यदि आपका डॉक्टर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की सलाह न दे फिर भी आपको उनसे सलाह लेना चाहिए।
और पढ़ें : Thyroid: थायराइड क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
इलाज कराने के पूर्व डॉक्टर को खानपान, दवा की दें पूरी जानकारी
इलाज के क्रम में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट आपसे पूछ सकतें है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं, डायबिटीज की बीमारी के कारण आपको किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। आप अपने एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से बताए कि आप किन-किन दवा का सेवन करते हैं।
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट इसपर देते हैं ध्यान, जैसे
- लक्षण
- खाने का समय
- काम ज्यादा करते हैं या कम करते हैं
- दवाओं के साथ विटामिन या अन्य सप्लीमेंट लेते हैं या नहीं
और पढ़ें : Swollen Glands: ग्रंथियों की सूजन क्या है?
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट आखिर मरीज के साथ क्या करते हैं?
कई मामलों में ऐसा होता है कि हमारे जेनरल फिजिशियन बीमारी के बारे में पता नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वो हमारी मेडिकल कंडीशन को देखते हुए, हार्मोन प्रोडक्शन को भांपते हुए हमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के पास जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। बता दें कि एंडोक्रिनोलॉजिस्ट एंडोक्रिनोलॉजी के फिल्ड में विशेषज्ञ होते हैं। इन डॉक्टर्स को ऐसी ट्रेनिंग दी गई है जिससे यह ग्लैंड और हार्मोन से जुड़ी बीमारी का पता लगाकर इलाज करते हैं। एंडोक्रिनोलॉजिस्ट का मकसद होता है कि शरीर में हार्मोन के बैलेंस को बनाकर रखा जाए ताकि शरीर सुचारू रूप से काम कर सकें।
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट इन समस्याओं और बीमारी का करते हैं इलाज
- डायबिटीज
- ऑस्टिओपोरोसिस
- मेनोपॉज
- मेटाबॉलिक डिसऑर्डर
- थायरॉयड डिजीज
- असामान्य व अनियमित हार्मोन का निकलना
- कुछ प्रकार के कैंसर
- छोटा कद
- इनफर्टिलिटी (infertility)
- थायरायड
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के पास जाने पर वो क्या पूछ सकता है, जानें
यदि आप पहली बार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से मिल रहे हैं तो वो आपसे कुछ सवाल कर सकता है। ताकि उसी हिसाब से इलाज किया जा सके।
- वर्तमान में आप कितनी दवाएं ले रहे हैं
- परिवार में किसी को पूर्व में हार्मोन इम्बैलेंस की बीमारी हुई है या नहीं
- एलर्जी के साथ अन्य मेडिकल कंडीशन
- डायटरी हैबिट्स
बीमारी को ठीक करने के लिए वर्तमान में होने वाले लक्षणों से कारण को एंडोक्रिनोलॉजिस्ट पहचानते हैं। कई बार एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ऐसे लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं जो गैर जरूरी है, बावजूद उसके उनकी कही बातों के अनुसार जवाब देना चाहिए, क्योंकि वो बीमारी के लिए जरूरी होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हार्मोन लेवल शरीर के कई हिस्सों व सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। जरूरत पड़ने पर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट मरीज का हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, स्किन की स्थिति, बाल, दांत और मुंह की जांच कर सकते हैं। जरूरी मामलों में मरीज के खून के साथ पेशाब के सैंपल की जांच की जाती है। इन तमाम तत्वों की जांच करने के बाद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ट्रीटमेंट के लिए आगे बढ़ते हैं।
हार्मोन शरीर के कई फंक्शन को प्रभावित करता है। वहीं हार्मोन में होने वाले इम्बैलेंस के कारण कई प्रकार की समस्या हो सकती है। हार्मोन संबंधी समस्या दिखे तो मरीज के फैमिली डॉक्टर या फिर जेनरल फिजिशियन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकते हैं।