डोज संबंधी अन्य जानकारी
यदि आप बेसल इंसुलिन की मदद से खुराक लेने की सोच रहे हैं तो वर्तमान में तीन डोज के विकल्प मौजूद है। हर एक विकल्प के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलू हैं। बेसल इंसुलिन की जरूरत हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। तो आपके डॉक्टर और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट आपको सही डोज की सलाह दे सकते हैं।
और पढ़ें : डायबिटीज होने पर कैसे करें अपने पैरों की देखभाल
रात को सोने से पहले, सुबह-सुबह या दोनों ही समय एनपीएच डोज लेना
इंसुलिन का डोज काफी अहम रोल अदा करता है। क्योंकि ऐसा हो सकता है कि दोपहर के समय में या इसके आसपास के समय में इंसुलिन अपनी पीक पर हो, वहीं इस समय इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। इंसुलिन की यही आवश्यकता आपकी लाइफस्टाइल, खाने पीने का समय सहित अन्य एक्टिविटी पर निर्भर करता है। इसके कारण संभव है कि रात को सोते वक्त लो ब्लड शुगर लेवल के साथ दिन में लो और हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल का एहसास हो।
मधुमेह के मरीज अपनी इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं जानने के लिए वीडियो देख लें एक्सपर्ट की राय
ग्लेरगीन, डिग्लुडेक की खुराक
इन बेसल इंसुलिन की बड़ी खासियत यही है कि इसका असर लंबे समय तक रहता है। लेकिन कुछ लोगों में यह देखा गया है कि डेटेमीर और ग्लेरगीन की खुराक लेने के 24 घंटों में असर कम हो जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि जब भी आप दूसरा डोज लें तो उसमें हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल को लें। लेकिन डिग्लुडेक तबतक अपना असर दिखाता है जब तक दूसरे डोज का समय नहीं आ जाता है।
इंसुलिन पंप का इस्तेमाल कितना है कारगर (How effective is insulin pump)
यदि आप इंसुलिन पंप से इंसुलिन की खुराक ले रहे हैं तो आप बेसल इंसुलिन की खुराक को लिवर फंक्शन के अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं। लेकिन पंप थेरेपी का एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि इसके इस्तेमाल से डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (diabetic ketoacidosis) होने की संभावना रहती है। ऐसा पंप में आई खराबी के कारण हो सकता है। यदि मशीन में किसी भी प्रकार की दिक्कत आ जाए तो संभावना है कि आपके शरीर को सही मात्रा में इंसुलिन न मिले। ऐसे में आपको यह बीमारी होने की संभावना रहती है। इसलिए जरूरी है कि डोज लेने को लेकर और डोज संबंधी बातों पर पहले से ही डॉक्टर से विचार विमर्श कर लिया जाए।
और पढ़ें : डायबिटीज होने पर शरीर में कौन-सी परेशानियाँ होती हैं?
बेसल इंसुलिन के दुष्प्रभाव को जानें (Side effects of Basal Insulin)
बेसल इंसुलिन का इस्तेमाल करने के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। दूसरे इंसुलिन का इस्तेमाल करने की तुलना में इस इंसुलिन का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हायपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) की बीमारी के साथ वजन बढ़ सकता है।
इतना ही नहीं यदि व्यक्ति बेसल इंसुलिन के साथ कुछ दवा का सेवन करता है तो उसके बारे में भी डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। संभव है कि बीटा ब्लॉकर्स (beta-blockers), ड्यूरेटिक्स (diuretics), क्लोनिडीन (clonidine), लीथियम साल्ट (lithium salts) का सेवन करने से बेसल इंसुलिन का इफेक्ट कम हो जाए। इसलिए जरूरी है कि इस डोज को लेने के पूर्व पहले से यदि आप दवा का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें वहीं एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की सलाह भी जरूर लेनी चाहिए।
इंसुलिन को ऐसे करें स्टोर (How to store insulin)
इंसुलिन को स्टोर करने की बात करें तो इसे ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडी जगह पर स्टोर न करें। वहीं इसे सूर्य की किरणों से दूर रखने के साथ न ही फ्रिज में रखें और न ही कार में रखें। इस्तेमाल के पूर्व इसकी एक्सपायरी डेट पर ध्यान दें। इंजेक्शन में जब इंसुलिन डालें तो वो दिखनी चाहिए कि आप कितनी मात्रा डाल रहे हैं। वहीं इसके इस्तेमाल के बाद अच्छे से डिस्पोज करें। इसके लिए आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। न तो वाशरूम में फेंके और न ही कूड़े में न फेंके, पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है।
डॉक्टरी सलाह के बाद अपने शरीर के अनुरूप ले सकते हैं बेस्ट दवा

डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए बेसल इंसुलिन रामबाण हो सकता है। वहीं इसका डोज लेकर वो डायबिटीज को आसानी से मैनेज कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए बस जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की सलाह लेकर अपने शरीर के हिसाब से इंसुलिन का डोज तय करने के साथ कौन-सा बेसल इंसुलिन आपके शरीर को सूट करेगा और कौन-सा नहीं उसको लेकर पहले से ही चर्चा कर लें और उसी के अनुरूप दवा का डोज लें। आप चाहें तो अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करने के साथ बेसल इंसुलिन को लेकर आप रोजमर्रा के कामकाज को आसानी से कर सकते हैं। इस इंसुलिन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसका डोज बार-बार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, एक बार यदि कोई इसका खुराक ले लें तो करीब 24 घंटों तक इसे अन्य डोज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग है ऐसे में लोगों को डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही डोज लेना चाहिए।