विश्वभर में महामारी कोरोना वायरस की जो अवस्था है, ऐसे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि क्वॉरेंटाइन आने वाले दिनों में कब तक रह सकता है। सरकार की सहूलियत के हिसाब से लोग घरों में रह रहें हैं। वहीं, ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है, जिन्हें घर में रहने के लिए सरकार को पुलिस और आर्मी की भी जरूरत पड़ रही है। लॉकडाउन में बोरियत सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि छोटे और बड़े बच्चों के लिए भी सिर दर्द बना हुआ है। लॉकडाउन में बोरियत से छोटे बच्चों सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई पैरेंट्स का कहना है कि वो लॉकडाउन में बोरियत से बचने के लिए इंटरनेट और फोन पर तरह-तरह के ऑनलाइन गेम्स खेल लेते हैं। लेकिन, अपने छोटे बच्चों को फोन की लत नहीं लगा सकते हैं। ऐसे में उनकी समस्या है कि वो बच्चों को लॉकडाउन में बोरियत से कैसे बचाएं।