
अचानक से शरीर के किसी हिस्से का काम करना बंद कर देना, बेहोश होना, बोलने में परेशानी होना, देखने में परेशानी महसूस करना, किसी की कही बात समझने में परेशानी होना, चक्कर आना या अचानक से बहुत तेज सिर दर्द होना जैसे लक्षण ब्रेन स्ट्रोक के कारण हो सकते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक को हिंदी में ‘मस्तिष्क का दौरा’ या मस्तिष्काघात कहा जाता है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियां भी ब्रेन स्ट्रोक के कारण बन सकते हैं। जैसे, हाई ब्लड प्रेशर, बहुत ज्यादा स्मोकिंग या अल्कोहल पीने की आदत, दिल से जुड़े रोग, हाई ब्लड कोलेस्ट्राल लेवल या डायबिटीज की समस्या। साथ ही, कुछ मामलों में आनुवांशिक या जन्मजात स्थितियां भी मस्तिष्काघात का कारण हो सकती हैं।
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ब्रेन स्ट्रोक के कारण कितना डैमेज हो सकता है नर्वस सिस्टम
तंत्रिका तंत्र (nervous system) शरीर से मस्तिष्क तक आगे और पीछे सिग्नल भेजने का कार्य करती है। यह मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और पूरे शरीर में तंत्रिकाओं से मिलकर बना होता है। अगर ब्रेन स्ट्रोक के कारण यह डैमेज होता है तो यह ब्रेन को सिंग्नल देना बंद कर सकता है। जिससे शरीर के अंग सही रूप से कार्य करना बंद कर सकते हैं।
अगर ब्रेन स्ट्रोक के कारण नर्वस सिस्टम डैमेज होती है, तो इसके बाद किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधियों या खेलों को खेलते समय आपको सामान्य से अधिक दर्द का एहसास हो सकता है। क्योंकि, ब्रेन स्ट्रोक के कारण तंत्रिका तंत्र डैमेज होने के बाद मस्तिष्क ठंडी या गर्मी जैसे संवेदनाओं को पहले की तरह नहीं समझ पाता है।
अन्य स्थितियां भी देखी जा सकती हैं जैसेः
- मस्तिष्क के सामने का हिस्सा प्रभावित होने के कारण सोचने-समझने की क्षमता कम हो सकती है
- मस्तिष्क के दाईं ओर डैमेज होने के कारण भूलने की समस्या हो सकती है
- आंखों से धुंधला दिखाई दे सकता है या अंधापन भी हो सकता है
- फुट ड्रॉप की समस्या हो सकती है। इसके कारण पैर के सामने के हिस्से को उठाना मुश्किल हो जाता है। इसकी स्थिति में चलते समय जब पैर की अंगुलियों को जमीन पर रखने पर खिंचाव महसूस होगा।
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ब्रेन स्ट्रोक के कारण कितना डैमेज हो सकता है सर्क्युलेटरी सिस्टम
ब्रेन में ब्लीडिंग होने के कारण संचार प्रणाली (Circulatory system) डैमेज हो सकती है। हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या स्मोकिंग इसका मुख्य कारण हो सकता है। इसे रक्तस्रावी स्ट्रोक या इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic stroke) भी कहा जाता है। अगर मस्तिष्क के दौरे के कारण सर्क्युलेटरी सिस्टम डैमेज होता है, तो दूसरा स्ट्रोक आने या दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण कितना डैमेज हो सकता है डायजेस्टिव सिस्टम
दिमाग के दौरे के कारण अगर मस्तिष्क का आंतों को नियंत्रित करने वाला हिस्सा प्रभावित होता है, तो पाचन तंत्र (Digestive system) खराब हो सकता है। डायजेस्टिव सिस्टम डैमेज होने के कारण कब्ज की समस्या, पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पी पाने की समस्या या शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होने की समस्या हो सकती है।
दिमाग के दौरे की पहचान कैसे करें?
