डायबिटीज के कारण त्वचा संक्रमण में आता है टाइनिया पीडिस (Tinea pedis)
आमतौर पर पैर के तलवे पर या पैर की उंगलियों पर होता है यह खुजली के लाल चिकत्ते अक्सर छालों की तरह फ्लूइड से भरे होते हैं गंदगी भरी या प्रदूषित जमीन पर चलने से टाइनिया पीडिस की समस्या होती है इससे बचाव के लिए आपको सार्वजनिक क्षेत्रों में चप्पल जूते उतार कर नहीं रखने चाहिए, उन्हें पहने रहना चाहिए।
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डायबिटीज के कारण त्वचा संक्रमण में टाइनिया मैनयूम (Tinea manuum)
इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे मुंहासे और सूजन आ जाते हैं जिस हाथ से काम ज्यादा होता है यह उसी हाथ को प्रभावित करते हैं
डायबिटीज के कारण त्वचा संक्रमण में टाइनिया कोर्पोरिस (Tinea corporis) से बचें
रिंगवॉर्म त्वचा पर चकत्तों के रूप में उभरते हैं इनका रंग लाल या गुलाबी जैसा होता है और इन चिक्कतों के किनारों पर बहुत खुजली होती है यह चिक्कते आकर में गोल होते हैं और बहुत आसानी से दूर तक फैलने लगते हैं।
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टाइनिया क्रूरिस (Tinea cruris)
टाइनिया क्रूरिस लाल, खुजली से भरे इंफेक्शन होते हैं जो जांघों, प्राइवेट पार्ट्स और ऊपरी जाँघों तक फैल जाते हैं।
डायबिटीज के कारण त्वचा संक्रमण- कैंडिडिआसिस (Candidiasis)
यह खुजली की वह समस्या है जो शरीर पर त्वचा की तहों जैसे स्तन के नीचे, जांघों के बीच, बगल में और कूल्हों के बीच जैसी जगहों को प्रभावित करती है पुस्टयुल्स इस दाद का पहला लक्षण है जो त्वचा को मुलायम और मोटा कर देता है
इन सभी फंगल इंफेक्शन का इलाज तकरीबन एक जैसा होता है रोजाना दिन में 2 से 3 बार एंटीफंगल क्रीम लगाने से यह इंफेक्शन साफ़ किए जा सकते हैं जिन हिस्सों में यह इंफेक्शन हुए हैं उन्हें सूखा रखने की कोशिश करें, इसके लिए आप मेडिकेटिड पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो त्वचा को नमी और मॉइस्चर से बचाए रखेगा, जिससे इंफेक्शन दूर तक फैलने से बचा रहेगा अगर ऊपर बताए गए तरीकों से भी इंफेक्शन खत्म न हो रहा हो तो एंटीफंगल खाने की दवाएं दी जाती हैं।
इन सभी इंफेक्शन के खतरनाक हद तक बढ़ने का इंतज़ार न करें, अगर आप का इंफेक्शन ठीक होने के बजाय हर दिन बढ़ता ही जा रहा हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाएं
तो ये थे कुछ ऐसे त्वचा संक्रमण, जो डायबिटीज के कारण हो सकते हैं। ऐसे में आपको डायबिटीज के बारे में विस्तार से भी जानकारी ले लेनी चाहिए। नीचे जानिए डायबिटीज किन कारणों से हो सकती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे राहत पाने के लिए क्या किया जा सकता है।
डायबिटीज के कारण और प्रकार क्या हैं? (Diabetes Types And Causes)
जब शरीर में इंसुलिन का स्तर असंतुलित होने लगता है, तो डायबिटीज होती है। डायबिटीज भी दो प्रकार की होती है :
1. टाइप 1 डायबिटीज
2. टाइप 2 डायबिटीज
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
जब शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तब टाइप-1 डायबिटीज होता है। ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रखना पड़ता है। जिसके लिए मरीज को पूरी तरह से इंसुलिन इंजेक्शन पर आश्रित रहना पड़ता है। टाइप-1 डायबिटीज बच्चों और किशोरों में होने वाली डायबिटीज की बीमारी है। बच्चों और युवा वयस्कों में यह अचानक से हो सकता है। शरीर में पैंक्रियाज से इंसुलिन नहीं बनने की स्थिति में ऐसा होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार दवा से इसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। इसलिए इंजेक्शन की मदद से हर दिन इंसुलिन लेना भी अनिवार्य हो जाता है।
टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
अगर शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगे और शरीर उसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, तो ऐसे स्थिति में डायबिटीज टाइप-2 की शिकायत शुरू हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज बहुत ही सामान्य है और यह 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है। ऐसा नहीं है की टाइप-2 डायबिटीज सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को हो कभी-कभी यह बीमारी जल्दी भी हो सकती है।
डायबिटीज (Diabetes)) होने पर ध्यान रखें ये बातें
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्री डायबिटीज के मरीज ठीक हो सकते हैं। अगर कुछ बातों को ध्यान दें जैसे-
अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और डायबिटीज के कारण त्वचा संक्रमण से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।