मेडिकल खर्च बढ़ जाता है
मोटापे से जुड़े तथ्य में यह भी शामिल है कि सामान्य लोगों की तुलना में मोटे लोगों को कई तरह की बीमारियों होती रहती हैं जिससे उनका मेडिकल खर्च बढ़ जाता है।
मिडिल एज में मोटापा अधिक होता है
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी बताते हैं कि 40 से 59 साल की उम्र के लोगों में मोटापा अधिक होता है। इस एज ग्रुप के करीब 40 प्रतिशत व्यस्क मोटापे का शिकार होते हैं। वैसे शहरी क्षेत्रों खासतौर पर मेट्रो सिटीज में चाइल्ड ओबेसिटी भी मुख्य समस्या बनती जा रही है।
बुजुर्ग पुरुषों की तुलना में बुजुर्ग महिलाओं में मोटे होने की संभावना अधिक होती है
एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में 40.4 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं मोटापे का शिकार हैं जबकि पुरुषों की संख्या 35 फीसदी है।
कैलोरी का सेवन और उसके खर्च के बीच असंतुलन का परिणाम है मोटापा
आमतौर पर शरीर को एनर्जी के लिए कैलोरी की जरूरत होती है, लेकिन जब हम कैलोरी का सेवन करते जाते हैं तो फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते जिससे कैलोरी खर्च नहीं होती है और शरीर मे जमा होते-होते यह फैट का रूप ले लेती है।
बच्चों के डायट और फिजिकल एक्टिविटी पर आसपास के माहौल का असर पड़ता है
मोटापे से जुड़े तथ्य यह भी है की आपके घर और आसपास का सामाजिक, आर्थिक माहौल कैसा है, अर्बन प्लानिंग, वातावरण, खाने की आदत, उपब्धता आदि कैसी है? इन सबका बच्चे की फिजिकल एक्टिविटी और डायट पर असर पड़ता है। यदि यह सब ठीक नहीं है तो बच्चा मोटापे का शिकार हो जाता है।
हेल्दी डायट से मोटापे पर काबू पाया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हेल्दी डायट अपनाकर लोग अपना वजन कंट्रोल में रख सकते हैं। डायट में सैच्युरेटेड फैट की बजाय अनसैच्युरेटेड फैट को शामिल करना चाहिए। फास्ट फूड की बजाय सब्जियां, फल, नट्स और साबूत अनाज का सेवन करना लाभकारी होता है। खाने में नमक और शक्कर की मात्रा सीमित करके आप बढ़ते वजन को रोक सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की 1.9 बिलियन एडल्ट मोटापे के शिकार हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2.8 बिलियन लोगों की मौत की वजह बढ़ता वजन है। इसलिए भले ही आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों लेकिन, इन सबके बीच वक्त निकाल कर अपनी सेहत पर ध्यान अवश्य दें।