन ग्लार्गिन (लैंटस) या इंसुलिन डिटैमर (लेवमीर)। अपने डॉक्टर से विभिन्न दवाओं के लाभ और हानियों के बारे में जानें।
डायबिटीज का उपचार कैसे करें इसका जवाब तो आपको मिल गया होगा। डायबिटीज का कोई पूरी तरह से उपचार संभव नहीं है। हालांकि, कुछ आशाजनक उपचार के तरीको पर काम चल रहा है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों जीवन भर रहने वाली स्थितियां हैं। लेकिन सही उपचार और सावधानियां जीवन भर इन स्थितियों में भी रोगी को स्वस्थ और एक्टिव बना सकती हैं।