कैल्शियम सिग्नलिंग अनपेयर क्यों होते हैं इसके बारे में अभी तक सही सही जानकारी नहीं मिल पाई है, वहीं शोध जारी है। वहीं ओबेसिटी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी क्यों होती है इसके सही सही कारणों के बारे में जानने के लिए रिसर्चर्स ने और तथ्य पता किए। जिसमें इंसानों के टिशू के साथ चूहों के सेलुलर मैकेनिज्म की जांच की, इसमें पता चला कि दोनों ही परिस्तिथियों के कारण मोटापा बढ़ता है।
शोध से यह भी पता किया कि एक प्रकार का प्रोटीन जिसे टीआरपीवी 4 जो एक प्रकार का जीन है कहा जाता है, यह हमारे एंडोथिलियल सेल्स (endothelial cells) के मेंब्रेन में मौजूद होता है। जो ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने के लिए कैल्शियम आयन को सेल्स में आने की इजाजत देता है।
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ओबेसिटी में प्रोटीन सुचारू रूप से नहीं करता काम
शोधकर्ताओं ने ओबेसिटी में इस बात का भी पता किया कि प्रोटीन अपना काम सुचारू रूप से नहीं करता है। ऐसा मायोएंडोथिलियल प्रोजेक्शन के केस में होता है, यह एंडोथिलियल सेल्स का व्यापक रूप है। एक्सपर्ट पीएचडी होल्डर स्पनिल सोलकुसारे ने कहा कि सामान्य स्थिति में छोटे मायोएंडोथिलायर प्रोजेशन्स टीआरपीवी 4 सामान्य ब्लड प्रेशर को सुचारू रूप से काम करने में मददगार साबित होते हैं। ऐसे में कैल्शियम के लिए सामान्य रूप से जब यह तमाम चीजें काम नहीं करती हैं तो उस स्थिति को पैथालॉजिकल माइक्रोडोमेन्स (pathological microdomains) कहा जाता है। ऐसे में न केवल ओबेसिटी के लिए बल्कि कार्डियोवेस्कुलर डिस्ऑर्डर के लिए भी पैथालॉजिकल माइक्रोडोमेन्स काफी अहम हो जाती है।
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इलाज के लिए डॉक्टरी सलाह लेना होगा बेहतर
एक्सपर्ट बताते हैं कि ओबेसिटी के मामले में एंडोथीलियल सेल्स के सेग्मेंट टीआरपीवी 4 एक्जीबिट को रोक कर रखते हैं, इसके कारण इंजाइम्स में इजाफा होता है, इस वजह से पेरोक्सीनिट्रेट में इजाफा होता है।
यह एक प्रकार का आयन होता है जो टीआरपीवी 4 को शांत कर देता है, उस कारण एपीथिलियल सेल्स से कैल्शियम का निकलना बंद हो जाता है। यह तमाम प्रक्रिया होने की वजह से सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर का रेगुलेशन नहीं हो पाता, वहीं नतीजा यह होता है कि ब्लड प्रेशर ऊपर उठने लगता है। ऐसे में मोटापा और ब्लड प्रेशर के बीच का यह काफी अहम संबंध में से एक है।