
व्रत-त्योहारों में उपवास रखने की परंपरा भारतीय संस्कृति में सदियों पुरानी है। कई व्रत तो ऐसे होते है जिसमें निर्जला उपवास रखा जाता है, जैसे कि हरतालिका तीज। उपवास रखने में वैसे तो कोई हर्ज नहीं है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए उपवास रखना थोड़ा रिस्की होता है, क्योंकि ऐसा करना उनके ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज उपवास कर रहे हैं तो उन्हें बहुत सतर्क रहने और कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। इस बारे में किंग जॉर्ज हॉस्पिटल, लखनऊ के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर डी हिमांशु का कहना है कि ” शरीर में जब ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है तो उस स्थिति को मधुमेह यानी डायबिटीज कहा जाता है। यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो गंभीर स्थिति बन सकती है। डायबिटीज के कारण त्वचा व आंखों से जुड़ी परेशानी, ब्रेन स्ट्रोक और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए डायबिटीज पेशेंट को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर अमल करना चाहिए। ब्लड शुगर लेवल का संतुलन न बिगड़े इसलिए डॉक्टर ऐसे मरीजों को खानपान में बदलाव के साथ ही ज्यादा देर तक खाली पेट नहीं रहने की सलाह देते हैं। डायबिटीज पेशेंट को हर 2-3 घंटे में थोड़ा-थोड़ा ही सही कुछ खाते रहना चाहिए।”
डायबिटीज के मरीजों के लिए उपवास रखना क्यों जोखिम भरा है?
- उपवास रखने पर डायबिटीज पेशेंट को हाइपोग्लाइसिमिया (ब्लड शुगर लेवल में अचानक गिरावट) हो सकता है, जिसकी वजह से दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और मरीज बेहोश हो सकता है।
- इसके अलावा हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना) के कारण आंखों की रोशनी कम हो सकती है, सिरदर्द, थकान और बार-बार प्यास लगने की समस्या हो सकती है।
- जानकारों का मानना है कि टाइप-1 डायबिटिज के मरीज और जिन्हें पहले हाइपोग्लाइसिमिया हुआ हो, उन्हें उपवास के दौरान ज्यादा खतरा होता है।
- डॉक्टरों के मुताबिक, उपवास की वजह से कई बार मरीज की हालत इतनी बिगड़ जाती है कि उसकी जान को भी खतरा हो सकता है।
- डायबिटीज पेशेंट को केटोएसिडोसिस हो सकता है, इस स्थिति में शरीर अतिरिक्त ब्लड एसिड (कीटोंस) का निर्माण करने लगता है, जिसकी वजह से उल्टी, डिहाइड्रेशन, सांस लेने में परेशानी के साथ ही मरीज का कोमा में जाने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के उपवास नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों को उपवास के दौरान थ्रोमबोसिस भी हो सकता है, इस स्थिति में खून जम जाता है।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए उपवास रखने संबंधी कुछ नियम
डायबिटीज के मरीज यदि उपवास रखना ही चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यदि डॉक्टर हां कहते हैं तो उसके बाद उन्हें उपवास के दौरान कुछ नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत भी होती है। ताकि व्रत का उनकी सेहत पर नकारात्मक असर न हो।
- डायबिटीज के मरीजों को दिन में 3-4 बार अपना ब्लड ग्लूकोज लेवल चेक करते रहना चाहिए। यदि मरीज इंसुलिन लेता है तो उसे डॉक्टर को बोलकर इसकी खुराक में बदलाव करवाने की जरूरत है।
- कुछ व्रत ऐसे होते हैं जिसमें सुबह उठकर सरगी खाने का रिवाज होता है, डायबिटीज पेशेंट को इसे बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए।
- उपवास से पहले अच्छी तरह खाना खाएं और स्पाइसी खाने की बजाय कम मिर्च-मसाले का खाना खाएं।
- उपवास के दौरान कुछ घंटों के अंतराल पर ड्राई फ्रूटस और फल खाते रहें।
- दिन भर तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे कि छाछ, नारियल पानी और नींबू पानी आदि का सेवन करते रहें, ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या न हो।
- यदि उपवास में सेंधा नमक भी नहीं खाना है तो पहले डॉक्टर को इसकी जानकारी दे दें, क्योंकि यदि आप ब्लड प्रेशर की गोली खा रहे हैं, जो शरीर से सोडियम को बाहर निकाल देता है, ऐसे में डॉक्टर दवा की खुराक में बदलाव कर सकते हैं।
- उपवास के दौरान भुनी, उबली चीजें और ताजे फल खाएं।
- उपवास खत्म होने पर अगले दिन हल्का भोजन करें ताकि वह आसानी से पच जाए।
- उपवास बाद प्रोसेस्ड या अधिक ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बचें, क्योंकि इसका शुगर लेवल पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- फाइबर से भरपूर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजों का डायट में शामिल करें, इससे लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास होता है।
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इन चीजों से करें परहेज
- व्रत के दौरान अधिक सेंधा नमक और चीनी का सेवन न करें।
- तली हुई चीजें जैसे आलू, व्रत के चिप्स, चिवड़ा आदि का सेवन से बचें।
- मिठाई के सेवन से बचें। यदि कुछ मीठा खाना है तो चीनी की बजाय शहद, खजूर आदि का इस्तेमाल करें।
- लगातार कई घंटों तक खाली पेट न रहें।
- निर्जला व्रत करने से परहेज करें।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए उपवास
- जो टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं और उसे संतुलित करने के लिए इंसुलिन ले रहे हैं, उपवास उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। यदि बहुत जरूरी है तो पहले डॉक्टर से इस बारे में सलाह अवश्य लें।
- जिन लोगों को डायबिटीज के अलावा किडनी, लिवर या दिल की बीमारी है, उन्हें भी उपवास नहीं रखना चाहिए।
- टाइप 1 डायबिटीज के ऐसे मरीज जो पूरी तरह से इंसुलिन पर निर्भर हैं, उन्हें भी उपवास नहीं रखना चाहिए।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को उपवास से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए ताकि उनकी दवा की खुराक में बदलाव किया जा सके।
डायबिटीज के मरीजों के लिए खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है इसमें की गई थोड़ी सी भी लापरवाही उनकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में व्रत के दौरान संतुलित आहार लेकर और व्रत खोलते समय कम कार्बोहाइड्रेट वाला हल्का भोजन करके वह अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रख सकते हैं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ऐसे ड्रिंक्स पीएं जिनमें शुगर की मात्रा न हो, जैसे कि नारियल पानी, छाछ आदि तो उनका ब्लड शुगर लेवल उपवास के दौरान भी नहीं बिगड़ेगा। डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है गलत जीवनशैली, तो इससे बचने के लिए आपको अपनी डायट में तो बदलाव करना ही होगा, साथ ही रोजाना एक्सरसाइज की आदत भी डालनी होगी।
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