कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से जहां दिल्ली बेहाल है वहीं, 9 जून,2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर मीडिया में उनमें गले की खराश और हल्के बुखार की जानकारी दी थी। उस वक्त अरविंद केजरीवाल में कोरोना के लक्षण होने की वजह से उन्होंने खुद को होम आइसोलेट कर लिया था। उनमें दिखने वाले कोरोना के लक्षण जैसे कि बुखार और गले में खराश की समस्या पाई गई। उन्हें डायबिटीज की परेशानी है, इसलिए वे कोरोना के हाई रिस्क पर थे। इसलिए 10 जून, 2020 को सीएम अरविंद केजरीवाल का कोरोना टेस्ट करवाया गया। जिसके बाद उसी दिन शाम को उनकी नोवल कोरोना की जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई।
और पढ़ें : एक्सपर्ट ने दी कोरोनावायरस (कोविड-19) ट्रेवल एडवाइस, यात्रा में रहेंगे सेफ
कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण क्या हैं?
कोरोना के लक्षण निम्न हैं, जो बेहद सामान्य है :
दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री में कोरोना के लक्षण में तेज बुखार और सांस लेने में समस्या महसूस हुई। इसलिए डॉक्टर ने उनका कोविड-19 टेस्ट किया।
इसके अलावा जर्मनी के एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये बात मानी गई है कि कोरोना से संक्रमित लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। कहने का मतलब ये है कि लोगों में कोरोना संक्रमण होने पर टेस्ट और स्मेल पावर पर फर्क पड़ता है जिससे किसी चीज की ना तो महक मिलती है और ना ही स्वाद। स्वाद और महक के लक्षण 66 प्रतिशत मरीजों में नजर आए हैं। कोरोना का एक अन्य लक्षण डायरिया भी हो सकता है। कोरोना के 20 प्रतिशत मरीजों में डायरिया की शिकायत देखने को मिली है।
और पढ़ें : सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है कोरोना का इलाज, सतर्क रहें इस फर्जी प्रिस्क्रिप्शन से
कोरोना संक्रमण से इम्यूनिटी हो जाती है कमजोर
हाल ही में आई एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे लोगों को ये जानकारी बिल्कुल नहीं हो पाई थी कि वे संक्रमित कैसे हो गए। ज्यादातर मरीजों का कहना था कि वे किसी भी संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए ही नहीं हैं। स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों को पेट संबंधी समस्या थी, उनकी समस्या समय के साथ ज्यादा बढ़ गई। वहीं, जिन लोगों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम नहीं था, इन लोगों में लिवर डैमेज होने के मामले सामने आए। कोरोना वायरस लिवर पर अटैक कर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे व्यक्ति की इम्यूनिटी खुद ही बहुत कमजोर हो जाती है। कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम की जरूरत होती है।