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पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर का नियंत्रण (How to control postprandial blood sugar)
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial blood sugar) को बढ़ने से नियंत्रित करने के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं जैसे:
सही इंसुलिन (Insulin) का प्रयोग
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial blood sugar) को नियंत्रित करने के लिए सही इंसुलिन आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसमें आमतौर पर, इंसुलिन जो जल्दी और थोड़े समय के लिए काम करती है वो अधिक उपयोगी है। उदाहरण के लिए, रैपिड-एक्टिंग इंसुलिन एनालॉग्स (हैमोग्ल, नोवोलोग या एपिड्रा) भोजन के बाद की ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए बेहतर है। नए अल्ट्रा-रैपिड इंसुलिन, जैसे की (Fiasp) और भी तेज़ी से काम करते हैं।
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सही दवाई का चुनाव करें (Choose right medicine)
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial blood sugar) की स्थिति में भी आपको डॉक्टर द्वारा बताई गयी दवाइयों को सही तरीके और सही समय पर लेना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवाई का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
कम और संतुलित खाएं (Eat less and balanced)
जब आप भोजन या नाश्ता करते हैं तो उसके एक हिस्से को एक या दो घंटे बाद के लिए बचा लें। एक बार में पूरा भोजन न खाएं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास नाश्ते के लिए पोहा का एक कटोरा और नारियल पानी है, तो उस समय पोहा खा लें, और उसके एक या दो घंटे बाद नारियल पानी पीएं। संतुलित आहार लें ऐसा भोजन लें जिसमें प्रोटीन, फाइबर हो जैसे अनाज, फल और सब्जियां। अधिक चीनी या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को लेने से बचे, खासतौर पर खाली पेट इन्हें न लें। अल्कोहलिक पेय और अल्कोहल भी न पीएं। अपनी ब्लड शुगर को समय-समय पर जांचें। खासतौर पर भोजन करने से पहले भी इसकी जांच अवश्य करें।
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शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम आदि शुगर के नियंत्रण के लिए बहुत आवश्यक हैं। खाने के बाद कुछ देर शारीरिक गतिविधियां करने से आप पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial blood sugar) के बढ़ने की समस्या को कम कर सकते हैं। खाने के बाद दस से पंद्रह मिनटों तक कुछ न कुछ शारीरिक गतिविधि अवश्य करें। इसका अर्थ हैं कि खाने के बाद अधिक समय तक बैठे न रहें।
सुबह का नाश्ता अवश्य करें
चाहे सुबह आपको जितनी भी जल्दी हो लेकिन सुबह के नाश्ते को न छोड़े। एक अध्ययन के अनुसार लोग जिन्हें डायबिटीज है और जो नाश्ता नहीं करते हैं। उनमें पोस्टप्रांडियल स्पाइक्स यानी ब्लड शुगर के बढ़ने की संभावना अधिक होती है।
तनाव से बचें (Avoid stress)
तनाव भी पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial blood sugar) को बढ़ने का एक कारण हो सकता है इसलिए तनाव, चिंता और अवसाद से दूर रहना आवश्यक है। इसके लिए आप सकारात्मक रहें, योग करें, अपने पसंद के कार्य में व्यस्त रहें, पर्याप्त नींद लें या दोस्तों व प्रियजनों के साथ समय बिताएं। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित होने में मदद मिलेगी।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर(Postprandial blood sugar) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर मन में अधिक प्रश्न हैं, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।