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हैंड सैनिटाइजर के असर के बारे में डर क्या है?
ट्विटर पर मिले पोस्ट के मुताबिक, लोगों के मन में यह डर है कि कोरोना वायरस का खतरा हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बढ़ सकता है। लोगों को लगता है कि हैंड सैनिटाइजर के असर की वजह से हमारे हाथ की त्वचा का पीएच लेवल (ph level) बिगड़ जाता है और उससे धीरे-धीरे हाथों की त्वचा रूखी हो जाती है और उसमें दरारें आने लगती हैं। जिससे हाथों में कीटाणुओं के रहने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
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हाथों पर हैंड सैनिटाइजर के असर का सच क्या है?
हैंड सैनिटाइजर के असर के कारण आपके हाथों की त्वचा एसेडिक से ज्यादा अल्कालाइन हो जाती है। क्योंकि, हमारी त्वचा का पीएच लेवल 5.5 से लेकर 6.5 के बीच होता है और हैंड सैनिटाइजर का पीएच लेवल 7 (सामान्य स्तर) से लेकर थोड़ा ज्यादा होता है। जिससे त्वचा का पीएच लेवल थोड़ा बिगड़ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, पीएच लेवल जब एसेडिक से सामान्य की तरफ या उससे ज्यादा हो जाता है, तो उसमें कुछ बैक्टीरिया के पनपने की आशंका हो जाती है। लेकिन, उनका कहना है कि, अभी तक ऐसा कोई प्रमाण या सबूत नहीं मिला है कि पीएच लेवल बिगड़ जाने से कोरोना वायरस का त्वचा के संपर्क में आने का खतरा ज्यादा हो जाता है। वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको फिर भी कोई चिंता है, तो सैनिटाइजर के असर को कम करने के लिए हाथों पर मॉश्चराइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे हाथों का रुखापन कम हो जाता है।
इसके अलाव, एक्सपर्ट का कहना है कि, कोरोना वायरस आपके हाथों की त्वचा से शरीर में प्रवेश नहीं करता है। बल्कि, वह आपक हाथों के जरिए नाक, मुंह या आंख के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है, जिसके बाद बुखार, खांसी या सांस संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं। इसलिए आपको हाथों की स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना चाहिए और बाहर या बाहरी सतह को छूने के बाद हाथों को मुंह या नाक के संपर्क में नहीं लाना चाहिए।