- अचानक शरीर का सुन्न होना
- अचानक कमजोरी महसूस करना
- अचानक हाथ-पैर का काम करना बंद कर देना
- अचानक एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखाई देना या दिखाई देना बंद होना
- चलने में असमर्थ होना
- बिना किसी कारण के अचानक सिरदर्द होना
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ब्रेन स्ट्रोक के कारण दिमाग पर पड़ने वाला प्रभाव
हमारा मस्तिष्क एक अत्यंत जटिल अंग है जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है। अगर ब्रेन स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, तो हमारा मस्तिष्क उस हिस्से के कार्य को सुचारू रूप से करने में असमर्थ हो जाता है। जिसके कारण शरीर का कोई अंग भी पैरालाइज हो सकता है। आमतौर पर ब्रेन स्ट्रोक मस्तिष्क के किसी एक हिस्से को प्रभावित करता है। हालांकि, वह दोनों हिस्सों में से जिस भी हिस्से को प्रभावित करेगा वो विकलांगता का कारण बन सकता है। हालांकि, शरीर पर इसका कितना दुष्प्रभाव होगा यह ब्रेन स्ट्रोक कारणों और अन्य स्थितियों पर भी निर्भर कर सकता है।
मस्तिष्क के बाएं तरफ ब्रेन स्ट्रोक के कारण क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
अगर ब्रेन स्ट्रोक मस्तिष्क के बाईं ओर होता है, तो शरीर का दाहिना हिस्सा प्रभावित होगा, जो निम्न में से कुछ या सभी दुष्प्रभावों का कारण बन सकता हैः
- शरीर के दाहिनी हिस्से में लकवा होना
- बोलने और बात समझने में असमर्थ होना
- शरीर के अंगों का धीरे-धीरे कार्य करना
- मानसिक स्थिति में परविर्तन होना, जैसे-सोचने-समझने की स्थिति कम होना
- याददाश्त खोना।
मस्तिष्क के दाएं तरफ ब्रेन स्ट्रोक के कारण क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
अगर ब्रेन स्ट्रोक मस्तिष्क के दाईं ओर होता है, तो शरीर का बायां हिस्सा प्रभावित होगा, जो निम्न में से कुछ या सभी दुष्प्रभावों का कारण बन सकता हैः
- शरीर के बाईं ओर का पक्षाघात यानी लकवा होना
- देखने में परेशानी होना
- अंधापन का कारण होना
- व्यवहार में परिवर्तन होना
- याददाश्त खोना।
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ब्रेन स्टेम क्या है?
ब्रेन स्टेम तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम में एक ब्रिज की तरह काम करता है। सभी फाइबर जो शरीर से ब्रेन में जाते हैं वो ब्रेन स्टेम से होते हुए ब्रेन की नसों से गुजरते हैं। यह मस्तिष्क के केंद्र में रीढ़ की हड्डी के ठीक ऊपर होता है। जब मस्तिष्क स्टेम में ब्रेन स्ट्रोक होता है, तो ब्रेन स्ट्रोक का अटैक कितना गंभीर है इसके आधार पर, ब्रेन स्टेम शरीर के दोनों किनारों को प्रभावित कर सकता है। इसके प्रभावित होने के कारण बोलने में परेशानी, सांस लेने में तकलीफ और दिल की धड़कन अनियंत्रित हो सकती है। आमतौर पर ब्रेन स्ट्रोक के कारण ब्रेन स्ट्रेम को होने वाले जोखिम नहीं होते हैं, हालांकि, ब्रेन स्ट्रोर के कारण ब्रेन का कितना हिस्सा और कैसे प्रभावित हुआ है, ऐसी स्थिति ब्रेन स्टेम का कारण बन सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक के लिए उपचार क्या है?
दिमाग का दौरा किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय आ सकता है। हर साल लगभग 6 लाख लोग स्ट्रोक के खतरे से गुजरते हैं। आधुनिक दौर में ब्रेन स्ट्रोक के उपचार के लिए जरूरी है कि अपने दैनिक आहार और शारीरिक क्रियाओं पर ध्यान दें। इसके अलावा ऐसे कई ट्रीटमेंट हैं जो मस्तिष्काघात के उपचार के लिए कारगर हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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