टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में ब्लड में शुगर बढ़ जाती है। ऐसा इंसुलिन की गड़बड़ी के कारण होता है।इंसुलिन सेंसिटिविटी रिड्सूस हो जाने के कारण ब्लड में शुगर का लेवल अधिक बढ़ जाने से कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। जिन लोगों में टाइप 2 डायबिटीज की समस्या होती है, उन्हें अधिक प्यास का एहसास हो सकता है। साथ ही बार-बार यूरिन पास करने जैसी समस्या भी होती है।
आपको बताते चले कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित जिन लोगों को इंसुलिन की डोज दी जाती है, उनके शरीर में ग्लूकोज का अवशोषण बढ़ जाता है। ऐसे में कई बार इंसुलिन थेरिपी की सलाह भी दी जाती है। बच्चों में मोटापे के कारण डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है, ऐसे में उन्हें भी डबल डायबिटीज का खतरा भी रहता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें: जेस्टेशनल डायबिटीज क्या है? जानें इसके लक्षण और उपचार विधि
बच्चों में डबल डायबिटीज की समस्या (Double Diabetes in kids)
जिन बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) के साथ ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के लक्षण भी दिखाई दें, वो बच्चे डबल डायबिटीज के पेशेंट कहलाते रहैं। जिन बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज (T1D) की समस्या होती है और साथ ही उनका वजन अधिक होता है, टाइप 2 डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री होती है या फिर इंसुलिन रेसिसटेंस का क्लीनिक फीचर होता है, उन्हें डबल डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। ब्लड में मौजूद एंटीबॉडीज पैंक्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स से इंसुलिन (Insulin) के प्रोडक्शन को रोकने का काम करती हैं।जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज है, उनमे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। ये बात कई फैक्टर पर डिपेंड करती है।
अधिक मोटापे (Obesity) से ग्रस्त लोगों को डबल डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए हाई इंसुलिन डोज की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों के शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) उत्पन्न हो जाता है, जिसमे बॉडी सेल्स इंसुलिन के प्रोडक्शन के लिए रिस्पॉन्स नहीं करती हैं। ऐसे लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की समस्या भी हो सकती है।
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या है तो खानपान का रखें ख्याल
